विदिशा। जिले की लटेरी तहसील के खेरखेरी पठार गांव में 7 साल के लोकेश को बचाने की कोशिशें जारी हैं. यहां 60 फीट गहरे बोरवेल में फंसे लोकेश को उसके परिवार तक सकुशल पहुंचाने के लिए सरकारी अधिकारी पूरी मशीनरी के साथ जुटे हैं. 43 फीट की गहराई में फंसे बच्चे को निकालने के लिए बोरवेल के पास ही गड्ढा खोदा जा रहा है. शाम करीब 6 बजे तक 25 फीट तक खुदाई हो चुकी थी. लोकेश की हालत पर कैमरे से नजर भी रखी जा रही है. सांस लेने में उसे परेशानी न हो, इसके लिए पाइप के जरिए ऑक्सीजन सप्लाई की जा रही है.
स्थानीय प्रशासन के साथ NDRF की टीम भी गांव में मौजूद: दरअसल, विदिशा में मंगलवार को 7 वर्षीय लोकेश अहिरवार 60 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया था. बच्चे के गिरने की सूचना पर मौके पर पहुंचे गांव वालों ने इस बात की जानकारी प्रशासनिक अमले को दी. प्रदेश के मुख्यालय यानि भोपाल में जैसे ही घटना की जानकारी आई, हड़कंप मच गया. स्थानीय प्रशासन के साथ NDRF की टीम भी बच्चे को बोरवेल से निकालने के लिए उसके गांव में मौजूद है. लोकेश के पिता दिनेश मजदूरी करते हैं. वे और उनकी पत्नी समेत सभी परिजन लोकेश को लेकर खासे चिंतित हैं.
ऐसे बोरवेल में गिरा लोकेश: 7 वर्षीय लोकेश अहिरवार खेत पर अपने अन्य साथियों के साथ खेल रहा था, इसी दौरान कुछ बंदर वहां आ गए. बंदरों को देख सब बच्चे दौड़े तो लोकेश ने भी दौड़ लगा दी. इसी दौरान लोकेश धनिया के खेत में चला गया. वहां उसका पैर फिसला और वह खेत में खुले पड़े 2 फीट चौड़े और 60 फीट गहरे बोरवेल में जा गिरा. लोकेश को बोरवेल में गिरते हुए उसके साथियों ने देखा. वे सीधे गांव पहुंचे और लोकेश के बोरवेल में गिरने की बात बताई.
डॉक्टरों की टीम मुस्तैद : घटना के बाद से गांव में चीख-पुकार मची है. बच्चे के परिजन रो रहे हैं. SDM हर्षल चौधरी लटेरी से खेरखेरी गांव पहुंच चुके हैं. कलेक्टर उमाशंकर भार्गव भी मौके पर हैं. चिकित्सकों की टीम भी कलेक्टर के साथ मौके पर मौजूद है. बोरवेल में CCTV लगाकर बच्चे की हरेक गतिविधि को देखा जा रहा है और उसे माइक के जरिए हौसला बनाए रखने के लिए भी ढांढस बंधाया जा रहा है. बोरवेल की लंबाई चौड़ाई की बात करें तो यह करीब 60 फीट गहरा है और 2 फीट चौड़ा है. इस बोरवेल से पानी नहीं निकल रहा था लिहाजा खेत के मालिक ने लापरवाही से इसे खुला ही छोड़ दिया.
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छतरपुर, बैतूल में भी गिरा था बच्चा: मध्य प्रदेश के छतरपुर में भी महज 15 दिन पहले 3 साल की एक बच्ची बोरवेल में गिरी थी. गनीमत यह रहा कि समय रहते उसे बचा लिया गया. बच्ची बिजावर की रहने वाला थी और वो 30 फीट गहरे बोरवेल में गिरी थी. मगर विदिशा का यह बच्चा 60 फीट गहराई वाले वाले बोरवेल में गिरा है. लिहाजा रेस्क्यू ऑपरेशन थोड़ा कठिन है. इससे पहले बैतूल में भी एक बच्चा जिसका नाम तन्मय है गिरा था. मगर 84 घंटे की जंग के बाद भी उसकी जान नहीं बचाई जा सकी. तन्मय की उम्र महज 6 साल थी.