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MP Politics: मध्य प्रदेश के ब्राह्मणों का शिवराज सरकार के खिलाफ 'विद्रोह', विंध्य की नाराजगी कहीं बीजेपी को सत्ता से न कर दे बाहर - शिवराज ने किया आदिवासी युवक का सम्मान

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव करीब हैं. लेकिन सीधी के पेशाब कांड ने बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. सियासी हलकों में चर्चा जोरों पर है कि जिस तरह से ग्वालियर चम्बल में 'माई के लाल' वाले बयान ने बीजेपी का सफाया किया था, कहीं फिर सीधी आदिवासी पेशाब कांड बीजेपी की चुनावी नैया न डुबो दे.

Challenges for BJP In Election Year
एमपी में आदिवासी बनाम ब्राह्मण
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Published : Jul 7, 2023, 10:17 PM IST

एमपी में आदिवासी बनाम ब्राह्मण

भोपाल। विधानसभा 2018 की चर्चा की जाए तो मुख्यमंत्री ने आरक्षण को लेकर कहा था कि ''कौन माई का लाल आरक्षण खत्म कर सकेगा.'' ये बयान BJP को 2018 के चुनाव में भारी पड़ा था. भले ही शिवराज सिंह को यह लग रहा था कि यह उनका "माई के लाल' वाला बयान उन्हें चुनावी फायदा देगा लेकिन दांव उल्टा पड़ गया. अब विंध्य में सीधी कांड ने सत्ताधारी पार्टी को मुश्किलों में खड़ा कर दिया है. मामला आदिवासी बनाम ब्राह्मण बन गया है. आदिवासी व्यक्ति पर भाजपा नेता प्रवेश शुक्ला ने पेशाब किया तो सरकार ने बिना देर करें प्रवेश शुक्ला के खिलाफ रासुका और अन्य धाराएं लगाकर उसे जेल भेज दिया.

सीधी कांड क्यों बना सरकार के गले की फांस: यहां तक तो बात ठीक थी, लेकिन आनन-फानन में जिस तरह से सरकार अपराधियों के घर पर बुलडोजर चलाती है उसी तर्ज पर प्रवेश शुक्ला के घर पर भी बुलडोजर चला दिया गया, लेकिन यह बुलडोजर अब सरकार पर भारी पड़ता दिखाई दे रहा है. बुलडोजर के विरोध में पूरा ब्राह्मण समाज सरकार के खिलाफ खड़ा हो गया है. अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज ने शिवराज सरकार की खिलाफ़त की और उन्हें चेतावनी देते हुए कहा है कि जिस मकान पर बुलडोजर चलाया गया उसमें आरोपी के नाम पर कुछ नही हैं. ऐसे में अब ब्राह्मण समाज सरकार से नाराज है और इसके परिणाम भुगतने को सरकार तैयार रहे.

Shivraj honored the tribal youth
सीएम शिवराज ने किया आदिवासी युवक का सम्मान

ब्राह्मण समाज हाई कोर्ट में दायर करेगा पिटीशन: ब्राह्मण समाज ने तय किया है कि सरकार ने बुलडोजर से जिस मकान को गिराया है उसके लिए समाज उस परिवार को 51 हजार की राशि देगी और सारे ब्राह्मणों से अपील करेगी कि वह साथ आकर इस परिवार की मदद करें. इसके साथ ही ब्राह्मण समाज जबलपुर हाई कोर्ट में पिटीशन भी दायर करेगा. इस पूरे मामले पर कांग्रेस बीजेपी पर निशाना साधते हुए कह रही है कि ''एक तरफ बीजेपी आदिवासियों की हितैषी बनती है तो दूसरी तरफ उन पर लगातार अत्याचार बढ़ रहे हैं और वहीं, बुलडोजर से मकान ढाई जाने का विरोध भी जता रही है.'' कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा का कहना है कि ''बीजेपी सिर्फ अपने हित के लिए कुछ भी करने को तैयार है, यदि ब्राह्मण समाज को ऐसा लगता है कि उनके साथ अन्याय हुआ है तो CM शिवराज सिंह के खिलाफ कोर्ट जाएं.''

फूंक-फूंककर कदम रख रही भाजपा: वहीं, बीजेपी इस पूरे मामले पर घिरती नजर आ रही है. अब मामला ब्राह्मणों से जुड़ा है तो पार्टी फूंक-फूंककर भी कदम रख रही है. लेकिन साथ ही यह भी सफाई दे रही है कि जो भी अपराधी है उसका कोई जाति धर्म नहीं होता. बुलडोजर से जिस मकान तोड़ा गया है पहले उसकी पूरी वैधानिक जांच की जा चुकी है.

Also Read: राजनीति से जुड़ी अन्य खबरें

एमपी में विधानसभा की 230 सीट: अभी विंध्य में बीजेपी की स्थिति अच्छी है, चुनावी सालों के आंकड़े बताते हैं कि 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बड़ी जीत मिली थी, उसका 30 में से 24 विधानसभा सीटों पर कब्जा है. इससे पहले 2013 में बीजेपी 17 सीटों पर आकर सिमट गई थी, 2008 के चुनाव में भी बीजेपी को यहां से 24 स्थानों पर जीत मिली थी.

विंध्य पर भाजपा की नजर: इस लिहाज से यदि विंध्य में नाराजगी हुई तो पार्टी को नुकसान उठाना पड़ेगा. वहीं, दूसरी तरफ आदिवासी वोटर्स भी हैं, इनकी भी विंध्य और सटे हुए क्षेत्रों में खासी जनसंख्या है. फिलहाल विंध्य प्रदेश पर बीजेपी की खासी नजर है. यहां पर पीएम मोदी से लेकर अमित शाह. जेपी नड्डा और अन्य केंद्रीय मंत्री लगातार अपनी सभाएं कर चुके हैं.

एमपी में आदिवासी बनाम ब्राह्मण

भोपाल। विधानसभा 2018 की चर्चा की जाए तो मुख्यमंत्री ने आरक्षण को लेकर कहा था कि ''कौन माई का लाल आरक्षण खत्म कर सकेगा.'' ये बयान BJP को 2018 के चुनाव में भारी पड़ा था. भले ही शिवराज सिंह को यह लग रहा था कि यह उनका "माई के लाल' वाला बयान उन्हें चुनावी फायदा देगा लेकिन दांव उल्टा पड़ गया. अब विंध्य में सीधी कांड ने सत्ताधारी पार्टी को मुश्किलों में खड़ा कर दिया है. मामला आदिवासी बनाम ब्राह्मण बन गया है. आदिवासी व्यक्ति पर भाजपा नेता प्रवेश शुक्ला ने पेशाब किया तो सरकार ने बिना देर करें प्रवेश शुक्ला के खिलाफ रासुका और अन्य धाराएं लगाकर उसे जेल भेज दिया.

सीधी कांड क्यों बना सरकार के गले की फांस: यहां तक तो बात ठीक थी, लेकिन आनन-फानन में जिस तरह से सरकार अपराधियों के घर पर बुलडोजर चलाती है उसी तर्ज पर प्रवेश शुक्ला के घर पर भी बुलडोजर चला दिया गया, लेकिन यह बुलडोजर अब सरकार पर भारी पड़ता दिखाई दे रहा है. बुलडोजर के विरोध में पूरा ब्राह्मण समाज सरकार के खिलाफ खड़ा हो गया है. अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज ने शिवराज सरकार की खिलाफ़त की और उन्हें चेतावनी देते हुए कहा है कि जिस मकान पर बुलडोजर चलाया गया उसमें आरोपी के नाम पर कुछ नही हैं. ऐसे में अब ब्राह्मण समाज सरकार से नाराज है और इसके परिणाम भुगतने को सरकार तैयार रहे.

Shivraj honored the tribal youth
सीएम शिवराज ने किया आदिवासी युवक का सम्मान

ब्राह्मण समाज हाई कोर्ट में दायर करेगा पिटीशन: ब्राह्मण समाज ने तय किया है कि सरकार ने बुलडोजर से जिस मकान को गिराया है उसके लिए समाज उस परिवार को 51 हजार की राशि देगी और सारे ब्राह्मणों से अपील करेगी कि वह साथ आकर इस परिवार की मदद करें. इसके साथ ही ब्राह्मण समाज जबलपुर हाई कोर्ट में पिटीशन भी दायर करेगा. इस पूरे मामले पर कांग्रेस बीजेपी पर निशाना साधते हुए कह रही है कि ''एक तरफ बीजेपी आदिवासियों की हितैषी बनती है तो दूसरी तरफ उन पर लगातार अत्याचार बढ़ रहे हैं और वहीं, बुलडोजर से मकान ढाई जाने का विरोध भी जता रही है.'' कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा का कहना है कि ''बीजेपी सिर्फ अपने हित के लिए कुछ भी करने को तैयार है, यदि ब्राह्मण समाज को ऐसा लगता है कि उनके साथ अन्याय हुआ है तो CM शिवराज सिंह के खिलाफ कोर्ट जाएं.''

फूंक-फूंककर कदम रख रही भाजपा: वहीं, बीजेपी इस पूरे मामले पर घिरती नजर आ रही है. अब मामला ब्राह्मणों से जुड़ा है तो पार्टी फूंक-फूंककर भी कदम रख रही है. लेकिन साथ ही यह भी सफाई दे रही है कि जो भी अपराधी है उसका कोई जाति धर्म नहीं होता. बुलडोजर से जिस मकान तोड़ा गया है पहले उसकी पूरी वैधानिक जांच की जा चुकी है.

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एमपी में विधानसभा की 230 सीट: अभी विंध्य में बीजेपी की स्थिति अच्छी है, चुनावी सालों के आंकड़े बताते हैं कि 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बड़ी जीत मिली थी, उसका 30 में से 24 विधानसभा सीटों पर कब्जा है. इससे पहले 2013 में बीजेपी 17 सीटों पर आकर सिमट गई थी, 2008 के चुनाव में भी बीजेपी को यहां से 24 स्थानों पर जीत मिली थी.

विंध्य पर भाजपा की नजर: इस लिहाज से यदि विंध्य में नाराजगी हुई तो पार्टी को नुकसान उठाना पड़ेगा. वहीं, दूसरी तरफ आदिवासी वोटर्स भी हैं, इनकी भी विंध्य और सटे हुए क्षेत्रों में खासी जनसंख्या है. फिलहाल विंध्य प्रदेश पर बीजेपी की खासी नजर है. यहां पर पीएम मोदी से लेकर अमित शाह. जेपी नड्डा और अन्य केंद्रीय मंत्री लगातार अपनी सभाएं कर चुके हैं.

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