शाजापुर। शनिवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी मध्यप्रदेश के शाजापुर के कालापीपल विधानसभा क्षेत्र के पोलायकलां पहुंचे. यहां रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कास्ट सेंसस (जातिगत जनगणना) का मुद्दा उठाते हुए कहा कि देश में इसकी वजह से 50 फीसदी OBC वर्ग के लोगों को उनका पूरा हक और प्रतिनिधित्व नहीं मिल पा रहा. पीएम मोदी पर आरोप लगाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि दलितों और ओबीसी के साथ ही आदिवासियों के लिए ये सरकार काम नहीं करती. इन लोगों का हक मार रहे हैं पीएम मोदी. उन्होंने कहा कि देश में कोई नहीं जानता कि देश में किसकी कितनी आबादी है. ओबीसी कितने हैं, ये पता करना जरूरी है. इसके लिए कांग्रेस पार्टी एक्सरे की तरह काम करेगी और लोगों की सही संख्या पता करेगी. इसके बाद लोगों को उनका वाजिब हक दिया जाएगा.
मोदी सरकार ने ओबीसी का हक छीना : राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार जानती है कि देश में किस जाति के लोगों की संख्या कितनी है. मगर भागीदारी देने के डर से वे लोगों के सामने सही डेटा नहीं लाते. वो लोगों को चुप करा देते हैं. इसी वजह से वो इस मुद्दे को टाल रहे हैं. कांग्रेस की सरकार लोगों को बताएगी कि किस जाति के लोग कितने हैं, ये हमारा प्रण हैं. राहुल गांधी ने कहा कि कमलनाथ सरकार ने एमपी में 27 फीसदी ओबीसी को रिजर्वेशन दिलवाया था. लेकिन बीजेपी की सरकार बनते ही इसे रद्द कर दिया गया.
90 अफसरों में से OBC के महज 3 : राहुल गांधी ने कहा कि देश को केंद्र में बैठे 90 अधिकारी चलाते हैं. भारत की पूरी सरकार को 90 लोगों की गोद में डाल दिया है. यही अफसर, सेक्रेटरी देश में सब कुछ तय कर रहे हैं. मगर इन 90 अफसरों में से भी OBC महज 3 ही हैं. ये तीनों अफसर आज बताएं कि इनकी निर्णय लेने और बजट में पूरी भागीदारी क्यों नहीं है? ओबीसी वर्ग को भागीदारी देने के बजाए सरकार के 5% अधिकारी ही बजट तय करते हैं. इनमें से OBC नहीं हैं. शिक्षा से लेकर बच्चों के खाने पीने तक की पूरी प्रणाली ये 90 अफसर तय करते हैं. बीजेपी के MP और MLA से नीति बनाने से पहले कुछ नहीं पूछा जाता. वे लोग पॉलिसी नहीं बनाते. सारी पॉल्सी तो RSS बनाता है.
महिला आरक्षण ठीक, सरकार की मंशा पर सवाल : महिला आरक्षण को लेकर राहुल गांधी ने कहा " मैंने 2 लाइनों को मिटाने की मांग की. इन्होंने बिल में लिखा कि महिला आरक्षण से पहले सर्वे की जरूरत है. इसके अलावा डिनोटिफिकेशन करना जरूरी है. मगर सरकार मांग नहीं मानी हमने सवाल उठाया ऐसे तो 10 साल बाद महिला आरक्षण लागू हो पाएगा. इसलिए इन दो बिंदुओं को हटाइए. इसके बाद मैंने कहा कि महिला आरक्षण में ओबीसी आरक्षण क्यों नहीं है. एक तरफ पीएम मोदी कहते हैं वह ओबीसी के लिए काम करते हैं लेकिन ओबीसी महिलाओं को आरक्षण के मुद्दे पर पूरी बीजेपी खामोश है."
एमपी में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार : राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार के मुद्दे को मुख्य तौर से उठाया. उन्होंने कहा " एमपी में लूट हो रही है. व्यापमं चोरी का माध्यम बना और ओबीसी वर्ग की जेब से बीजेपी की सरकार पैसे चुरा रही है. मध्यप्रदेश में हिंदुस्तान का सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार है. भ्रष्टाचार के मामले में एमपी देश का केंद्र बन गया है. जितना भ्रष्टाचार बीजेपी नेताओं ने यहां किया इतना देश में कहीं नहीं हुआ. बीजेपी नेता बच्चों का फंड तक खा गए. महाकाल कॉरिडोर में भी जमकर भ्रष्टाचार हुआ. व्यापमं स्कैम को कौन भूल सकता है. व्यापमं स्कैम से एक करोड़ युवाओं को नुकसान पुहंचा. एमपी में एमबबीएस की सीटें बेची जाती हैं. पेपर लीक किए जाते हैं."
किसानों के मुद्दे उठाए : किसानों का मुद्दा उठाते हुए राहुल गांधी ने कहा "मध्यप्रदेश में किसानों की हालत बहुत खराब है. यहां 18 साल में 18 हजार किसानों ने आत्महत्या की है. एमपी में रोजाना 3 किसान जान दे रहे हैं. इसके लिए कौन जिम्मेदार है. क्योंकि ये बीजेपी गिने-चुने लोगों के लिए काम करती है. किसानों की मुसीबतों से इन्हें कोई मतलब नहीं है. वहीं कमलनाथ की सरकार ने किसानों का कर्जा माफ किया था. कांग्रेस की जहां भी सरकार है वहां किसानों के कर्जे माफ हुए. कमलनाथ ने भी कर्जा माफ किया लेकिन बीजेपी ने सौदेबाजी कर सरकार गिरवा दी."
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अडानी पर फिर हमला : राहुल गांधी ने एक बार फिर अडानी पर हमला किया. उन्होंने कहा "इस देश को दो उद्योगपति चलाते हैं. चाहे इंफ्रास्ट्रक्चर की बात हो, एयरपोर्ट की बात हो, पोर्ट की बात हो, खाद-बीज की बात हो. पूरा का पूरा काम अडानी की कंपनियां कर रही हैं. संसद में जब मैंने अडानी का मुद्दा उठाया तो मेरी लोकसभा से सदस्यता रद्द कर दी गई. लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. मैं सच बोलता रहूंगा. देश के लोगों की जेब से सारा पैसा अडानी की कंपनियों में जा रहा है. पूरी बीजेपी अडानी को बचाने में क्यों जुटी है. उन्होंने कहा कि यहां तक मीडिया पर इन दो उद्योगपतियों का कब्जा हो गया है. मीडिया के लोग दिनभर मोदी जी को दिखाते हैं. लेकिन इसमें पत्रकारों का कोई दोष नहीं है. क्योंकि रिमोट कंट्रोल तो किसी और के हाथ में है."