भोपाल। इजराइल-हमास युद्ध जब पूर्ण विराम पर आ रहा है, तब फिलिस्तीन और इजराइल के संघर्ष की पृष्ठभूमि पर तैयार हुई एक किताब चर्चा में है. इस किताब के लेखक मध्यप्रदेश कैडर के आईएएस अफसर नियाज खान हैं. 'ब्राउन डेजर्ट IV- 786' नाम से लिखी गई ये किताब एक्शन सस्पेंस थ्रिलर है और नियाज खान के मुताबिक 12 साल लंबी रिसर्च के बाद तैयार हुई इस किताब का मुख्य किरदार ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में भौतिक शास्त्र का छात्र रहता है, लेकिन जब उसके माता पिता को इजराइल सेना मार देती है, तो वो भी बदले की राह पर निकल जाता है.
340 पन्नों की किताब हर पेज पर रिसर्च: ईटीवी भारत से खास बातचीत में नियाज खान बताते हैं कि ये उपन्यास असल में सस्पेंस थ्रिलर है. वे कहते हैं मेरा स्पेशलाइजेशन ही सस्पेंस थ्रिलर नॉवेल में है. आईएएस नियाज खान की बतौर लेखक नौवी किताब है. नौ किताब में से 6 नॉवेल सस्पेंस थ्रिलर ही हैं. उन्होंने बताया कि 2012 में उन्होंने ये सस्पेंस थ्रिलर लिखना शुरु किया था. इतना समय ही इसलिए लगा कि हर पन्ने पर रिसर्च किया गया. पूरी किताब हमास और इजराइल के संघर्ष की थीम पर है.
आज इजराइल हमास को नहीं चाहता और पूरे अरब में कोई नहीं चाहता कि इजराइल यहां पर रहे. नियाज बताते हैं कि ये कहानी एक ऐसे नायक सेलेम एल्वी की है, जो खुद फिलीस्तीनी है. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में ये नौजवान पढ़ता है और न्यूक्लियर साइंटिस्ट बनना चाहता है. लेकिन जब इजराइल की सेना उसके माता-पिता को मार देती है तो वो पढाई छोड़ के ये ब्राउन डेजर्ट नाम का आतंकवादी संगठन बनाता है.
ब्राउन डेजर्ट IV 786 इस नाम के पीछे क्या कहानी है: नियाज खान बताते हैं ब्राउन डेजर्ट अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी संगठन है. जो पूरे यूरोप में नेटवर्क चलाता है और यही संगठन वायरस बनवाता है. लैबोरेटरी के अंदर आईवी 786 नाम दिया गया, ताकि पूरे यहूदियों को एक साथ मारा जा सके. ये लैबोरेटरी बस इतना ही नहीं करता, युवाओं का ब्रेनवॉश करना, उनको आतंकवादी के रुप में तैयार करना. ये काम भी इस संगठन का है. वे बताते हैं इसका नेटवर्क ग्लोबल है. पूरी दुनिया में इसका नेटवर्क है. ब्राउन डेजर्ट वो आतंकवादी संगठन है, जो आईवी 786 वायरस बना रहा है. उसी पर किताब का नाम दिया गया है.
यहूदियों के खात्मे को लेकर ये दुनिया की पहली किताब: नियाज खान के मुताबिक यहूदियों के खात्मे के कॉन्सेप्ट पर ये अपनी तरह का दुनिया में लिखा गया पहला नॉवेल है. वे कहते हैं ऐसे सब्जेक्ट पर ना अब तक कोई किताब आई है ना ही कोई हॉलीवुड फिल्म बनी है. नॉवेल 340 पेज का है. नॉवेल का कथानक ये है कि नायक किसी भी हालत में इजराईल को नहीं देखना चाहता है. यहूदियों को खत्म करना चाहता है. वे मुस्कुराते हुए कहते हैं, मैंने इस नॉवेल में अपने रीडर्स को चार पांच देश दिखा दिए हैं. हांलाकि ना मैं कभी इंग्लैंड गया ना आयरलैंड. इजराइल और फिलीस्तीन भी नहीं गया. किताब ऑनलाइन दुनिया के हर हिस्से में मौजूद है.