इंदौर। भारत में संस्कृति और परंपराओं के निर्वहन के लिए त्योहार सबसे बड़ा माध्यम माना जाता है. दीपावली का त्योहार देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है पांच दिनों तक चलने वाले दीपोत्सव में दिपावली को मुख्य माना जाता है और साल भर तक उत्साह के साथ लोग इस त्योहार की प्रतिक्षा करते हैं. परंतु इंदौर का महू एक ऐसी जगह है जहां लोग दीपावली से ज्यादा दीपावली के दूसरे दिन मनाए जाने वाले धोक पड़वा का इंतजार करते हैं.
बड़ों का लिया जाता है आशीर्वाद: देशभर में लोग जहां दीपोत्सव का पर्व धूमधाम से मनाते हैं वहीं महू में लोग दीपावली से ज्यादा धूप पड़वा के त्योहार को हर्षोल्लाह से मनाते हैं. दीपावली के दूसरे दिन महू में मनाई जाने वाली धोकपड़वा पूरे भारत वर्ष में प्रसिद्ध है. महू में इस पर्व के दिन लोग घर-घर जाकर बड़ों के पैर छूकर आशीर्वाद लेते हैं. वहीं बराबरी के लोग गले मिलकर एक दूसरे को पर्व की बधाई और शुभकामनाऐं देते हैं.
धोक पड़वा पर राजनीतिक रंग: चुनावी साल होने के चलते दीपावली के दूसरे दिन धोक पड़वा पर राजनीतिक रंग भी दिखाई दिया. सुबह से ही जहां लोग एक दूसरे के घरों पर पहुंचकर दीपावली की बधाइयां दे रहे थे और आशीर्वाद ले रहे थे, तो राजनीतिक दल के नेता और विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी भी इससे पीछे नहीं थे. कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी रामकिशोर शुक्ला, बीजेपी की वर्तमान विधायक और प्रत्याशी उषा ठाकुर सहित निर्दलीय प्रत्याशी पूर्व विधायक अंतर सिंह दरबार ने भी अपने समर्थकों के साथ शहर भर मैं घर-घर पहुंच कर दीपावली की बधाई दी और जनता से आशीर्वाद भी मांगा.
धोक पड़वा पर होते हैं कई सांस्कृतिक आयोजन: शहर के प्रख्यात पंडित कपिल शर्मा काशी महाराज के अनुसार ''महू शहर में मनाए जाने वाली धोक पड़वा ऐतिहासिक रूप से मनाई जाती है. यहां के लोग दीपावली से ज्यादा इस दिन का इंतजार करते हैं और तैयार होकर लोगों के घर पहुंचते हैं. बच्चे हों या बुजुर्ग हर कोई इस दिन का इंतजार करता है. वहीं धोक पड़वा पर कई सांस्कृतिक आयोजन भी किए जाते हैं. इस दिन पूरे शहर में सामूहिक रंगोली प्रतिस्पर्धा का भी आयोजन किया जाता है. जिसमें सामाजिक संस्थाएं भी भाग लेती हैं और चयनित कलाकारों को पुरस्कृत भी किया जाता है.