इंदौर/जबलपुर। मध्य प्रदेश में चुनावी वर्ष में व्यापम 3 के नाम से चर्चा में आया पटवारी चयन परीक्षा की धांधली का मामला अब सुर्खियों में है. इस मामले में अब कांग्रेस ने सीबीआई जांच की मांग की है. वहीं, प्रतियोगी छात्र परीक्षा में हुई मनमानी को अपने तरीके से उजागर कर रहे हैं. ईटीवी भारत ने यह जानने की कोशिश की कि आखिर ऐसी क्या गड़बड़ियां हैं जिनके कारण हजारों की संख्या में छात्र अब पढ़ाई लिखाई छोड़ कर शिवराज सरकार के खिलाफ सड़कों पर नारेबाजी करने को मजबूर हैं.
कांग्रेस ने की CBI जांच की मांग: मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव राजेश चौकसे एवं संभागीय प्रवक्ता अमित चौरसिया के मुताबिक, ''भाजपा विधायक संजीव सिंह कुशवाहा के इंजीनियरिंग कॉलेज में बनाए परीक्षा केंद्र से न सिर्फ 114 अभ्यार्थियों का चयन हो गया है, बल्कि टॉप टेन में 7 परीक्षार्थी इसी केंद्र से आए हैं. सभी ‘टॉपर्स' के स्कोर करीब-करीब एक जैसे होने से गड़बड़ियों की आशंका गहरा रही है. उक्त विधायक ग्वालियर में एनआरआई कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट का संचालन करते हैं. प्रतियोगी परीक्षा को लेकर शिवराज सरकार निष्पक्ष होने की बात कहती है. जबकि उन्हीं की सरकार में बैठे नुमाइंदे व्यापम 1,2, 3 को अंजाम देते हैं. वर्तमान परीक्षा प्रणाली से प्रदेश के छात्र छात्राओं का विश्वास उठ गया है, इसलिए इस पूरे मामले की सीबीआई जांच जरूरी है. जिससे कि प्रदेश के हजारों युवा छात्र छात्राओं को न्याय मिल सके. यदि सरकार इतनी ईमानदार और निष्पक्ष है तो वह उक्त परीक्षा को निरस्त कर ऑफलाइन परीक्षा आयोजित करे. साथ ही उक्त परीक्षा में दिख रहे पक्षपात पूर्ण परिणामों की जांच CBI से करवा कर दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई कराए.''
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मध्य प्रदेश में BJP का एक और भ्रष्टाचार सामने आया।
— Congress (@INCIndia) July 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
पटवारी भर्ती में जमकर धांधली हुई है और इसमें BJP विधायक का नाम आ रहा है।
आज इस धोखे और धांधली से नाराज युवाओं ने शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। pic.twitter.com/11jfydCjbK
">मध्य प्रदेश में BJP का एक और भ्रष्टाचार सामने आया।
— Congress (@INCIndia) July 13, 2023
पटवारी भर्ती में जमकर धांधली हुई है और इसमें BJP विधायक का नाम आ रहा है।
आज इस धोखे और धांधली से नाराज युवाओं ने शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। pic.twitter.com/11jfydCjbKमध्य प्रदेश में BJP का एक और भ्रष्टाचार सामने आया।
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पटवारी भर्ती में जमकर धांधली हुई है और इसमें BJP विधायक का नाम आ रहा है।
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10 में से 7 उम्मीदवार एक ही कॉलेज के: दरअसल मध्यप्रदेश में पटवारियों के 9073 पदों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा हुई थी. इसमें 12,80000 छात्र छात्राओं ने आवेदन किया था और लगभग 970000 उम्मीदवारों ने परीक्षा दी है. यह परीक्षा मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल ने आयोजित करवाई थी. इसमें समूह 2 के उप समूहों में जब चयनित छात्र-छात्राओं की सूची जारी की गई तो पहले 10 उम्मीदवारों में 7 उम्मीदवार एक ही कॉलेज में बैठे थे. यह कॉलेज ग्वालियर में है और भारतीय जनता पार्टी के एक विधायक का है. वहीं, चयनित उम्मीदवारों के रोल नंबर भी लगभग 1 से हैं. इस वजह से किस मेरिट लिस्ट को दोषपूर्ण माना जा रहा है.
सरकार की सफाई: मध्य प्रदेश सरकार के जनसंपर्क विभाग ने भर्ती प्रक्रिया को सही बताते हुए कुछ पोस्टर जारी किए हैं. जिनमें इस मेरिट सूची पर उठने वाले सवालों का जवाब दिया गया है. सरकार की ओर से जारी इस पोस्टर में कहा गया है कि ''एनआरआई कॉलेज में परीक्षा देने आए उम्मीदवारों में से मात्र 114 उम्मीदवारों का ही चयन हुआ है. जबकि यहां पर लोगों द्वारा आरोप लगाए गए हैं कि एनआरआई कॉलेज से 1000 उम्मीदवारों का चयन हुआ है. दूसरा आरोप यह लगाया जा रहा है कि जिन छात्रों के अंग्रेजी में 25 में से 25 नंबर आए हैं उन्होंने हस्ताक्षर हिंदी में किए हैं. इसके जवाब में सरकार की ओर से कहा गया है कि किसी के भी अंग्रेजी में 25 में से 25 नंबर नहीं आए हैं बल्कि नंबर 13 से 23 के बीच में हैं. जिन 7 छात्रों के बारे में जानकारी दी गई है उस पर सरकार की ओर से स्पष्टीकरण दिया गया है कि इन सभी ने अलग-अलग समय पर परीक्षा दी है और इनमें से किसी का भी पेपर एक सा नहीं था. यह सभी चयनित छात्र अलग-अलग वर्ग और कैटेगरी के हैं.''
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शिवराज सरकार ने 18 वर्षों में व्यापमं घोटाला 1 और 2 किया था, अब व्यापमं घोटाला 3 कर दिया है ।
— Arun Subhash Yadav (@MPArunYadav) July 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
पढ़ने वाले मेहनती बच्चों का भविष्य बर्बाद कर दिया है ।#PatwariExamGhotala #PatwariScam #PatwariScam2023 #पटवारी_भर्ती_घोटाला #पटवारी_घोटाला pic.twitter.com/9RjcEL2WE2
">शिवराज सरकार ने 18 वर्षों में व्यापमं घोटाला 1 और 2 किया था, अब व्यापमं घोटाला 3 कर दिया है ।
— Arun Subhash Yadav (@MPArunYadav) July 13, 2023
पढ़ने वाले मेहनती बच्चों का भविष्य बर्बाद कर दिया है ।#PatwariExamGhotala #PatwariScam #PatwariScam2023 #पटवारी_भर्ती_घोटाला #पटवारी_घोटाला pic.twitter.com/9RjcEL2WE2शिवराज सरकार ने 18 वर्षों में व्यापमं घोटाला 1 और 2 किया था, अब व्यापमं घोटाला 3 कर दिया है ।
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प्रवेश परीक्षाओं में धांधली: पटवारी चयन परीक्षा पर पूरे प्रदेश की नजरें हैं और भारतीय जनता पार्टी के विधायक के कॉलेज से एक साथ 7 उम्मीदवारों का चयनित होना सवाल इसलिए खड़े करता है क्योंकि इसके पहले भी कई प्रवेश परीक्षाओं में धांधली हुई हैं. इसकी वजह से सरकार की कर्मचारी चयन प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो रहे हैं. हो सकता है कि यह केवल इत्तेफाक हो लेकिन इसे आम आदमी इत्तेफाक मानने को तैयार नहीं है.