मुरैना। जिले की सबलगढ़ तहसील के रायडी-राधेन घाट पर सुबह हुए हादसे में गोताखोरों की टीम ने अभी तक 2 शव पानी से बाहर निकाले हैं. अभी 5 लोग लापता बताए जा रहे है. अंधेरा होने के बाद एनडीआरएफ टीम ने रेस्क्यू बंद कर दिया है. अब ग्वालियर और दिल्ली से एनडीआरएफ की विशेष प्रशिक्षित टीमों को बुलाया गया है. ये टीमें देर रात तक मुरैना पहुंचेगी. सुबह होते ही चम्बल में रेस्क्यू शुरु होगा. जिला कलेक्टर अंकित अष्ठाना ने मृतकों के परिजनों को सरकारी गाईड लाइन के हिसाब से सहायता राशि उपलब्ध करवाने की बात कही है.
पानी में फिसला पैर: ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार, मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के सिलायचौन गांव निवासी कुशवाह समाज के 17 लोगों का जत्था कैला देवी की पदयात्रा के लिए जा रहा था. करौली जिले के मंडरायल उपखंड से होकर गुजर रही चंबल के रोधई घाट पर यह जत्था पानी में से होकर निकलने लगा. ये लोग एक-दूसरे का हाथ थामे नदी पार कर रहे थे. तभी पानी के तेज बहाव में इनमें से एक का पैर फिसल गया. इसके बाद एक के बाद एक सभी पदयात्री चंबल नदी में बह गए.
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10 लोगों को बचाया गया: पद यात्रियों की चीख-चिल्लाहट सुनकर आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे. तुरंत 10 लोगों को बाहर निकाल लिया गया, लेकिन 7 लोग पानी में बह गए. घटना की सूचना मिलने के बाद करौली कलेक्टर अंकित कुमार सिंह, एसपी नारायण टोंकस सहित पुलिस प्रशासन और एसडीआरएफ के जवान भी मौके पर पहुंचे. फिलहाल 5 लोगों की तलाश व राहत और बचाव का कार्य जारी है. मंडरायल के लिए भरतपुर से एसडीआरएफ की 2 टीमें रवाना की गई, जो लापता लोगों को ढूंढ़ने में मदद करेंगी.
लापता श्रद्धालु:
- रुकमणी पत्नी दीपक कुशवाह उम्र 33 वर्ष
- लवकुश पुत्र थान सिंह कुशवाह उम्र 12 वर्ष
- ब्रजमोहन पुत्र पप्पू कुशवाहा उम्र 18 वर्ष
- रश्मि पत्नी सुनील कुशवाह उम्र 20 वर्ष
- अलोपा पत्नी दुवकीनंदन कुशवाह उम्र 42 वर्ष
कैला देवी पर भरता है लक्खी मेला: हर साल करौली के प्रसिद्ध मंदिर कैला देवी में चैत्र नवरात्र से पहले लक्खी मेला भरता है. जिसमें पूरे राजस्थान, मध्यप्रदेश के अलावा अन्य प्रदेशों से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं. इनमें बहुत बड़ी संख्या पैदल यात्रियों की भी होती है. इस बार यह मेला 19 मार्च रविवार से शुरू हो रहा है. इसके लिए अभी से पदयात्री कैलादेवी पहुंचने लगे हैं.