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लव जिहाद मामले में पहला फैसला, कोर्ट ने दोषी को सुनाई 10 साल की सजा

कानपुर महानगर में दर्जनों लव जिहाद के मामले (kanpur love jihad case) निकल कर सामने आए थे, जिसमें से एक मामले में कानपुर महानगर ने इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करा दिया है. अदालत ने पीड़िता को न्याय देते हुए दोषी को 10 साल की सजा और 30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.

1KANPUR COURT
लव जिहाद मामले में पहला फैसला, कानपुर कोर्ट ने आरोपी को सुनाई 10 साल की सजा
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Published : Dec 22, 2021, 10:22 AM IST

Updated : Dec 22, 2021, 8:14 PM IST

कानपुर: कानपुर में लव जिहाद के पहले मामले में सुनवाई करते हुए न्यायालय ने आरोपी को 10 साल की सजा और 30 हजार का जुर्माना लगाया है. जुर्माने की राशि में से 20 हजार रुपये पीड़िता को बतौर क्षतिपूर्ति राशि के तौर पर दिए जाएंगे. दरअसल यह पूरा मामला बीते 15 मई, 2017 का था, जब जूही थाना क्षेत्र की रहने वाली कच्ची बस्ती निवासी किशोरी को जावेद नाम के एक युवक ने खुद को हिन्दू बताते हुए अपना नाम मुन्ना बताया था. युवक की मुलाकात किशोरी से होने के बाद दोनो में नजदीकियां बढ़ने लगी और धीरे-धीरे दोनों में प्रेम संबंध हुआ.

लव जिहाद मामले में पहला फैसला

आरोपी किशोरी को शादी का झांसा देकर अपने साथ भगाकर ले गया और फिर उसके साथ जबरदस्ती संबंध बनाए. वहीं, बेटी के लापता होने के बाद पीड़ित माता-पिता ने जूही थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए अगले ही दिन आरोपी को गिरफ्तार कर किशोरी को बरामद कर लिया था. इस मामले में पीड़िता की मां की तहरीर पर पाक्सो एक्ट समेत दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कर आरोपी को जेल भेज दिया गया था.

ये भी पढ़ें- बेअदबी के आरोपियों की पीट-पीटकर हत्या की घटना अस्वीकार्य : अमरिंदर सिंह

मामले में 164 के बयान में पीड़िता ने बताया था कि आरोपी जावेद ने उसे खुद को हिन्दू और अपना नाम मुन्ना बताकर दोस्ती की थी. इसके बाद शादी का झांसा देकर उसे साथ ले गया. जब पीड़िता उसके घर पहुंची तो आरोपी ने उसे अपना असली धर्म बताकर निकाह करने के लिए कहा जिस पर उसने इनकार कर दिया. इसके बाद पीड़िता ने आरोप लगाया कि जावेद उर्फ मुन्ना ने उसके साथ जबरदस्ती दुष्कर्म किया. इस मामले में सुनवाई करते हुए अपर जिला जज ने आरोपी के खिलाफ फैसला सुनाया.

वहीं, जब पीड़ित परिवार को न्यायालय के आदेश का पता चला तो उन्होंने न्यायालय का तहेदिल से धन्यवाद किया. इधर, उत्तर प्रदेश की मौजूदा योगी सरकार को धन्यवाद दिया कि इतनी जल्दी उनके मामले में सजा सुनाई गई जबकि वो न्याय की उम्मीद ही छोड़ चुके थे.

कानपुर: कानपुर में लव जिहाद के पहले मामले में सुनवाई करते हुए न्यायालय ने आरोपी को 10 साल की सजा और 30 हजार का जुर्माना लगाया है. जुर्माने की राशि में से 20 हजार रुपये पीड़िता को बतौर क्षतिपूर्ति राशि के तौर पर दिए जाएंगे. दरअसल यह पूरा मामला बीते 15 मई, 2017 का था, जब जूही थाना क्षेत्र की रहने वाली कच्ची बस्ती निवासी किशोरी को जावेद नाम के एक युवक ने खुद को हिन्दू बताते हुए अपना नाम मुन्ना बताया था. युवक की मुलाकात किशोरी से होने के बाद दोनो में नजदीकियां बढ़ने लगी और धीरे-धीरे दोनों में प्रेम संबंध हुआ.

लव जिहाद मामले में पहला फैसला

आरोपी किशोरी को शादी का झांसा देकर अपने साथ भगाकर ले गया और फिर उसके साथ जबरदस्ती संबंध बनाए. वहीं, बेटी के लापता होने के बाद पीड़ित माता-पिता ने जूही थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए अगले ही दिन आरोपी को गिरफ्तार कर किशोरी को बरामद कर लिया था. इस मामले में पीड़िता की मां की तहरीर पर पाक्सो एक्ट समेत दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कर आरोपी को जेल भेज दिया गया था.

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मामले में 164 के बयान में पीड़िता ने बताया था कि आरोपी जावेद ने उसे खुद को हिन्दू और अपना नाम मुन्ना बताकर दोस्ती की थी. इसके बाद शादी का झांसा देकर उसे साथ ले गया. जब पीड़िता उसके घर पहुंची तो आरोपी ने उसे अपना असली धर्म बताकर निकाह करने के लिए कहा जिस पर उसने इनकार कर दिया. इसके बाद पीड़िता ने आरोप लगाया कि जावेद उर्फ मुन्ना ने उसके साथ जबरदस्ती दुष्कर्म किया. इस मामले में सुनवाई करते हुए अपर जिला जज ने आरोपी के खिलाफ फैसला सुनाया.

वहीं, जब पीड़ित परिवार को न्यायालय के आदेश का पता चला तो उन्होंने न्यायालय का तहेदिल से धन्यवाद किया. इधर, उत्तर प्रदेश की मौजूदा योगी सरकार को धन्यवाद दिया कि इतनी जल्दी उनके मामले में सजा सुनाई गई जबकि वो न्याय की उम्मीद ही छोड़ चुके थे.

Last Updated : Dec 22, 2021, 8:14 PM IST
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