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The Pack is Complete : LAC पर तनातनी के बीच एयरफोर्स को मिले सभी 36 राफेल - भारत चीन राफेल

भारत और चीन के बीच तनातनी को लेकर एयरफोर्स को सभी 36 राफेल मिल चुके हैं. आज 36वां और अंतिम राफेल भारत पहुंच गया. भारत और फ्रांस के बीच कुल 36 राफेल फाइटर जेट को लेकर सौदा हुआ था.

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Published : Dec 15, 2022, 4:57 PM IST

नई दिल्ली : फाइटर जेट राफेल की अंतिम किस्त भारत पहुंच गई है. इसी के साथ ही भारत फ्रांस के बीच हुआ राफेल सौदा पूरा हो गया. भारतीय वायु सेना ने बताया कि गुरुवार को 36 वां राफेल फाइटर जेट भारत में लैंड हुआ. भारत और फ्रांस के बीच कुल 36 राफेल फाइटर जेट को लेकर सौदा हुआ था और अब भारत को सभी 36 राफेल मिल चुके हैं.

भारतीय वायु सेना ने गुरुवार को आधिकारिक तौर पर बताया कि, राफेल डील का यह पैक पूरा हो गया है. 36 राफेल लड़ाकू विमानों में से अंतिम विमान गुरुवार को फ्रांस से होते हुए संयुक्त अरब अमीरात पहुंचा. यहां राफेल ने वायु सेना के टैंकर से एक त्वरित (एनरूट सिप) ईंधन लिया और उसके बाद भारत में उतरा.

जानकारी के मुताबिक राफेल लड़ाकू विमानों का एक स्क्वाड्रन पाकिस्तान से लगी पश्चिमी सीमा और उत्तरी सीमा की निगरानी करेगा. जबकि एक दूसरा अन्य स्क्वाड्रन भारत की पूर्वी सीमा क्षेत्र की निगरानी करेगा. रक्षा विशेषज्ञ भी मानते हैं कि राफेल डील पूरी होने से भारतीय वायुसेना की ताकत में बड़ा इजाफा हुआ है. विशेष रूप से ऐसे समय में जब चीन के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर तनाव और संघर्ष छिड़ा है. गुरुवार को भारत पहुंचा 36वां राफेल फाइटर जेट जल्द ही वायुसेना की स्क्वाड्रन का हिस्सा बनेगा.

भारत के लिए विशेष तौर पर डिजाइन एवं तैयार किए गए राफेल लड़ाकू विमान में जेट में हेलमेट-माउंटेड दृष्टि, रडार चेतावनी रिसीवर, 10 घंटे के लिए पर्याप्त भंडारण के साथ उड़ान डेटा रिकॉर्डर, इन्फ्रा-रेड सर्च, ट्रैक सिस्टम, और आने वाली मिसाइलों को के लिए टोड डिकॉय और मिसाइल ²ष्टिकोण चेतावनी प्रणाली शामिल हैं.

गौरतलब है कि वायुसेना ने हाल ही में राफेल से लंबी दूरी की मीटियोर मिसाइल और हवा से जमीन में मार करने वाली स्कैल्प मिसाइल का सफल परीक्षण किया था. राफेल के जखीरे में हैमर मिसाइल भी शामिल हो गई है. इस विषय में अहम जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने कहा कि यह मिसाइल कम दूरी तक सटीक हमला करने में सक्षम है. वहीं भारतीय वायु सेना ने दुनिया के सबसे उन्नत फाइटर जेट राफेल के भारत आने की तस्वीर के साथ अपडेट साझा किया है.

भारत को जुलाई 2020 में वायु सेना स्टेशन अंबाला में पांच राफेल जेट का पहला बैच मिला था. ये जेट 17वें स्क्वाड्रन का हिस्सा थे. महत्वपूर्ण बात यह है कि 15 दिसंबर को जिस दिन 36वां राफेल भारत में उतरा उसी दिन भारतीय वायुसेना (आईएएफ) भारत चीन सीमा के पास युद्धाभ्यास कर रही है. भारतीय वायुसेना का यह अभ्यास देश के पूर्वी सेक्टर में 16 दिसंबर तक जारी रहेगा. इस अभ्यास में असम के तेजपुर, छबुआ, जोरहाट और पश्चिम बंगाल के हाशिमारा में हवाई ठिकानों के सक्रिय होने की संभावना है.

इस विषय में आधिकारिक जानकारी देते हुए भारतीय वायु सेना ने गुरुवार को कहा, भारतीय वायु सेना की पूर्वी वायु कमान 15 और 16 दिसंबर 22 को अपने क्षेत्र में एक पूर्व-नियोजित नियमित अभ्यास आयोजित कर रही है. यह अभ्यास तवांग में हाल के घटनाक्रमों से काफी पहले से नियोजित था, और यह इससे व इन घटनाओं के साथ जुड़ा नहीं है. आईएएफ अधिकारी ने कहा कि अभ्यास आईएएफ चालक दल के प्रशिक्षण के लिए आयोजित किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें : अरुणाचल प्रदेश : गलवान की तरह ही चीन ओपी स्थापित करने की कर रहा था कोशिश

नई दिल्ली : फाइटर जेट राफेल की अंतिम किस्त भारत पहुंच गई है. इसी के साथ ही भारत फ्रांस के बीच हुआ राफेल सौदा पूरा हो गया. भारतीय वायु सेना ने बताया कि गुरुवार को 36 वां राफेल फाइटर जेट भारत में लैंड हुआ. भारत और फ्रांस के बीच कुल 36 राफेल फाइटर जेट को लेकर सौदा हुआ था और अब भारत को सभी 36 राफेल मिल चुके हैं.

भारतीय वायु सेना ने गुरुवार को आधिकारिक तौर पर बताया कि, राफेल डील का यह पैक पूरा हो गया है. 36 राफेल लड़ाकू विमानों में से अंतिम विमान गुरुवार को फ्रांस से होते हुए संयुक्त अरब अमीरात पहुंचा. यहां राफेल ने वायु सेना के टैंकर से एक त्वरित (एनरूट सिप) ईंधन लिया और उसके बाद भारत में उतरा.

जानकारी के मुताबिक राफेल लड़ाकू विमानों का एक स्क्वाड्रन पाकिस्तान से लगी पश्चिमी सीमा और उत्तरी सीमा की निगरानी करेगा. जबकि एक दूसरा अन्य स्क्वाड्रन भारत की पूर्वी सीमा क्षेत्र की निगरानी करेगा. रक्षा विशेषज्ञ भी मानते हैं कि राफेल डील पूरी होने से भारतीय वायुसेना की ताकत में बड़ा इजाफा हुआ है. विशेष रूप से ऐसे समय में जब चीन के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर तनाव और संघर्ष छिड़ा है. गुरुवार को भारत पहुंचा 36वां राफेल फाइटर जेट जल्द ही वायुसेना की स्क्वाड्रन का हिस्सा बनेगा.

भारत के लिए विशेष तौर पर डिजाइन एवं तैयार किए गए राफेल लड़ाकू विमान में जेट में हेलमेट-माउंटेड दृष्टि, रडार चेतावनी रिसीवर, 10 घंटे के लिए पर्याप्त भंडारण के साथ उड़ान डेटा रिकॉर्डर, इन्फ्रा-रेड सर्च, ट्रैक सिस्टम, और आने वाली मिसाइलों को के लिए टोड डिकॉय और मिसाइल ²ष्टिकोण चेतावनी प्रणाली शामिल हैं.

गौरतलब है कि वायुसेना ने हाल ही में राफेल से लंबी दूरी की मीटियोर मिसाइल और हवा से जमीन में मार करने वाली स्कैल्प मिसाइल का सफल परीक्षण किया था. राफेल के जखीरे में हैमर मिसाइल भी शामिल हो गई है. इस विषय में अहम जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने कहा कि यह मिसाइल कम दूरी तक सटीक हमला करने में सक्षम है. वहीं भारतीय वायु सेना ने दुनिया के सबसे उन्नत फाइटर जेट राफेल के भारत आने की तस्वीर के साथ अपडेट साझा किया है.

भारत को जुलाई 2020 में वायु सेना स्टेशन अंबाला में पांच राफेल जेट का पहला बैच मिला था. ये जेट 17वें स्क्वाड्रन का हिस्सा थे. महत्वपूर्ण बात यह है कि 15 दिसंबर को जिस दिन 36वां राफेल भारत में उतरा उसी दिन भारतीय वायुसेना (आईएएफ) भारत चीन सीमा के पास युद्धाभ्यास कर रही है. भारतीय वायुसेना का यह अभ्यास देश के पूर्वी सेक्टर में 16 दिसंबर तक जारी रहेगा. इस अभ्यास में असम के तेजपुर, छबुआ, जोरहाट और पश्चिम बंगाल के हाशिमारा में हवाई ठिकानों के सक्रिय होने की संभावना है.

इस विषय में आधिकारिक जानकारी देते हुए भारतीय वायु सेना ने गुरुवार को कहा, भारतीय वायु सेना की पूर्वी वायु कमान 15 और 16 दिसंबर 22 को अपने क्षेत्र में एक पूर्व-नियोजित नियमित अभ्यास आयोजित कर रही है. यह अभ्यास तवांग में हाल के घटनाक्रमों से काफी पहले से नियोजित था, और यह इससे व इन घटनाओं के साथ जुड़ा नहीं है. आईएएफ अधिकारी ने कहा कि अभ्यास आईएएफ चालक दल के प्रशिक्षण के लिए आयोजित किया जा रहा है.

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