दमोह। मध्यप्रदेश के दमोह में हिजाब से शुरू हुआ गंगा जमुना स्कूल का विवाद संपत्ति के प्रतिक्रमण तक पहुंच गया है. नगर पालिका प्रशासन ने रविवार की रात गंगा जमुना स्कूल को नोटिस जारी कर 3 दिन के भीतर अपना जवाब पेश करने के निर्देश दिए थे. जिसमें कहा गया था कि वह स्कूल निर्माण की नगरीय निकाय से ली गई अनुमति एवं अन्य सभी अनापत्तियों के दस्तावेज प्रस्तुत करे, लेकिन आज सुबह गृहमंत्री का बयान आने के तुरंत बाद नगर पालिका का दस्ता जेसीबी लेकर गंगा-जमुना स्कूल पहुंच गया था. जिसे बाद में बेरंग ही लौटना पड़ा.
नाले की सफाई का देना पड़ा बहाना: दरअसल, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का बयान आने के बाद नगर पालिका का दस्ता जेसीबी लेकर गंगा-जमुना स्कूल पहुंच गया था. यहां स्थानीय लोगों के विरोध के बीच नगर पालिका सीएमओ बीएल बघेल को यह कहना पड़ा था की मशीन बारिश के पूर्व नाला सफाई के लिए आई है. इसके कुछ देर बाद अमले को मशीन के साथ बैरंग लौटना पड़ा था, लेकिन शाम होते-होते एक बार फिर बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ नगरपालिका का अतिक्रमणरोधी दस्ता गंगा जमुना स्कूल पहुंच गया. प्रबंधन समिति द्वारा मुख्य द्वार की चाबी उपलब्ध न कराए जाने पर मजदूरों ने ताला तोड़ दिया और गेट खोल कर अंदर प्रवेश कर गए.
बुलडोजर से शुरु हुई कार्रवाई छेनी-हथोड़ी पर पहुंची: मीडिया के अलावा अन्य किसी व्यक्ति को अंदर जाने की अनुमति नहीं थी. बुलडोजर से शुरू हुई है कार्रवाई छेनी-हथौड़ा पर आकर रुक गई. दरअसल जिस तरह से सरकार ने बिना एनओसी के बनाए गए भवन को बुलडोजर से गिराने की बात कही थी. उसके विपरीत स्थानीय प्रशासन के हाथ-पैर आमजन के विरोध को देखते हुए ढीले पड़ गए. प्रशासन को बुलडोजर की कार्रवाई स्थगित करना पड़ी और मजदूरों से बिल्डिंग गिराने का काम करवाना पड़ा. देर शाम तक मजदूर कोई विशेष तोड़फोड़ नहीं कर सके. तोड़फोड़ के नाम पर महज औपचारिकता ही पूरी हो पाई. ऐसे में सरकार की मंशा और उस बयान की भी छीछालेदर हुई है, जिसमें गृहमंत्री ने कहा था की बुलडोजर गंगा जमुना स्कूल पहुंच गया है, कुछ ही देर में बिल्डिंग धराशाई हो जाएगी. जबकि 1 दिन पूर्व गृह मंत्री ने अपने बयान में कहा था प्याज के छिलकों की तरह एक के बाद एक परतें उधड़ रही हैं.
मुस्लिम महिलाओं ने बच्चों के साथ निकाली रैली: ईसाई मिशनरी के इस विवाद के बीच मंगलवार शाम को जब नगर पालिका के कर्मचारी गंगा जमुना स्कूल भवन में तोड़फोड़ कर रहे थे. उसके करीब घंटे भर बाद मुस्लिम समाज की महिलाओं ने अपने बच्चों के साथ गंगा जमुना स्कूल से पठानी मोहल्ला तक एक पैदल मार्च निकाला. उन्होंने स्कूल की मान्यता बहाल किए जाने संबंधी नारे लगाकर की जा रही कार्रवाई के प्रति अपना आक्रोश जताया. संभावना व्यक्त की जा रही है की यह रैली मात्र एक ट्रेलर है. आगे मुस्लिम समाज के लोग धर्मांतरण और टेरर फंडिंग के आरोपों से जूझ रहे गंगा जमुना संचालकों के पक्ष में भी खड़े हो सकते हैं.