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कोरोना और जीका वायरस के बाद नोरो वायरस का खतरा, जानिये लक्षण और बचाव के तरीके - norovirus in kerala

कोरोना संक्रमण के बीच केरल में एक और वायरस से संक्रमित 13 मरीज मिले हैं. इस नए वायरस का नाम नोरो वायरस है. आखिर क्यों इसे खतरनाक माना जा रहा है ? क्या हैं इसके लक्षण और बचाव के तरीके ? जानने के लिए पढे़ं पूरी ख़बर

कोरोना और जीका वायरस के बाद नोरो वायरस का खतरा, जानिये लक्षण और बचाव के तरीके
नोरो
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Published : Nov 15, 2021, 7:03 PM IST

हैदराबाद: दुनियाभर में कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच एक नए वायरस ने खतरे की घंटी बजा दी है. केरल के वायनाड में इस वायरस से संक्रमित मामलों की पुष्टि हुई है. जिसने स्वास्थ्य विभाग के कान खड़े कर दिए हैं.

क्या है ये नया वायरस ?

केरल में जिस नए वायरस के संक्रमण के मामले सामने आए हैं उसे नोरो वायरस कहा जा रहा है. करीब दो हफ्ते पहले केरल के वायनाड जिले में एक पशु चिकित्सा कॉलेज के 13 छात्रों में नोरो वायरस की सूचना मिली थी. हालांकि स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक हालात काबू में हैं और फिलहाल इन 13 मामलों के अलावा नए मामले सामने नहीं आए हैं.

नोरो वायरस के लक्षण
नोरो वायरस के लक्षण

हालांकि विशेषज्ञ इस वायरस को हल्के में बिल्कुल नहीं ले रहे, केरल में भी इसे लेकर जागरुकता फैलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग जरूरी कदम उठा रहा है. जिसमें पीने के पानी के स्त्रोतों को स्वच्छ करने के अलावा लोगों को जागरुक करना शामिल है. अधिकारियों ने कहा कि 'सुपर क्लोरीनीकरण' सहित निवारक गतिविधियां चल रही हैं. सुपर क्लोरीनीकरण, पानी साफ करने की प्रक्रिया है, जिसमें पानी की आपूर्ति में अतिरिक्त मात्रा में क्लोरीन मिलाने से रासायनिक प्रतिक्रियाएं तेज हो जाती हैं या कम समय के भीतर कीटाणु मिट जाते हैं.

ये भी पढें: Zika virus : कोरोना से आफत कम थी क्या, जो अब जीका वायरस जान लेने आ गया

विशेषज्ञ क्या कहते हैं ?

CDC यानि Centers for Disease Control and Prevention के मुताबिक नोरोवायरस अत्यधिक संक्रामक वायरस का एक समूह है जो उल्टी और दस्त का कारण बनता है. इसे 'म' (winter vomiting bug) कहते हैं. नोरोवायरस से संक्रमित लोग अरबों वायरस कणों को फैला सकते हैं, लेकिन उनमें से कुछ ही लोगों को बीमार कर सकते हैं. सीडीसी के मुताबिक, नोरोवायरस कोविड-19 की तुलना ज़्यादा ख़तरनाक बीमारी है, ऐसा इसलिए क्योंकि यह बहुत तेज़ी से फैलता है. वायरस के संपर्क में आने के बाद ज्यादातर लोगों में 12 से 48 घंटों के भीतर लक्षण दिखाई देने लगते हैं और ये 1 से 3 दिन तक रहता है.

अरबों वायरस कण फैला सकता है संक्रमित
अरबों वायरस कण फैला सकता है संक्रमित

नोरो वायरस के लक्षण

नोरो वायरस दूषित पानी, खाने या फिर संक्रमित मरीज से फैलता है. ये गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारी का कारण बनता है, जिससे उल्टी, दस्त, पेट दर्द, तेज बुखार, बदन दर्द इस वायरस के सामान्य लक्षण हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक इस वायरस से संक्रमित होने के 2 से 3 दिन के भीतर तेज बुखार और पेट या आंतों में सूजन जैसी समस्या भी पैदा हो सकती है.

नोरो वायरस से बचाव

इस बीमारी से बचने के लिए डॉक्टर सबसे पहले तो साफ पानी पीने की हिदायत देते हैं क्योंकि इसके फैलने का एक कारण दूषित पानी भी है. वहीं संक्रमण के बाद उल्टी या दस्त होने पर शरीर में पानी की कमी ना हो, इसलिये भी साफ पानी पीने को कहा गया है. आस-पास साफ सफाई का ध्यान रखने और बार-बार हाथ धोनें चाहिए, खासकर खाना बनाने, खाना खाने और शौच के बाद हाथ धोने चाहिए. डॉक्टर हाथ धोने के लिए भी गर्म पानी का इस्तेमाल करने को कहते हैं. आस-पास सफाई रखें, खासकर कपड़े और शौचालय को अच्छे से साफ करें.

नोरो वायरस से बचाव के तरीके
नोरो वायरस से बचाव के तरीके

इसके अलावा जानवरों के संपर्क में आने वाले लोगों को अधिक सतर्क रहने की हिदायत है. लक्षण दिखने पर डॉक्टर की सलाह लें, क्योंकि संक्रमित होने के 2 से 3 बाद मरीज को इसका पता लगता है. इसलिये ऐसे किसी भी लक्षण को हल्के में ना लें क्योंकि शरीर में पानी की कमी होने से परेशानी बढ़ सकती है. संक्रमित होने के बाद घर से बाहर ना निकलें क्योंकि ये वायरस बहुत तेजी से फैलता है. फल, सब्जियां अच्छी तरह से धोने के बाद ही खाएं.

नोरो वायरस से क्यों है डरने की बात ?

विशेषज्ञों के मुताबिक ये वायरस स्वस्त लोगों से ज्यादा छोटे बच्चों, बुजुर्गों और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां झेल रहे लोगों पर ज्यादा असर डालते हैं. ये वायरस बहुत तेजी से फैलता है क्योंकि नोरो वायरस से संक्रमित व्यक्ति करोड़ों कण फैला सकता है और इनसे संक्रमित होने के लिए कुछ ही कण काफी हैं. संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने या फिर थूक, उल्टी या मल के कारण भी ये फैल सकता है.

नोरो वायरस से बचने के लिए सावधानी जरूरी
नोरो वायरस से बचने के लिए सावधानी जरूरी

अभी तक इसके उपचार के लिए कोई दवा नहीं है इसलिये डॉक्टर शुरुआती इलाज के लिए सामान्य उल्टी या दस्त वाली दवा देते हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक उल्टी और दस्त की वजह से आपके शरीर का बहुत सा पानी निकल जाता है, ऐसे में इस वायरस से लड़ाई के लिए आपको लिक्विड ज्यादा मात्रा में लेना होता है. इससे आप पानी की कमी से बचे रहते हैं.

ये वायरस कोरोना वायरस की तरह एल्कोहल से खत्म नहीं होता इसलिये कपड़ों को 60 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर धोने से फायदा होगा. कपड़ों के साथ शौचालय और घर की सफाई के लिए पानी में ब्लीच डालने की सलाह दी जा रही है.

उल्टी, दस्त, पेट दर्द के अलावा पेट और आंतों में सूजन भी हो सकती है
उल्टी, दस्त, पेट दर्द के अलावा पेट और आंतों में सूजन भी हो सकती है

एक व्यक्ति अपने जीवनकाल में कई बार नोरो वायरस से संक्रमित हो सकता है क्योंकि नोरोवायरस के कई अलग-अलग प्रकार होते हैं. एक तरह के वायरस से संक्रमित होने से अन्य तरह के वायरस के खिलाप सुरक्षा नहीं मिलती. एक तरह के वायरस के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित तो होती है लेकिन ये कितने वक्त तक रहती है, ये अभी साफ नहीं हो पाया है.

लक्षण दिखने पर डॉक्टर की सलाह लें
लक्षण दिखने पर डॉक्टर की सलाह लें

इससे पहले ब्रिटेन में मिले थे 'नोरो' के मरीज

इसी साल जुलाई और अगस्त के महीने में नोरो वायरस का संक्रमण तेजी से फैला था. इंग्लैंड के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक उस दौरान 5 हफ्ते में ही 154 लोग इस वायरस से संक्रमित हुए थे. जबकि इसी दौरान बीते 5 सालों में औसतन 53 मामले हर साल सामने आते थे. जिनमें दस्त, उल्टी, चक्कर आना, पेट दर्द जैसे लक्षण मिले थे. ब्रिटेन में कोविड-19 का डेल्टा वायरस कहर बरपा रहा था और इसी बीच नोरो वायरस के मामलों ने ब्रिटिश सरकार की मुसीबत बढ़ा दी थी. कोविड-19 प्रोटोकॉल में ढील देने के बाद ऑस्ट्रेलिया में भी नोरो वायरस के मामले सामने आए थे.

ये भी पढ़ें: अमेरिका में बूस्टर डोज और मिक्स एंड मैच डोज को मंजूरी, भारत में कब लगेगी तीसरी डोज ?

हैदराबाद: दुनियाभर में कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच एक नए वायरस ने खतरे की घंटी बजा दी है. केरल के वायनाड में इस वायरस से संक्रमित मामलों की पुष्टि हुई है. जिसने स्वास्थ्य विभाग के कान खड़े कर दिए हैं.

क्या है ये नया वायरस ?

केरल में जिस नए वायरस के संक्रमण के मामले सामने आए हैं उसे नोरो वायरस कहा जा रहा है. करीब दो हफ्ते पहले केरल के वायनाड जिले में एक पशु चिकित्सा कॉलेज के 13 छात्रों में नोरो वायरस की सूचना मिली थी. हालांकि स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक हालात काबू में हैं और फिलहाल इन 13 मामलों के अलावा नए मामले सामने नहीं आए हैं.

नोरो वायरस के लक्षण
नोरो वायरस के लक्षण

हालांकि विशेषज्ञ इस वायरस को हल्के में बिल्कुल नहीं ले रहे, केरल में भी इसे लेकर जागरुकता फैलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग जरूरी कदम उठा रहा है. जिसमें पीने के पानी के स्त्रोतों को स्वच्छ करने के अलावा लोगों को जागरुक करना शामिल है. अधिकारियों ने कहा कि 'सुपर क्लोरीनीकरण' सहित निवारक गतिविधियां चल रही हैं. सुपर क्लोरीनीकरण, पानी साफ करने की प्रक्रिया है, जिसमें पानी की आपूर्ति में अतिरिक्त मात्रा में क्लोरीन मिलाने से रासायनिक प्रतिक्रियाएं तेज हो जाती हैं या कम समय के भीतर कीटाणु मिट जाते हैं.

ये भी पढें: Zika virus : कोरोना से आफत कम थी क्या, जो अब जीका वायरस जान लेने आ गया

विशेषज्ञ क्या कहते हैं ?

CDC यानि Centers for Disease Control and Prevention के मुताबिक नोरोवायरस अत्यधिक संक्रामक वायरस का एक समूह है जो उल्टी और दस्त का कारण बनता है. इसे 'म' (winter vomiting bug) कहते हैं. नोरोवायरस से संक्रमित लोग अरबों वायरस कणों को फैला सकते हैं, लेकिन उनमें से कुछ ही लोगों को बीमार कर सकते हैं. सीडीसी के मुताबिक, नोरोवायरस कोविड-19 की तुलना ज़्यादा ख़तरनाक बीमारी है, ऐसा इसलिए क्योंकि यह बहुत तेज़ी से फैलता है. वायरस के संपर्क में आने के बाद ज्यादातर लोगों में 12 से 48 घंटों के भीतर लक्षण दिखाई देने लगते हैं और ये 1 से 3 दिन तक रहता है.

अरबों वायरस कण फैला सकता है संक्रमित
अरबों वायरस कण फैला सकता है संक्रमित

नोरो वायरस के लक्षण

नोरो वायरस दूषित पानी, खाने या फिर संक्रमित मरीज से फैलता है. ये गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारी का कारण बनता है, जिससे उल्टी, दस्त, पेट दर्द, तेज बुखार, बदन दर्द इस वायरस के सामान्य लक्षण हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक इस वायरस से संक्रमित होने के 2 से 3 दिन के भीतर तेज बुखार और पेट या आंतों में सूजन जैसी समस्या भी पैदा हो सकती है.

नोरो वायरस से बचाव

इस बीमारी से बचने के लिए डॉक्टर सबसे पहले तो साफ पानी पीने की हिदायत देते हैं क्योंकि इसके फैलने का एक कारण दूषित पानी भी है. वहीं संक्रमण के बाद उल्टी या दस्त होने पर शरीर में पानी की कमी ना हो, इसलिये भी साफ पानी पीने को कहा गया है. आस-पास साफ सफाई का ध्यान रखने और बार-बार हाथ धोनें चाहिए, खासकर खाना बनाने, खाना खाने और शौच के बाद हाथ धोने चाहिए. डॉक्टर हाथ धोने के लिए भी गर्म पानी का इस्तेमाल करने को कहते हैं. आस-पास सफाई रखें, खासकर कपड़े और शौचालय को अच्छे से साफ करें.

नोरो वायरस से बचाव के तरीके
नोरो वायरस से बचाव के तरीके

इसके अलावा जानवरों के संपर्क में आने वाले लोगों को अधिक सतर्क रहने की हिदायत है. लक्षण दिखने पर डॉक्टर की सलाह लें, क्योंकि संक्रमित होने के 2 से 3 बाद मरीज को इसका पता लगता है. इसलिये ऐसे किसी भी लक्षण को हल्के में ना लें क्योंकि शरीर में पानी की कमी होने से परेशानी बढ़ सकती है. संक्रमित होने के बाद घर से बाहर ना निकलें क्योंकि ये वायरस बहुत तेजी से फैलता है. फल, सब्जियां अच्छी तरह से धोने के बाद ही खाएं.

नोरो वायरस से क्यों है डरने की बात ?

विशेषज्ञों के मुताबिक ये वायरस स्वस्त लोगों से ज्यादा छोटे बच्चों, बुजुर्गों और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां झेल रहे लोगों पर ज्यादा असर डालते हैं. ये वायरस बहुत तेजी से फैलता है क्योंकि नोरो वायरस से संक्रमित व्यक्ति करोड़ों कण फैला सकता है और इनसे संक्रमित होने के लिए कुछ ही कण काफी हैं. संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने या फिर थूक, उल्टी या मल के कारण भी ये फैल सकता है.

नोरो वायरस से बचने के लिए सावधानी जरूरी
नोरो वायरस से बचने के लिए सावधानी जरूरी

अभी तक इसके उपचार के लिए कोई दवा नहीं है इसलिये डॉक्टर शुरुआती इलाज के लिए सामान्य उल्टी या दस्त वाली दवा देते हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक उल्टी और दस्त की वजह से आपके शरीर का बहुत सा पानी निकल जाता है, ऐसे में इस वायरस से लड़ाई के लिए आपको लिक्विड ज्यादा मात्रा में लेना होता है. इससे आप पानी की कमी से बचे रहते हैं.

ये वायरस कोरोना वायरस की तरह एल्कोहल से खत्म नहीं होता इसलिये कपड़ों को 60 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर धोने से फायदा होगा. कपड़ों के साथ शौचालय और घर की सफाई के लिए पानी में ब्लीच डालने की सलाह दी जा रही है.

उल्टी, दस्त, पेट दर्द के अलावा पेट और आंतों में सूजन भी हो सकती है
उल्टी, दस्त, पेट दर्द के अलावा पेट और आंतों में सूजन भी हो सकती है

एक व्यक्ति अपने जीवनकाल में कई बार नोरो वायरस से संक्रमित हो सकता है क्योंकि नोरोवायरस के कई अलग-अलग प्रकार होते हैं. एक तरह के वायरस से संक्रमित होने से अन्य तरह के वायरस के खिलाप सुरक्षा नहीं मिलती. एक तरह के वायरस के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित तो होती है लेकिन ये कितने वक्त तक रहती है, ये अभी साफ नहीं हो पाया है.

लक्षण दिखने पर डॉक्टर की सलाह लें
लक्षण दिखने पर डॉक्टर की सलाह लें

इससे पहले ब्रिटेन में मिले थे 'नोरो' के मरीज

इसी साल जुलाई और अगस्त के महीने में नोरो वायरस का संक्रमण तेजी से फैला था. इंग्लैंड के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक उस दौरान 5 हफ्ते में ही 154 लोग इस वायरस से संक्रमित हुए थे. जबकि इसी दौरान बीते 5 सालों में औसतन 53 मामले हर साल सामने आते थे. जिनमें दस्त, उल्टी, चक्कर आना, पेट दर्द जैसे लक्षण मिले थे. ब्रिटेन में कोविड-19 का डेल्टा वायरस कहर बरपा रहा था और इसी बीच नोरो वायरस के मामलों ने ब्रिटिश सरकार की मुसीबत बढ़ा दी थी. कोविड-19 प्रोटोकॉल में ढील देने के बाद ऑस्ट्रेलिया में भी नोरो वायरस के मामले सामने आए थे.

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