सूरत : अपने जिगर के टुकड़ों की मौत के बाद उनके अंगों का दान करना वाकई बेहद कठोर फैसला होता है. लेकिन गुजरात के सूरत में रहने वाले दो परिवारों ने इस कठिन घड़ी में अपने आप पर संयम रखा और अंगदान का नेक फैसला किया. डोनेट लाइफ (Donate Life) द्वारा यह 35वां हृदयदान और 9वां फेफड़ों का दान है. इसी के साथ संस्था का यह एक दिन में कुल 13 अंगों और टीस्यु का दान है.
12 लोगों को मिलेगी नई जिंदगी
दरअसल, सूरत के 18 वर्षीय दो दोस्त (मीत कल्पेश कुमार पंड्या और क्रीश संजय कुमार गांधी ) 4 अगस्त को एक सड़क हादसे का शिकार हो गए थे. जिसके बाद दोनों को घायल अवस्था में निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां उनके ब्रेन हेमरेज होने का पता चला, चार दिन बाद में उन्हें ब्रेनडेड घोषित कर दिया गया. उनकी मौत के बाद दोनों दोस्तों के परिवार ने डोनेट लाइफ संस्था के माध्यम से अपने बेटों की किडनी, लिवर, हृदय, फेफड़े और आंखों को दान करने का विचार किया. इस दान से कुल 12 लोगों को नया जीवन मिलेगा.
सेवानिवृत जवान को फेफड़ा दान
मृतक क्रिश के फेफड़े को सेवानिवृत जवान को दिया गया है, जो पिछले डेढ़ साल से लगातार 24 घंटे ऑक्सीजन सपोर्ट पर है. सूरत से हैदराबाद तक फेफड़ों को पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाकर 180 मिनट में 926 किमी की दूरी तय की गई. वहीं चार किडनी समेत मृतक मित के हृदय, लीवर को अहमदाबाद भेजा गया.
90 मिनट में 288 किमी का सफर
बता दें, सूरत से अहमदाबाद तक की 288 किमी दूर अंगों को पहुंचाने के लिए 90 मिनट का समय लिया गया. वडोदरा की 21 वर्षीय लड़की में मृतक मित का हृदय ट्रांसप्लांट किया गया. जबकी क्रिश का लीवर राजकोट के एक 55 वर्षीय शिक्षक और मित के लीवर को बायड के रहेवासी 47 वर्षीय शिक्षक को ट्रांसप्लांट किया गया. दान की गई चारों किडनी Institute Of Kidney Disease And Research Centre (IKDRC) को दान कर दी गई हैं.
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अहमदाबाद और हैदराबाद दोनों के विभिन्न अंगों को ले जाने के लिए कुल 4 ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए.