नई दिल्ली : पेगासस जासूसी मामले पर चर्चा की मांग कर रहे विपक्षी दलों के हंगामे के कारण संसद में गतिरोध बना हुआ है. इस बीच पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार सुबह कांस्टीट्यूशन क्लब में विपक्ष के नेताओं के साथ बैठक की. जिसमें सरकार को घेरने और दबाव बनाने की रणनीति पर चर्चा की गई.
इस बैठक में संसद के दोनों सदनों के तमाम विपक्षी दलों के नेता और सांसद भाग शामिल हुए. वहीं, आम आदमी पार्टी (आप) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) इस बैठक से नदारद रहीं.
कांग्रेस, द्रमुक, एनसीपी, शिवसेना, राजद, सपा, माकपा, भाकपा, आईयूएमएल, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी), केरल कांग्रेस (एम), झारखंड मुक्ति मोर्चा, नेशनल कॉन्फ्रेंस, टीएमसी और लोकतांत्रिक जनता दल (एलजेडी) के नेताओं ने शिरकत की.
विपक्षी नेताओं के साथ बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, हमें इस आवाज (लोगों की आवाज) को एकजुट करना होगा, ये आवाज जितनी एकजुट होगी उतनी ही मजबूत होगी, और भाजपा और आरएसएस के लिए इस आवाज को दबाना उतना ही मुश्किल होगा.
बता दें कि सोमवार को संसद भवन में राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कक्ष में प्रमुख विपक्षी नेताओं ने बैठक की थी. इस बैठक में शामिल नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार को पेगासस के मामले पर संसद में चर्चा करानी चाहिए और वे इस मांग को पुरजोर ढंग से उठाते रहेंगे.
सूत्रों ने यह भी बताया कि कुछ नेताओं ने सरकार के रुख के विरोध में संसद की कार्यवाही का सांकेतिक आयोजन (मॉक पार्लियामेंट) करने का सुझाव दिया है. माना जा रहा है कि विपक्षी नेताओं की आज की बैठक में इस पर कोई फैसला होगा.
राहुल गांधी ने विपक्षी नेताओं को ऐसे समय नाश्ते पर बुलाया है, जब पेगासस और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर पिछले कई दिनों से संसद के दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है. 19 जुलाई से मानसून सत्र आरंभ हुआ था, लेकिन अब तक दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही है.
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विपक्षी दलों का कहना है कि पेगासस जासूसी कांड पर पहले चर्चा कराने के लिए सरकार के तैयार होने के बाद ही संसद में गतिरोध खत्म होगा. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष की मांग को खारिज करते हुए गत शुक्रवार को लोकसभा में कहा था कि यह कोई मुद्दा ही नहीं है.
(पीटीआई-भाषा)