इंदौर। अफ्रीकी महाद्वीप से हाल ही में भारत लाए गए अफ्रीकी चीते कूनो नेशनल पार्क से अब मंदसौर के गांधी सागर अभ्यारण्य में शिफ्ट करने की तैयारी हो गई है. दरअसल प्राकृतिक आवासीय स्थल बदलने, आपसी संघर्ष और बीमारी के चलते कूनो में तीन बड़े चीते और तीन शावकों की मौत हो चुकी है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले में चिंता जताए जाने के बाद राज्य के वन विभाग ने बचे हुए शेष चीतों को अन्य प्राणी उद्यानों में शिफ्ट करने का प्लान किया है.
गांधी सागर अभ्यारण्य हो रहा विकसित: इस क्रम में अब मध्य प्रदेश के मंदसौर में स्थित गांधी सागर वन्य अभ्यारण्य को नए सिरे से विकसित करने की तैयारी की गई है. वन विभाग की माने तो अक्टूबर-नवंबर तक गांधी सागर अभ्यारण के प्राकृतिक स्थल को अफ्रीकी चीतों और नामीबियाई चीतों के अनुसार तैयार करने के बाद कूनो अभयारण्य से चीते गांधी सागर अभ्यारण में शिफ्ट किए जाएंगे. आज इंदौर में मुख्य वन्य प्राणी संरक्षक जेएस चौहान ने इस आशय के संकेत दिए हैं. उन्होंने प्रेस से बातचीत के दौरान स्पष्ट किया कि दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से अंतर महाद्वीपीय चीता स्थानांतरण कार्यक्रम के तहत श्योपुर के कूनो अभयारण्य लाए गए कुल 20 चीतों में से 3 चीतों की मौत विभिन्न कारणों से हुई है.
गांधी सागर में शिफ्ट होंगे चीते: इस मामले में विभाग का बचाव करते हुए जेएस चौहान ने कहा कि भारत सरकार ने चीता एक्शन प्लान में स्पष्ट किया है कि चीता स्थानांतरण कार्यक्रम के एक या दो वर्ष पूरे होने पर अगर आधे चीते भी जिंदा रहते हैं, तो चीतों के स्थानांतरण का कार्यक्रम सफल माना जाता है. इसलिए कूनो में चीतों की मौत पर चिंता करने की जरूरत नहीं है. गौरतलब है चीतों की मौत पर हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी संज्ञान लिया था. इसके बाद से ही राज्य का वन विभाग चीतों को अन्य किसी अभ्यारण में शिफ्ट करने की कोशिश में था, हालांकि अब खुद विभाग ने ही स्पष्ट कर दिया है कि अक्टूबर-नवंबर में गांधी सागर अभ्यारण में शेष बचे हुए चीतों को शिफ्ट कर दिया जाएगा. इसके अलावा दूसरे चरण में फिर से चीते आएंगे तो उन्हें भी गांधी सागर में ही रखा जाएगा. गौरतलब है कूनो टाइगर रिजर्व में 3 चीतों के अलावा तीन शावकों की मौत हो चुकी है. (Kuno Cheetah Shift in Mandsaur)