करनाल : भक्तों के लिए प्रदोष व्रत का एक खास महत्व होता हैं. कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति प्रदोष व्रत को पूरी श्रद्धा और निष्ठा के साथ पूरा करते हैं, भगवान भोलेनाथ उनके जीवन से सभी कष्टों और परेशानियों को दूर कर देते हैं. इस बारे में पंडित विश्वनाथ ने बताया कि प्रदोष व्रत में प्रदोष काल में पूजा करने का खास महत्व होता है. अगर आप इस व्रत को करते हैं तो शिव की कृपा से जीवन में सुख और शांति आएगी और आपके सभी मनोरथ सिद्ध होंगे.
उन्होंने बताया कि इस बार त्रयोदशी माघ मास के शुक्ल पक्ष में पड़ रही है, जिसे और भी अधिक फलदाई माना जाता है. प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है, जिससे उत्तम स्वास्थ्य, सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है.
प्रदोष पूजन का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, इस वर्ष माघ मास की त्रयोदशी 13 फरवरी को शाम 6.42 बजे शुरू हो रही है, जो 14 फरवरी को रात 8.28 बजे तक रहेगी. लेकिन प्रदोष व्रत सोमवार 14 फरवरी को रखा जाएगा. इतना ही नहीं, सोमवार को प्रदोष व्रत पड़ने के कारण यह सोम प्रदोष व्रत है. पूजन का शुभ मुहूर्त शाम शाम 6.10 बजे से रात 8.28 बजे तक रहेगा.
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इसके साथ ही, प्रदोष व्रत आयुष्मान योग में पड़ रहा है. 14 फरवरी को प्रदोष व्रत के दिन आयुष्मान योग रात 9.29 बजे तक रहने वाला है. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का भी फल देने वाला संयोग बन रहा है. सर्वार्थ सिद्धि योग रात 11.53 बजे पर शुरू होगा जो अगले दिन 15 फरवरी को सुबह सात बजे तक रहने वाला है. वहीं, इस दिन का शुभ मुहूर्त दोपहर 12:13 से 12:58 तक रहने वाला है.