भोपाल। दिग्विजय सिंह और ज्तोतिरादित्य सिंधिया एक दूसरे के मुकाबिल खड़े होते हुए भी आमने सामने कम ही आते हैं. जब आते हैं तो सियासी चर्चा में छा जाते हैं. इस बार कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद से सदस्यता रद्द होने के मुद्दे पर राजा साहब और महाराज फिर एक दूसरे के आमने सामने हैं. असल में दिग्विजय सिंह ने जर्मनी के विदेश मंत्रालय और रिचर्ड वॉकर को धन्यवाद देते हुए कहा कि आपका आभार कि आपने नोटिस लिया कि राहुल गाधी को प्रताड़ित करने के लिए किस तरीके से भारतीय लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है. जिसके पलटवार मे केन्द्रीय मंत्री ज्योतरादित्य सिधिया ने कहा इंडियन नेशनल कांग्रेस अब फॉरेन नेशनल कांग्रेस है. न्यायपालिका के साथ आम जनता की भावनाओं का अपमान और हमारे सशस्त्र बलों की वीरता का अनादर करने के बाद दिग्विजय सिंह और कांग्रेस अब निम्नता के नए स्तर को छू रहे हैं.
राहुल गांधी के आमने सामने राजा और महाराज: राहुल गाधी के मुद्दे पर अर्से बाद एक दूसरे के आमने सामने हुए हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह. हांलाकि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को उनके इस ट्वीट को लेकर केन्द्र सरकार, केन्द्रीय कानून मंत्री भी विरोध दर्ज करा चुके हैं. लेकिन महाराज और राजा साहब की सियासी रंजिश इस एपीसोड के साथ फिर सतह पर आ गई.
जर्मन के विदेश मंत्रालय का आभार – दिग्विजय: दिग्विजय सिंह ने जर्मनी के विदेश मंत्रालय और रिचर्ड वॉकर का आभार जताते हुए लिखा है कि आपका आभार कि आपने इसे नोटिस में लिया है. आपने नोटिस किया की केवल कांग्रेस नेता राहुल गांधी को प्रताड़ित करने के लिए किस तरीके से भारत के लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है.
फॉरेन नेशनल कांग्रेस बन गई है कांग्रेस- सिंधिया: उधर केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिँधिया ने दिग्विजय के इस ट्वीट के जवाब में कहा कि कांग्रेस और दिग्विजय सिंह निम्नता के नए स्तर को छू रहे हैं. न्यायपालिका और देश के जनसमुदाय का अपमान, देश की सशस्त्र सेनाओं की वीरता का अनादर करने के बाद अब वे दूसरे देशों से समर्थन मांग रहे हैं.
कपिल सिब्बल भी कूदे मैदान में: हांलाकि दिग्विजय सिंह राहुल गांधी के मामले में आभार जताने के इस उपक्रम मे अपनी ही पार्टी के नेताओं के निशाने पर आ गए हैं. कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने समझाईश के लहजे में कहा कि दिग्विजय सिंह ने भारत में लोकतंत्र से किस तरह समझौता हो रहा है इसके लिए बर्लिन को धन्यवाद ज्ञापित किया है, लेकिन इस मुद्दे पर मेरा विचार ये है कि हमें आगे बढ़ने के लिए बैसाखियों की जरुरत नहीं है. हमें विदेश से किसी शख्स के समर्थन की जरुरत नहीं. ये लड़ाई हमारी अपनी है और हम साथ हैं.
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Thanked Berlin for " taking note of how democracy is being compromised in India"
My thought :
We don’t need crutches to walk ahead
We don’t need endorsements from abroad
Our fight is our own and in that we are together
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राजनीतिक पंड़ितों का आंकलन: वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक प्रकाश भटनागर कहते हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया जब से BJP में आए हैं बहुत संभल कर बयान देते हैं. उधर बयानों के मामले में दिग्विजय सिंह का मुकाबला देश में किसी से नहीं हो सकता. वो बयान इस हद तक देते हैं कि कांग्रेस को संकट में ला देते हैं. लेकिन इस बार जैसे राहुल गांधी के मुद्दे पर सिंधिया ने पलटवार किया है इसे निश्चित तौर पर एमपी विधानसभा चुनाव 2023 (MP Assembly Election 2023) के मद्देनजर देखा जाना चाहिए. मध्यप्रदेश चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया अहम भूमिका में होगे. उधर दिग्विजय सिंह भी जिस तरीके से काग्रेस के संगठन की मजबूती के लिए डटे हुए हैं, तो मोर्चे पर तो दोनों ही हैं. उम्मीद की जा सकती है कि चुनाव नजदीक आने तक तक ट्विटर पर छिड़ा ये सियासी वार बयानों की शक्ल में जमीन पर भी दिखेगा.