MP Urinating Case: मध्यप्रदेश के सीधी से वायरल हुए वीडियो में आदिवासी के ऊपर पेशाब करते नजर आ रहे भाजपा नेता प्रवेश शुक्ला को रात 2 बजे आरोपी को मध्यप्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. अब इधर मामले में नया मोड़ आया है, जहां पीड़ित ने इंकार कर दिया है कि वह वीडियो उसका नहीं है, वहीं आरोपी के पिता और परिवार के वीडियो सामने आ रहे हैं, जिसमें वे इस वायरल वीडियो को फेक बता रहे हैं. साथ ही साथ इस बात की पुष्टि कर रहे हैं कि उनका बेटा भाजपा प्रतिनिधि है और राजनीतिक षड्यंत्र के चलते उसका वीडियो वायरल किया गया है.
पीड़ित बोला- वीडियो वाला इंसान मैं नहीं: कल तक वायरल हो रहे वीडियो जो युवक देखा जा रहा था, जब पुलिस ने उससे पूछताछ कर उसके बयान लिए तो वह कहने लगा ये वीडियो उसका नहीं है. युवक ने कहा कि "यह मेरा वीडियो है ही नहीं, मेरे साथ ऐसी कोई भी घटना अभी तक नहीं हुई है." पुलिस का कहना है कि "वह(पीड़ित) काफी डरा हुआ है और अभी आरोपी के खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं कराना चाहता. फिलहाल उसे पुलिस अभिरक्षा में रखा गया है. पहले कहा जा रहा था कि पीड़ित मानसिक रूप से अस्वस्थ है, लेकिन पुलिस के मुताबिक पीड़ित मानसिक तौर पर पूरी तरह से स्वस्थ है."
विधायक ने किया इंकार, परिवार बोला भाजपा प्रतिनिधि है प्रवेश: बताया गया था कि आरोपी पहले सीधी से भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ला का प्रतिनिधि था, लेकिन जब विधायक से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने इस बात से पल्ला झाड़ लिया. इतना ही नहीं विधायक ने प्रवेश शुक्ला को पहचानने से तक मना कर दिया. इस बात को लेकर अब आरोपी के पिता रमाकांत शुक्ला ने बताया कि "मेरा बेटा विधायक प्रतिनिधि है, यही कारण है कि वह राजनीतिक षड्यंत्र का शिकार बन रहा है. मुझे तो डर ये है कि कहीं वे उसकी(बेटे) की हत्या ना करवा दें."
इसके अलावा आरोपी के अन्य परिजनों का कहना है कि "ये 2 साल पुराना वीडियो है, जिसे वायरल करने की धमकी देकर पैसों की मांग की जा रही थी, लेकिन जब उन्हें पैसे नहीं दिए गए तो उन्होंने ये वीडियो वायरल कर दिया गया. अब ये वीडियो चुनावी रंजिश के चलते एडिट करके वायरल किया गया है."
घटना के बाद शपथ पत्र आया सामने: आदिवासी युवक पर पेशाब करने का मामला सामने आने के बाद घटना से जुड़ा एक शपथ पत्र भी सामने आया है, इस शपथ में वीडियो को फर्जी बताया गया है. फरियादी द्वारा दिए गए शपथ पत्र में कहा गया है कि "वायरल किया जा रहा प्रवेश शुक्ला का वीडियो झूठा और फर्जी है. मेरे साथ प्रवेश शुक्ला द्वारा कभी भी ऐसा कोई कृत्य नहीं किया गया है, मेरे ऊपर स्थानीय युवकों ने दवाब बनाया था कि प्रवेश शुक्ला के खिलाफ पुलिस में प्रकरण दर्ज कराने तुमको पैसा मिलेगा. यह फर्जी वीडियो प्रवेश शुक्ला की राजनीतिक छबि खराब करने के लिए बनाया गया है, उक्त वीडियो के आधार पर मेरे नाम से प्रवेश शुक्ला के खिलाफ कोई शिकायत की जाती है तो वह मान्य न हो." यह शपथ पत्र वीडियो वायरल होने के एक दिन पहले 3 जुलाई का है.
दिग्विजय सिंह ने भाजपा पर साधा निशाना: इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. दिग्विजय सिंह ने कहा है कि "यही बीजेपी और आएसएस का तरीका है, पकड़े जाओ तो.. यह भाजपा या संघ का सदस्य नहीं है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और शिवराज सिंह चौहान आदिवासियों को लुभाने का प्रयास कर रहे हैं और उनके कार्यकर्ता आदिवासियों पर पेशाब कर रहे हैं, प्रवेश शुक्ला जहां से प्रशिक्षित हुआ है वहीं मानसिकता का वह है."