उज्जैन। मध्य प्रदेश के उज्जैन से दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां जीवाजी गंज थाना क्षेत्र के जानकी नगर में एक घर से चार शव बरामद हुए हैं. घर के मुखिया मनोज राठौर, उनकी लिव-इन-पार्टनर ममता, 12 साल के बेटे लक्की और बेटी कनक के शव कमरे में मिले हैं. घटना की सूचना के बाद जीवाजी थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरु कर दी. शुरुआती जांच में सुसाइड का केस लग रहा है.
बुराड़ी कांड की यादें ताजा: उज्जैन से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसने दिल्ली के बुराड़ी केस की यादें ताजा कर दी. दरअसल एक घर से चार लोगों के शव बरामद हुए हैं. जानकारी के अनुसार, मृतक मनोज राठौर जानकी नगर में अपनी लिव-इन-पार्टनर और उसके 2 बच्चों के साथ किराये से रहता था और कालिका माता मंदिर में फूल सामग्री का ठेला लगाता था. एसपी सचिन शर्मा ने बताया कि "मनोज राठौर 3 महीने पहले ही जयसिंहपुरा के साथ जानकी नगर में शिफ्ट हुआ था. हालांकि मौत के कारण अभी स्पष्ट नहीं हुए हैं, शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और आगे की कार्रवाई शुरु कर दी है. जांच के लिए फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (FSL) की टीम को भी बुला लिया गया है."
ऐसे सामने आया मामला: मनोज के पड़ोसी जितेंद्र सोलंकी ने बताया कि "सुबह 10.30 बजे करीब मनोज के एक रिश्तेदार मेरे पास आए और कहने लगे कि मनोज के घर का दरवाजा नहीं खुल रहा, मैं काफी टाइम से गेट खुलवाने की कोशिश कर रहा हूं. जब मैं उनके घर पहुंचे पहुंचा तो उनके घर के बाहर काफी भीड़ जुटी हुई थी. बहुत देर तक जब दरवाजा नहीं खुला तो मैंने गेट में जोर से धक्का दिया, फिर दरवाजा खुल गया, लेकिन घर के अंदर का माहौल देखकर हम सब दंग रह गए."
पुलिस ने शुरु की जांच पड़ताल: मामले की जानकारी लगते ही मकान मालिक आसाराम ने पुलिस को सूचना दी. सूचना पाकर पुलिस ने मनोज राठौर, उसकी लिव-इन-पार्टनर ममता और ममता के दो बच्चों के शव को उठवाया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. वहीं पुलिस ने घर को सील कर आगे की कार्रवाई शुरु कर दी है.
ऐसे मिले थे मनोज और ममता: ममता की एक रिश्तेदार सुमित्रा शिंदे ने बताया कि "ममता के दोनों बच्चे उसके पहले पति के साथ नहीं रहते थे, वे यहीं मनोज के साथ रहते थे. ममता की शादी 15 साल पहले नागदा में हुई थी, उसका पति खराब था उसे काफी मारता-पीटता था. यही वजह थी तो ममता ने पति को छोड़ दिया था. इसके अलावा मनोज की शादी 2017 में हुई थी, लेकिन उसकी बीवी दिमागी रूप से परेशान रहती थी, इसलिए वो भी पत्नी को छोड़ दिया था. ममता अपने पति को छोड़कर उज्जैन आई तो उसने जहां घर किराए पर उसी के सामने मनोज रहता था, ऐसे धीरे-धीरे दोनों में दोस्ती हुई और फिर प्यार हो गया. अभी मनोज के साथ ममता 5 साल से लिव-इन में रह रही थी."
कर्ज में डूबा था मनोज: सुमित्रा शिंदे ने बताया कि "मनोज वैसे तो ठीक था, लेकिन उसकी बहुत गंदी आदत थी वो लोगों से कर्ज लेता था. कर्ज कितना था ये तो नहीं मालूम, लोकिन हर कोई उससे अपना पैसा वापस मांगता रहता था. ऐसा नहीं है कि किसी ने उसे समझाया नहीं, उसे हर कोई बोलता था कि कर्ज मत लो, कुछ अच्छा करो या फिर कम पैसे में गुजारा करना सीखो, लेकिन उसने किसी की एक ना सुनी. जहां तक लगता है कर्ज से परेशान होकर ही मनोज ने ये कदम उठाया होगा."
MP में कब-कब खत्म हुए परिवार: इससे पहले भी परिवार द्वारा सामूहिक आत्महत्या के मामले सामने आए हैं. जुलाई महीने में राजधानी भोपाल के रातीबड़ थाना क्षेत्र के नीलबड़ में रहने वाले भूपेंद्र विश्वकर्मा और उनकी पत्नी रितु विश्वकर्मा ने अपने 9 साल और 3 साल के दो बेटे की पहले हत्या की फिर दोनों ने सुसाइड कर लिया था. भूपेंद्र विश्वकर्मा के पास से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ था, जिसमें उसने लिखा था कि कर्ज में डूबने के चलते वह परिवार सहित आत्महत्या कर रहा है. वहीं, मार्च 2023 में बुरहानपुर के नेपानगर में एक घर से संदिग्ध हालत में पांच लोगों के शव बरामद हुए थे. परिवार के मुखिया मनोज ने पहले पत्नी और तीन बच्चों की हत्या की उसके बाद खुद आत्महत्या कर ली. बताया जा रहा है कि मनोज अपनी बीमारी को लेकर तनाव में था. इधर 25 जून 2023 को जबलपुर जिले के गोरखपुर थाना क्षेत्र के रामपुर इलाके में रहने वाले रवि शंकर बर्मन, उनकी पत्नी पूनम बर्मन और दस साल के बेटे आर्यन का शव घर में मिला था. खंडवा में भी तीन सगी बहनों ने सुसाइड कर लिया था.