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42 सांसदों ने किया स्वतंत्र बैठने का दावा, सत्तारुढ़ श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना ने खोया बहुमत - Sri Lankan President Gotabaya Rajapaksa

श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (Sri Lankan President Gotabaya Rajapaksa) की सत्तारूढ़ पार्टी श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (SLPP) ने मंगलवार को संसद में अपना बहुमत खो (lost his majority in parliament) दिया है. क्योंकि 42 सांसदों ने घोषणा की है कि वे स्वतंत्र रूप से बैठेंगे.

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Published : Apr 5, 2022, 3:29 PM IST

कोलंबो: श्रीलंका में सियासी उथल-पुथल के बीच श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (Sri Lankan President Gotabaya Rajapaksa) की सत्तारूढ़ पार्टी श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (SLPP) ने मंगलवार को संसद में अपना बहुमत (lost his majority in parliament) खो दिया है. उनके 42 सांसदों ने घोषणा की है कि वे स्वतंत्र रूप से बैठेंगे.

राष्ट्रपति ने क्या कहा था: श्रीलंका में जारी आर्थिक संकट के बाद हालात बहुत खराब हैं. श्रीलंका में जारी राजनीतिक उथल-पुथल के बीच राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने कहा है कि वह इस्तीफा नहीं देंगे लेकिन संसद में 113 सीटों वाली किसी भी पार्टी को सरकार सौंपने के लिए तैयार हैं. डेली मिरर अखबार की रिपोर्ट के अनुसार सोमवार को राजपक्षे ने देशभर में सार्वजनिक विरोध के बीच कई राजनीतिक बैठकें की थीं.

विपक्ष को सत्ता का ऑफर: श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (SLPP) के सांसद और पूर्व मंत्री निमल लांजा ने कहा है कि सरकार निश्चित रूप से संसद में अपना बहुमत खो देगी क्योंकि 50 से अधिक सांसदों ने स्वतंत्र रूप से निर्णय करने का फैसला किया है. सांसद ने सरकार से विपक्ष को सत्ता सौंपने का आग्रह किया. इसी बीच एसएलपीपी के मुख्य गठबंधन सहयोगी श्रीलंका फ्रीडम पार्टी (SLFP) ने घोषणा की है कि सभी 14 सांसद सरकार छोड़ देंगे. अपने भाई महिंदा राजपक्षे की सरकार में एक पूर्व रक्षा सचिव गोटाबाया राजपक्षे ने तमिल विद्रोही टाइगर्स के खिलाफ 26 साल से चल रहे युद्ध को समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

यह भी पढ़ें- श्रीलंका के नए वित्त मंत्री ने नियुक्ति के एक दिन बाद ही दिया इस्तीफा

कोलंबो: श्रीलंका में सियासी उथल-पुथल के बीच श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (Sri Lankan President Gotabaya Rajapaksa) की सत्तारूढ़ पार्टी श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (SLPP) ने मंगलवार को संसद में अपना बहुमत (lost his majority in parliament) खो दिया है. उनके 42 सांसदों ने घोषणा की है कि वे स्वतंत्र रूप से बैठेंगे.

राष्ट्रपति ने क्या कहा था: श्रीलंका में जारी आर्थिक संकट के बाद हालात बहुत खराब हैं. श्रीलंका में जारी राजनीतिक उथल-पुथल के बीच राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने कहा है कि वह इस्तीफा नहीं देंगे लेकिन संसद में 113 सीटों वाली किसी भी पार्टी को सरकार सौंपने के लिए तैयार हैं. डेली मिरर अखबार की रिपोर्ट के अनुसार सोमवार को राजपक्षे ने देशभर में सार्वजनिक विरोध के बीच कई राजनीतिक बैठकें की थीं.

विपक्ष को सत्ता का ऑफर: श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (SLPP) के सांसद और पूर्व मंत्री निमल लांजा ने कहा है कि सरकार निश्चित रूप से संसद में अपना बहुमत खो देगी क्योंकि 50 से अधिक सांसदों ने स्वतंत्र रूप से निर्णय करने का फैसला किया है. सांसद ने सरकार से विपक्ष को सत्ता सौंपने का आग्रह किया. इसी बीच एसएलपीपी के मुख्य गठबंधन सहयोगी श्रीलंका फ्रीडम पार्टी (SLFP) ने घोषणा की है कि सभी 14 सांसद सरकार छोड़ देंगे. अपने भाई महिंदा राजपक्षे की सरकार में एक पूर्व रक्षा सचिव गोटाबाया राजपक्षे ने तमिल विद्रोही टाइगर्स के खिलाफ 26 साल से चल रहे युद्ध को समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

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