छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश में कई विधानसभा क्षेत्र में प्रदेश स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर के नेता अपनी सभाएं करने पहुंच रहे हैं. जहां सभी नेता जनता को लुभाने के लिए कई वादे और दावे कर रहे हैं. हम आपको एमपी की एक ऐसी विधानसभा सीट के बारे में बताएंगे, जहां चुनाव जीतने के लिए महाराष्ट्र के नेताओं की जरूरत पड़ती है. इसलिए महाराष्ट्र के बीजेपी-कांग्रेस और दूसरी पार्टी के दिग्गज नेता भी यहां पर चुनाव प्रचार में अभी से अपनी ताकत झोंकने लगे हैं.
मध्य प्रदेश की विधानसभा महाराष्ट्र पर है निर्भर: महाराष्ट्र के नागपुर जिले से सटी छिंदवाड़ा जिले की पांढुर्णा विधानसभा सीट कहने को तो मध्य प्रदेश की विधानसभा है, लेकिन सरकारी कामों के अलावा व्यापार बोली, भाषा और संस्कृति पूरी तरह से महाराष्ट्र की है. इसलिए चुनाव जीतने के लिए भी हर दल को यहां पर महाराष्ट्र के नेताओं की जरूरत पड़ती है. महाराष्ट्र के नेता यहां पहुंचकर मराठी में चुनाव प्रचार करते हैं, ताकि लोग आसानी से उनकी बोली और भाषा को समझ सके.
आदित्य ठाकरे ने शुरू किया प्रचार: हर विधानसभा लोकसभा यहां तक की स्थानीय स्तर के नगर पालिका के चुनाव में भी महाराष्ट्र के नेता यहां पर प्रचार के लिए पहुंचते हैं. एक बार फिर कांग्रेस को जीताने और कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाने के लिए इस विधानसभा सीट में I.N.D.I.A गठबंधन के सहयोगी शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता व पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने चुनावी शंखनाद कर दिया है. पूर्व सीएम कमलनाथ के साथ मंच साझा कर कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाने के लिए मराठी भाषा में लोगों से अपील की.
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण महाराष्ट्र सरकार में पूर्व मंत्री रहे सावनेर के विधायक सुनील केदार सहित कई नेता लगातार यहां चुनाव कमान संभालते नजर आते हैं. तो वहीं भाजपा में पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री नितिन गडकरी महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित पंकजा मुंडे चुनाव प्रचार के लिए पहुंचेंगी.
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मराठी और गोंडी बोली में होता है प्रचार, बीजेपी ने घोषित किया प्रत्याशी: पांढुर्णा विधानसभा अनुसूचित जनजाति वर्ग के आरक्षित है. मराठी भाषा का प्रभाव होने की वजह से एक तरफ जहां प्रचार में मराठी का उपयोग किया जाता है. तो वहीं ग्रामीण इलाकों में गोंडी भाषा में भी प्रचार किया जाता है. खास बात यह है कि बैनर पोस्टर और प्रचार सामग्री भी अधिकतर मराठी भाषा में ही प्रिंट कराई जाती है. मराठी भाषा का इस विधानसभा में कितना प्रभाव है, इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि भाजपा ने इस विधानसभा के लिए प्रत्याशी की घोषणा कर दी है. भाजपा ने न्यायाधीश के पद से इस्तीफा दिए प्रकाश ऊइके को अपना उम्मीदवार बनाया है प्रकाश ऊइके ने मराठी भाषा के प्रभाव के चलते अपना नाम प्रकाश भाऊ ऊइके कर लिया है और इसी नाम से प्रचार कर रहे हैं दरअसल मराठी में भाऊ का मतलब भाई होता है।