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सिर्फ संक्रमित सुइयों की वजह से 45,864 लोग बने एड्स के मरीज, सबसे ज्यादा पंजाब में

पिछले 10 सालों के दौरान संक्रमित सुइयों की वजह से 45,864 लोग एड्स के मरीज बन गए. यह जानकारी एक आरटीआई में दी गई है. इनमें सबसे अधिक संख्या पंजाब के लोगों की है.

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Published : Feb 17, 2022, 7:16 PM IST

इंदौर : देश में पिछले 10 साल के दौरान संक्रमित सुइयों के इस्तेमाल से कुल 45,864 लोग एड्स के मरीज बन गए और ऐसे करीब 35 प्रतिशत मामले अकेले पंजाब में सामने आए हैं. नीमच निवासी आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने यह जानकारी हासिल की है. उन्होंने गुरुवार को मीडिया से यह जानकारी साझा की.

गौड़ ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) ने उन्हें सूचना का अधिकार कानून के तहत यह जानकारी दी है. उन्होंने दिये गये ब्योरे के हवाले से बताया कि 2011-12 से 2020-21 के बीच पंजाब में 15,924 लोग असुरक्षित सुइयों के इस्तेमाल के कारण एचआईवी से संक्रमित हुए.

नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के सेंटर फॉर कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर के रूप में पदस्थ डॉ. संजय के. राय नाको की ओर से देश भर में एड्स की स्थिति पर नजर रखते हैं. उन्होंने बताया कि नशेड़ियों द्वारा अपने शरीर में असुरक्षित सुइयों वाले इंजेक्शन लगाकर मादक पदार्थ लेने की प्रवृत्ति एचआईवी संक्रमण के कारणों में शुमार है. इस प्रवृत्ति के चलते पंजाब में हाल के बरसों में एड्स के मरीज बढ़े हैं. राय ने बताया, 'अक्सर देखा गया है कि नशेड़ियों का समूह मादक पदार्थ लेने के दौरान आपस में एक ही इंजेक्शन का बार-बार इस्तेमाल करता है जिससे एड्स का खतरा बढ़ जाता है.'

गौड़ को आरटीआई कानून से मिले ब्योरे के मुताबिक पिछले 10 सालों के दौरान

  1. दिल्ली में 5,841
  2. उत्तर प्रदेश में 5,569
  3. मिजोरम में 4,906
  4. मणिपुर में 2,594
  5. मध्यप्रदेश में 1,768
  6. हरियाणा में 1,062
  7. महाराष्ट्र में 916
  8. छत्तीसगढ़ में 874
  9. कर्नाटक में 586
  10. पश्चिम बंगाल में 566
  11. गुजरात में 554
  12. त्रिपुरा में 537
  13. राजस्थान में 501
  14. उत्तराखंड में 491
  15. असम में 467
  16. नागालैंड में 465
  17. चंडीगढ़ में 407
  18. आंध्रप्रदेश में 379
  19. बिहार में 340
  20. ओडिशा में 279
  21. तमिलनाडु में 227
  22. मेघालय में 206
  23. केरल में 151
  24. तेलंगाना में 87
  25. हिमाचल प्रदेश में 56
  26. झारखंड में 44
  27. जम्मू-कश्मीर में 37
  28. गोवा में 15
  29. अरुणाचल प्रदेश में 8
  30. सिक्किम में तीन और दमन और दीव एवं पुडुचेरी में दो-दो लोग संक्रमित सुइयों के इस्तेमाल के कारण एड्स की चपेट में आए.

आरटीआई कानून के तहत बताया गया कि 2011-12 से 2020-21 के बीच दो केंद्र शासित राज्यों-अंडमान-निकोबार द्वीप समूह और दादरा-नगर हवेली में संक्रमित सुइयों के इस्तेमाल से एचआईवी संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया.

ये भी पढे़ं : आरटीआई कार्यकर्ता की अपहरण के बाद पिटाई, हाथ-पैर तोड़कर पांव में ठोंक दी कील

(पीटीआई)

इंदौर : देश में पिछले 10 साल के दौरान संक्रमित सुइयों के इस्तेमाल से कुल 45,864 लोग एड्स के मरीज बन गए और ऐसे करीब 35 प्रतिशत मामले अकेले पंजाब में सामने आए हैं. नीमच निवासी आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने यह जानकारी हासिल की है. उन्होंने गुरुवार को मीडिया से यह जानकारी साझा की.

गौड़ ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) ने उन्हें सूचना का अधिकार कानून के तहत यह जानकारी दी है. उन्होंने दिये गये ब्योरे के हवाले से बताया कि 2011-12 से 2020-21 के बीच पंजाब में 15,924 लोग असुरक्षित सुइयों के इस्तेमाल के कारण एचआईवी से संक्रमित हुए.

नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के सेंटर फॉर कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर के रूप में पदस्थ डॉ. संजय के. राय नाको की ओर से देश भर में एड्स की स्थिति पर नजर रखते हैं. उन्होंने बताया कि नशेड़ियों द्वारा अपने शरीर में असुरक्षित सुइयों वाले इंजेक्शन लगाकर मादक पदार्थ लेने की प्रवृत्ति एचआईवी संक्रमण के कारणों में शुमार है. इस प्रवृत्ति के चलते पंजाब में हाल के बरसों में एड्स के मरीज बढ़े हैं. राय ने बताया, 'अक्सर देखा गया है कि नशेड़ियों का समूह मादक पदार्थ लेने के दौरान आपस में एक ही इंजेक्शन का बार-बार इस्तेमाल करता है जिससे एड्स का खतरा बढ़ जाता है.'

गौड़ को आरटीआई कानून से मिले ब्योरे के मुताबिक पिछले 10 सालों के दौरान

  1. दिल्ली में 5,841
  2. उत्तर प्रदेश में 5,569
  3. मिजोरम में 4,906
  4. मणिपुर में 2,594
  5. मध्यप्रदेश में 1,768
  6. हरियाणा में 1,062
  7. महाराष्ट्र में 916
  8. छत्तीसगढ़ में 874
  9. कर्नाटक में 586
  10. पश्चिम बंगाल में 566
  11. गुजरात में 554
  12. त्रिपुरा में 537
  13. राजस्थान में 501
  14. उत्तराखंड में 491
  15. असम में 467
  16. नागालैंड में 465
  17. चंडीगढ़ में 407
  18. आंध्रप्रदेश में 379
  19. बिहार में 340
  20. ओडिशा में 279
  21. तमिलनाडु में 227
  22. मेघालय में 206
  23. केरल में 151
  24. तेलंगाना में 87
  25. हिमाचल प्रदेश में 56
  26. झारखंड में 44
  27. जम्मू-कश्मीर में 37
  28. गोवा में 15
  29. अरुणाचल प्रदेश में 8
  30. सिक्किम में तीन और दमन और दीव एवं पुडुचेरी में दो-दो लोग संक्रमित सुइयों के इस्तेमाल के कारण एड्स की चपेट में आए.

आरटीआई कानून के तहत बताया गया कि 2011-12 से 2020-21 के बीच दो केंद्र शासित राज्यों-अंडमान-निकोबार द्वीप समूह और दादरा-नगर हवेली में संक्रमित सुइयों के इस्तेमाल से एचआईवी संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया.

ये भी पढे़ं : आरटीआई कार्यकर्ता की अपहरण के बाद पिटाई, हाथ-पैर तोड़कर पांव में ठोंक दी कील

(पीटीआई)

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