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President In Bhopal: राष्ट्रपति ने दी नसीहत - योग को लेकर भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं, इसे मजहब से जोड़कर न देखें

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Published : May 28, 2022, 3:53 PM IST

Updated : May 28, 2022, 5:46 PM IST

राष्ट्रपति (President Of India) रामनाथ कोविंद ने योग का महत्व बताते हुए कहा है कि कुछ लोग इसको लेकर भ्रम फैलाते हैं. उन्होंने कहा कि योग को कुछ लोग मजहब से जोड़ रहे हैं, इससे बचना चाहिए. राष्ट्रपति ने कोरोना काल का जिक्र करते हुए कहा कि विदेशों में भारत की वैक्सीन को लेकर सराहना हो रही है. उन्होंने इसके साथ ही प्राचीन आयुर्वेद पद्धति को आधुनिक पद्धतियों से जोड़ने पर जोर दिया. भोपाल में आरोग्य मंथन कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर राष्ट्रपति बोल रहे थे. (Do not linking yoga with religion)(Misconceptions are being spread about yoga)

President Kovind in Bhopal MP
योग को मजहब से जोड़कर न देखें

भोपाल। कुछ लोग योग को मजहब से जोड़ते हैं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है. डॉक्टर के पास कई मजहब के लोग जाते हैं. डॉक्टर कहे कि योगासन करना है, टहलना भी है तो ये सब काम करते हैं. क्योंकि डॉक्टर से विरोध नहीं करते. क्योंकि उसको अपने स्वास्थ्य की चिंता है. कुछ लोग योग को लेकर भ्रांतियां फैलाते हैं. इससे बचने की जरूरत है. प्रकृति के साथ जितना संपर्क में रहेंगे, उतने ही स्वस्थ रहेंगे. यह बात राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद नें भोपाल में कही. शनिवार को एक देश एक स्वास्थ्य को लेकर आरोग्य मंथन कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भोपाल के मिंटो हॉल में किया.

योग को मजहब से जोड़कर न देखें

भारत के कोरोना वैक्सीन की दुनिया में धाक : कार्यक्रम से पहले दीप प्रज्ज्वलित कर मंथन कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ. इसमें मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत आरोग्य भारती के पदाधिकारी मौजूद रहे. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि कोरोना के समय एक अलग ही स्थिति बन गई थी. हर व्यक्ति सोच रहा था कि वैज्ञानिक नहीं होते तो क्या होता. और सही मायने में जो वैक्सीन आई, उससे पूरी दुनिया में मानवता का एक बड़ा प्रतिशत बच गया. मैं अभी कुछ दिन पहले जमैका और एक अन्य कनाडियन देश में गया था. दोनों देशों में 8 कार्यक्रम संपन्न हुए. वहां भारत देश की बहुत प्रशंसा हुई. उनका कहना था कि अगर समय पर वैक्सीन नहीं मिली होती तो क्या होता. ये लोग बच नहीं पाते.

प्राचीन आयुर्वेद पद्धति को आधुनिक पद्धतियों से जोड़ें : राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे यहां आज इतनी सस्ती और अच्छी सुविधाएं हैं, ऐसी अन्य देशों में नहीं हैं. प्राचीन आयुर्वेद पद्धति को आधुनिक पद्धतियों से जोड़ना सभी के लिए लाभदायक है. हमसे ज्यादा बुजुर्ग, साधु-संत ज्यादा स्वस्थ थे, क्योंकि उनकी जीवनशैली में योग का योगदान था. कुछ लोग योग आदि को मजहब से जोड़ते हैं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है.

President In Bhopal
राष्ट्रपति की योग पर लोगों को नसीहत

राज्यपाल बोले- पौष्टिक व सात्विक आहार लें : इस मौके पर राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने कहा कि स्वस्थ रहने के लिए कुछ त्याग करना पड़ता है. कई बच्चे पिज़्ज़ा खाते हैं और कोल्ड ड्रिंक पीते हैं तो कैसे बच पाएंगे. पहले के जमाने में लोग समझौता करते थे और पौष्टिक आहार लेते थे. सात्विक आहार लेते थे. इसलिए वह स्वस्थ रहते थे. जनित रोगों की संख्या को लेकर ध्यान देने की जरूरत है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि एलोपैथिक और होम्योपैथिक सभी एक दूसरे के पूरक हैं. इनके इलाज से लोगों को फायदा पहुंचा है.

रचने लगी सियासत की रणनीति! केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा की बंद कमरे में आधा घंटे तक चली मुलाकात

सीएम बोले- प्राणायाम व योग का महत्व सभी समझें : सीएम शिवराज ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान में सभी पद्धतियों का उपयोग किया गया. काढ़ा भी बांटा, रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढ़े, इसको लेकर लगातार प्रयास किए गए. त्रिकूटा से करोड़ों परिवार लाभान्वित हुए. सबको मिलाकर बेहतर परिणाम मिले. प्राणायाम और योग के कारण मैं खुद भी स्वस्थ रहता हूं. सरकार को टाइम नहीं कि इतना मंथन करे लेकिन पब्लिक को भी इस बारे में जागरूक होना चाहिए. प्राकृतिक खेती का महत्व है. प्रधानमंत्री भी इस बारे में कहते हैं. हम जैसा खाते हैं, वैसा ही शरीर होता है. शाकाहार को ही अपनाना चाहिए, यह मेरी व्यक्तिगत राय है. (Do not linking yoga with religion)(Misconceptions are being spread about yoga)

भोपाल। कुछ लोग योग को मजहब से जोड़ते हैं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है. डॉक्टर के पास कई मजहब के लोग जाते हैं. डॉक्टर कहे कि योगासन करना है, टहलना भी है तो ये सब काम करते हैं. क्योंकि डॉक्टर से विरोध नहीं करते. क्योंकि उसको अपने स्वास्थ्य की चिंता है. कुछ लोग योग को लेकर भ्रांतियां फैलाते हैं. इससे बचने की जरूरत है. प्रकृति के साथ जितना संपर्क में रहेंगे, उतने ही स्वस्थ रहेंगे. यह बात राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद नें भोपाल में कही. शनिवार को एक देश एक स्वास्थ्य को लेकर आरोग्य मंथन कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भोपाल के मिंटो हॉल में किया.

योग को मजहब से जोड़कर न देखें

भारत के कोरोना वैक्सीन की दुनिया में धाक : कार्यक्रम से पहले दीप प्रज्ज्वलित कर मंथन कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ. इसमें मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत आरोग्य भारती के पदाधिकारी मौजूद रहे. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि कोरोना के समय एक अलग ही स्थिति बन गई थी. हर व्यक्ति सोच रहा था कि वैज्ञानिक नहीं होते तो क्या होता. और सही मायने में जो वैक्सीन आई, उससे पूरी दुनिया में मानवता का एक बड़ा प्रतिशत बच गया. मैं अभी कुछ दिन पहले जमैका और एक अन्य कनाडियन देश में गया था. दोनों देशों में 8 कार्यक्रम संपन्न हुए. वहां भारत देश की बहुत प्रशंसा हुई. उनका कहना था कि अगर समय पर वैक्सीन नहीं मिली होती तो क्या होता. ये लोग बच नहीं पाते.

प्राचीन आयुर्वेद पद्धति को आधुनिक पद्धतियों से जोड़ें : राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे यहां आज इतनी सस्ती और अच्छी सुविधाएं हैं, ऐसी अन्य देशों में नहीं हैं. प्राचीन आयुर्वेद पद्धति को आधुनिक पद्धतियों से जोड़ना सभी के लिए लाभदायक है. हमसे ज्यादा बुजुर्ग, साधु-संत ज्यादा स्वस्थ थे, क्योंकि उनकी जीवनशैली में योग का योगदान था. कुछ लोग योग आदि को मजहब से जोड़ते हैं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है.

President In Bhopal
राष्ट्रपति की योग पर लोगों को नसीहत

राज्यपाल बोले- पौष्टिक व सात्विक आहार लें : इस मौके पर राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने कहा कि स्वस्थ रहने के लिए कुछ त्याग करना पड़ता है. कई बच्चे पिज़्ज़ा खाते हैं और कोल्ड ड्रिंक पीते हैं तो कैसे बच पाएंगे. पहले के जमाने में लोग समझौता करते थे और पौष्टिक आहार लेते थे. सात्विक आहार लेते थे. इसलिए वह स्वस्थ रहते थे. जनित रोगों की संख्या को लेकर ध्यान देने की जरूरत है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि एलोपैथिक और होम्योपैथिक सभी एक दूसरे के पूरक हैं. इनके इलाज से लोगों को फायदा पहुंचा है.

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सीएम बोले- प्राणायाम व योग का महत्व सभी समझें : सीएम शिवराज ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान में सभी पद्धतियों का उपयोग किया गया. काढ़ा भी बांटा, रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढ़े, इसको लेकर लगातार प्रयास किए गए. त्रिकूटा से करोड़ों परिवार लाभान्वित हुए. सबको मिलाकर बेहतर परिणाम मिले. प्राणायाम और योग के कारण मैं खुद भी स्वस्थ रहता हूं. सरकार को टाइम नहीं कि इतना मंथन करे लेकिन पब्लिक को भी इस बारे में जागरूक होना चाहिए. प्राकृतिक खेती का महत्व है. प्रधानमंत्री भी इस बारे में कहते हैं. हम जैसा खाते हैं, वैसा ही शरीर होता है. शाकाहार को ही अपनाना चाहिए, यह मेरी व्यक्तिगत राय है. (Do not linking yoga with religion)(Misconceptions are being spread about yoga)

Last Updated : May 28, 2022, 5:46 PM IST
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