जगदलपुर: जगदलपुर की धरती पर पुरी पीठ के पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने कई बड़े बयान दिए. जगदलपुर के लाल बाग परेड ग्राउंड में उन्होंने एक धर्म सभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने सरकार की तरफ से मंदिरों पर नियंत्रण का मुद्दा भी उठाया.उन्होंने कहा कि मठ मंदिरों की आमदनी का शासन की तरफ से दुरूपयोग हो रहा है. हिंदुओं के खिलाफ साजिश रचने का आरोप भी उन्होंने लगाया. हालांकि इस आरोप के संबंध में उन्होंने कोई नाम नहीं लिया. प्रदेश सरकार पर मुसलमानों को बसाने का आरोप शंकाराचार्य ने लगाया.
संघ प्रमुख मोहन भावगत में ज्ञान की कमी: शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने संघ प्रमुख पर बयान दिया. उन्होंने उनकी तरफ से ब्राह्मणों पर की गई टिप्पणी को लेकर नाराजगी जाहिर की और कहा है कि संघ प्रमुख में ज्ञान की कमी है. शंकराचार्य ने उन्हें अध्ययन की सलाह दी है.
संघ प्रमुख पर शंकराचार्य ने क्या कहा: शंकराचार्य ने कहा कि" सबके पूर्वज सनानत वैदिक धर्म के हैं. सबको शिक्षित करने वाले ब्राह्मण होते हैं . शिक्षा, रक्षा, अर्थसेवा के प्रकल्प सनातनी हैं. इसलिए सनातन वर्ण व्यवस्था को नहीं मानेंगे तो कौन सी वर्ण व्यवस्था को मानेंगे. आरएएसएस की लाचारी है कि उनके पास कोई ग्रंथ ही नहीं है. इसलिए वह 12 महीने बोलते रहते हैं. ज्ञान विज्ञान का बल नहीं है. जो नहीं कहना चाहिए वह कह देते हैं"
शंकराचार्य ने आगे कहा कि" इसलिए वह कह रहे हैं कि पंडितों ने वर्ण व्यवस्था बनाया. पंडित शास्त्र के जानकार थे. विश्व में अर्थ यानि अर्थशास्त्र की गुत्थी सुलझाने के लिए भी लोग ब्राह्मण के पास आते हैं. पांच मई 1999 को विश्व बैंक ने एक महिला अधिकारी को मेरे पास भेजा. अर्थ की गुत्थी सुलझाने के लिए." शंकराचार्य ने मोहन भागवत को और अध्ययन की सलाह दी है.
मैं नक्सलवाद को खत्म कर दूंगा: नक्सलवाद पर शंकराचार्य ने दावा किया और कहा कि मैं "नक्सलवाद को खत्म कर दूंगा. नक्सली राजनीतिक पार्टियों के पाले हुए हैं. सत्तारुढ़ कांग्रेस और विपक्ष दोनों नक्सलवाद से अपना हाथ खीच लें. मैं नक्सलवाद को खत्म कर दूंगा"
पीएम मोदी के बारे में शंकराचार्य का बयान: शंकराचार्य ने कहा कि "पीएम मोदी हिंदुत्व के पक्षधर नहीं हैं. वह जिस दिन गौरक्षकों को गुंडा कहना बंद कर देंगे. मैं उस दिन उन्हें हिंदुओ का हिमायती और पक्षधर मानूंगा. पीएम मोदी कूटनीति मे विख्यात हैं. लेकिन उन्हें खुद निरीक्षण करना चाहिए. वह अगली बार पीएम बनेंगे या नहीं इस बारे में जब वह मिलेंगे तो मैं उन्हें कान में बताऊंगा"
यूपी के सीएम और असम के मुख्यमंत्री की तारीफ की: पुरी पीठ के पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ की. उन्होंने कहा कि उनमें अनुशासन और कई गुण हैं. उनमें राजनीति के साथ साथ शासन करने की क्षमता भी है. न तो ये हिंदुओं पर अन्याय करते हैं न ही करने देते हैं. शंकराचार्य ने असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा की भी तारीफ की. उन्होंने कहा कि ये भी हिंदुओं के पक्षधर हैं, खाऊ किस्म के नहीं हैं"
लखमा पर बरसे शंकराचार्य: बस्तर में हो रहे धर्मांतरण और मंत्री कवासी लखमा के बयान आदिवासी हिंदू नही है पर शंकराचार्य ने टिप्पणी करते हुए कहा कि" पूर्व में भी इस तरह की बातें वनवासियों के लिए कही जाती रही हैं. लेकिन स्वयं वनवासी अपने आपको गर्व से हिंदू बताते हैं"
धीरेंद्र शास्त्री का किया बचाव: शंकराचार्य ने बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र शास्त्री का बचाव किया. उन्होंने कहा कि वह हिंदुत्व की रक्षा कर रहे हैं.यदि किसी को इस बारे में जानना है तो वह बागेश्वर धाम के शास्त्री के पास जाकर देख लें.
विकास, पर्यावरण और राजनीति में सामंजस्य स्थापित करें: विकास, पर्यावरण और राजनीति तीनों में सामंजस्य स्थापति करें तो यह अच्छा रहेगा. सुसंकृत, सुशिक्षित, सुरक्षित, संपन्न, सेवापरायण, स्वस्थ, सारगर्भित्तव, व्यक्ति और समाज की संरचना, वेदादिशास्त्र सम्मत राजनीति की परिभाषा है. भगवान का अवतार भारत में ही होता है. यहां के लोग भक्ति भाव से भरे होते हैं. आस्तिक होते हैं. कूटनीति के कई तत्व होते हैं.