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Ex-Lakshadweep MP Conviction And Sentence : केरल HC ने हत्या की कोशिश मामले में फैजल को दी बड़ी राहत, दोषसिद्धि किया निलंबित

केरल उच्च न्यायालय ने हत्या की कोशिश मामले में लक्षद्वीप के पूर्व सांसद को बड़ी राहत दी है. पूर्व सांसद मोहम्मद फैजल को लक्षद्वीप की सत्र अदालत ने दोषी करार करते हुए 10 साल की कैद की सजा सुनायी थी. बुधवार को उच्च न्यायालय ने सत्र अदालत के इस फैसले को निलंबित कर दिया.

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Published : Jan 25, 2023, 1:44 PM IST

कोच्चि : लक्षद्वीप के पूर्व सांसद मोहम्मद फैजल को राहत देते हुए केरल उच्च न्यायालय ने हत्या के प्रयास के मामले में उन्हें दोषी करार दिये जाने और 10 साल कैद की सजा के फैसले (Ex-Lakshadweep MP Conviction And Sentence) को बुधवार को निलंबित कर दिया. अदालत ने मामले में फैजल के भाई समेत तीन अन्य दोषियों को भी यह राहत प्रदान की. उच्च न्यायालय का विस्तृत आदेश अभी उपलब्ध नहीं है. लक्षद्वीप प्रशासन की ओर से पक्ष रख रहे भारत के उप सॉलिसिटर जनरल (डीएसजीआई) मनु एस ने उच्च न्यायालय के आदेश की पुष्टि की.

यह आदेश लक्षद्वीप की सत्र अदालत द्वारा सुनाई गयी सजा के खिलाफ फैजल और तीन अन्य की संयुक्त याचिका पर आया है. केंद्रशासित प्रदेश लक्षद्वीप ने दोषियों को सुनाई गयी सजा को निलंबित करने का विरोध करते हुए कहा कि उन्हें राहत देने से न्यायिक प्रक्रिया में जनता का विश्वास डिगेगा. उसने यह भी कहा कि फैजल और उनके भाई ने जो अपराध किया है, उसने इस द्वीपीय क्षेत्र के समाज को स्तब्ध कर दिया है जहां बहुत कम अपराध होते हैं। फैजल के भाई एक सरकारी स्कूल में शिक्षक थे.

लक्षद्वीप प्रशासन ने कहा था कि इनकी रिहाई से समाज में गलत संदेश जाएगा. मामले में 37 आरोपी थे। इनमें से दो की मौत हो गयी और उनके खिलाफ मुकदमा बंद कर दिया गया था. बाकी 35 आरोपियों में से पूर्व सांसद और उनके भाई समेत चार लोगों को दोषी करार दिया गया तथा 10 साल के कारावास की सजा सुनाई गयी, वहीं बाकी को बरी कर दिया गया.

(पीटीआई-भाषा)

कोच्चि : लक्षद्वीप के पूर्व सांसद मोहम्मद फैजल को राहत देते हुए केरल उच्च न्यायालय ने हत्या के प्रयास के मामले में उन्हें दोषी करार दिये जाने और 10 साल कैद की सजा के फैसले (Ex-Lakshadweep MP Conviction And Sentence) को बुधवार को निलंबित कर दिया. अदालत ने मामले में फैजल के भाई समेत तीन अन्य दोषियों को भी यह राहत प्रदान की. उच्च न्यायालय का विस्तृत आदेश अभी उपलब्ध नहीं है. लक्षद्वीप प्रशासन की ओर से पक्ष रख रहे भारत के उप सॉलिसिटर जनरल (डीएसजीआई) मनु एस ने उच्च न्यायालय के आदेश की पुष्टि की.

यह आदेश लक्षद्वीप की सत्र अदालत द्वारा सुनाई गयी सजा के खिलाफ फैजल और तीन अन्य की संयुक्त याचिका पर आया है. केंद्रशासित प्रदेश लक्षद्वीप ने दोषियों को सुनाई गयी सजा को निलंबित करने का विरोध करते हुए कहा कि उन्हें राहत देने से न्यायिक प्रक्रिया में जनता का विश्वास डिगेगा. उसने यह भी कहा कि फैजल और उनके भाई ने जो अपराध किया है, उसने इस द्वीपीय क्षेत्र के समाज को स्तब्ध कर दिया है जहां बहुत कम अपराध होते हैं। फैजल के भाई एक सरकारी स्कूल में शिक्षक थे.

लक्षद्वीप प्रशासन ने कहा था कि इनकी रिहाई से समाज में गलत संदेश जाएगा. मामले में 37 आरोपी थे। इनमें से दो की मौत हो गयी और उनके खिलाफ मुकदमा बंद कर दिया गया था. बाकी 35 आरोपियों में से पूर्व सांसद और उनके भाई समेत चार लोगों को दोषी करार दिया गया तथा 10 साल के कारावास की सजा सुनाई गयी, वहीं बाकी को बरी कर दिया गया.

(पीटीआई-भाषा)

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