भोपाल। कूनो नेशनल पार्क में पिछले दिनों हुई चीता उदय की मौत के पीछे एक वजह किडनी में इंफेक्शन हो सकती है. चीता उदय की मौत के बाद कराए गए विसरा और ब्लड सैंपल की शुरूआती रिपोर्ट में वायरस और बैक्टीरिया का मिश्रित इंफेक्शन मिला है हालांकि इसकी डिटेल रिपोर्ट के लिए अब इन सैंपलों की मेटा-जीनोमिक सिक्वेंसिंग कराने का निर्णय लिया गया है. इसके अलावा हिस्टोपैथोलॉजिकल इंवेस्टिगेशन भी कराया जा रहा है, ताकि पता लगाया जा सके कि संक्रमण की वजह से तो उसकी मौत नहीं हुई, इनकी रिपोर्ट करीब 2 हफ्तों में आएगी. गौरतलब है कि चीता उदय की 23 अप्रैल को मौत हो गई थी, जिसकी वजह कार्डियोवेस्कुलर फेल्योर बताया गया था.
पहले चीता की मौत भी किडनी इंफेक्शन से: चीता उदय उन 12 चीतों में से एक था, जिसे दक्षिण अफ्रीका से भारत लाया गया था. उदय की उम्र 6 साल की थी. मुख्य वन संरक्षक जेएस चौहान ने इसकी मौत के बाद बताया था कि भारत लाने के पहले कराए गए चीते के ब्लड टेस्ट में किसी तरह का इंफेक्शन नहीं मिला था. हालांकि इसके पहले 27 मार्च को भी नामीबिया से श्योपुर के कूनो में लाए गए चीता की मौत किडनी खराब होने से हो गई थी. बताया गया था कि मादा चीता पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रही थी. मॉनिटरिंग में सुस्त दिखने के बाद उसे क्वारंटीन बाड़े में लाकर उसका ब्लड टेस्ट कराया गया, तो उसके गुर्दों में संक्रमण का पता चला था. बाद में उसकी मौत हो गई थी. हालांकि अधिकारियों का कहना था कि भारत लाने से पहले भी कराए गए टेस्ट में इसकी रिपोर्ट में इंफेक्शन पाया गया था.
अफ्रीका से लाए गए थे चीते: देश में चीतों को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से अफ्रीका से इन चीतों को लाकर मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में बसाया गया है. इन चीतों के अभी तक दो जत्थे आ चुके हैं. पहला 17 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर नामीबिया से लाया गया था. इसमें 8 चीते थे, जबकि दूसरी बार में फरवरी माह में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते लाए गए थे. पहले जत्थे से एक मादा और दूसरे जत्थे से एक नर चीते की मौत हो चुकी है. हालांकि नामीबिया से आई मादा चीता सियाया ने 4 शावकों को जन्म दिया है.