भोपाल। नामीबिया से आए चीते मध्यप्रदेश मे ही रहेंगे. पालपूर कूनों से इन्हें राजस्थान शिफ्ट किए जाने की तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र सिंह यादव ने भोपाल में ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि पालपुर कूनों से चीतों को शिफ्ट किए जाने का कोई प्लान नहीं है. कूनो में चीते और शावकों की मौत पर उन्होंने कहा कि जो मौते हुईं उनकी वजह स्पष्ट है. ऐसा नहीं कि कूनो का वातावरण चीतों के अनुकूल नहीं है. मंत्री भूपेन्द्र सिंह यादव से जब पूछा गया कि राजस्थान के रणथम्बोर का बाघ कूनो नेशनल पार्क में आ जाता है. इस पर यादव ने चुटकी लेते हुए कहा कि बाघ हैं कहीं भी जा सकते हैं, पत्रकार थोड़े ही है जो मंत्री से सवाल पूछने मेरे पीछे ही आएंगे.
तो चीते फाईनली पालपुर कूनों में ही रहेगें: मध्यप्रदेश के कूनों नेशनल पार्क में तीन शावकों समेत 6 चीतों की मौत के बाद कहा गया था कि अब एमपी के कूनो नेशनल पार्क की क्षमता को देखते हुए जल्द वहां से चीतों के एक ग्रुप को जिसमें 6 के करीब चीते होंगे, राजस्थान के किसी अभ्यारण्य में शिफ्ट किया जा सकता है. कहा ये गया था कि वन्यजीव विशेषज्ञों की राय के बाद चीतों को शिफ्ट किए जाने की रणनीति बनी है, लेकिन केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र सिंह यादव ने ईटीवी भारत से बातचीत में ये स्पष्ट कर दिया कि पालपुर कूनों से चीतों को शिफ्ट किए जाने का कोई प्लान नहीं है. चीते वहां अनकूल परिस्थिति में हैं. किसी भी तरह की कोई ऐसी दिक्कत नहीं है कि जिसकी वजह से चीतों को कूनों से कहीं और भेजा जाए. मंत्री भूपेन्द्र सिंह यादव ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि राजस्थान में तो शिफ्ट किए जाने का सवाल ही खड़ा नहीं होता, वहां का तापमान तो मध्यप्रदेश से भी ज्यादा है.
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चीतों की मौत के बाद उठा था सवाल: असल में तीन शावकों समेत छह चीतों की मौत के बाद से ये कहा जा रहा था कि चीतों को अब राजस्थान शिफ्ट किया जा सकता है. यहां तक कहा गया कि वहां अभ्यारण्य को इसी हिसाब से तैयार रखने के लिए भी कहा भी गया है. असल में पालपूर कूनो में जिस ढंग की तैयारियों के बाद चीते लाए गए थे और उसके बाद अभी कुछ महीनों के भीतर ही चीतों की जो मौत हुई है. उसके बाद कूनों की क्षमता को लेकर सबसे ज्यादा सवाल उठे थे.