हैदराबाद: यूलिप को एक ऐसी हाइब्रिड स्कीम कहा जा सकता है, जो किसी व्यक्ति के इंश्योरेंस और इनवेस्ट की जरूरतों पूरा करती है. इस स्कीम के तहत भी भुगतान किए गए प्रीमियम में कुछ राशि इंश्योरेंस कवरेज के लिए रखी जाती है जबकि बाकी बची रकम को पॉलिसीधारक के विवेक पर फंडस में इनवेस्ट किया जाता है. इस स्कीम में खास यह है कि भुगतान किए गए प्रीमियम पर धारा 80सी की तहत टैक्स में छूट मिलती है. 2.5 लाख रुपये से कम वार्षिक प्रीमियम वाली पॉलिसी की मैच्युरिटी धारा 80CCD के तहत टैक्स फ्री है. इनके अलावा, कई ऐसे कारण है, जिस पर पॉलिसी खरीदते समय विचार करना जरूरी है.
किसी भी पॉलिसी या फाइनेंशियल स्कीम में नॉमिनी का होना महत्वपूर्ण है. जब पॉलिसीधारक के साथ अप्रिय घटना हो जाती है तो नॉमिनी ही उचित राशि के मुआवजे का हकदार होता है. जब आप यूलिप पॉलिसी खरीदने पहले यह जरूर देखें कि पॉलिसी कितना कवर करेगी. यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की स्थिति में इंश्योरेंस पॉलिसी को परिवार की जरूरतों को पूरा करेगी या नहीं. बुरे समय में परिवार को आर्थिक तंगी से बचने के लिए जरूरी रकम की पॉलिसी लेनी चाहिए. यदि पॉलिसीधारक के सामने कोई समस्या नहीं है तो उसे मैच्युरिटी के बाद मारगेज चार्ज के लिए पॉलिसी को चुनना चाहिए.
इसके लिए पॉलिसी मैनेजमेंट कॉस्ट, प्रीमियम अलॉटमेंट चार्जेज, टॉप मैनेजमेंट चार्ज, टॉप-अप फीस, मारगेज और एन्सिलेरी पॉलिसी जैसी अतिरिक्त कॉस्ट को वहन करना होगा. विभिन्न बीमा कंपनियों में चार्जेज अलग-अलग हो सकते हैं. पॉलिसी के लिए बीमा कंपनी से संपर्क करने से पहले आपको इन एक्स्ट्रा चार्जेज के बारे में पता करना चाहिए. यह नहीं भूलें कि भुगतान किए गए प्रीमियम से इनमें जाने वाली राशि भी रिटर्न को प्रभावित करती है. नई जेनरेशन के यूलिप के लिए शुल्क आमतौर पर कम होते है . यूलिप एक लॉन्ग टर्म स्कीम है, इसलिए पॉलिसी लेने से पहले ऐसी स्कीम देने वाली कंपनी की विश्वसनीयता और क्लेम पेमेंट हिस्ट्री जरूर देखना चाहिए.
बजाज आलियांज लाइफ की एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट रेशमा बांदा कहती हैं कि जो लोग अपने निवेश में जोखिम नहीं उठा सकते हैं, उन्हें डेब्ट स्कीम में इन्वेस्ट करने पर ध्यान देना चाहिए. जो लोग अच्छा रिटर्न चाहते हैं वे इक्विटी में निवेश कर सकते हैं. हाइब्रिड फंड को इक्विटी और डेब्ट फंड के कॉम्बिनेशन के रूप में भी चुना जा सकता है. पॉलिसी लेते समय आपको अपने लक्ष्यों के हिसाब से पॉलिसी की तुलना जरूर करना चाहिए. ऐसे स्कीम में इन्वेस्ट से पहले फंड्स की परफॉर्मेंस, उसकी हिस्ट्री के बारे में जानना जरूरी है.
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