वाशिंगटन: अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (International Monetary Fund) ने मंगलवार को 2022 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है. हालांकि आईएमएफ का यह अनुमान पिछले साल जताई गई वृद्धि संभावना से 0.8 प्रतिशत कम है. मुद्राकोष ने यहां जारी सालाना विश्व आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में कहा कि वैश्विक वृद्धि दर चालू वर्ष में 3.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है. यह 2021 के 6.1 प्रतिशत से काफी कम है.
रिपोर्ट के अनुसार भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2021 में 8.9 प्रतिशत थी जबकि 2023 में इसके 6.9 प्रतिशत रहने की संभावना है. वर्ष 2023 की आर्थिक वृद्धि दर अनुमान में कमी का एक प्रमुख कारण यूक्रेन युद्ध है. इसके कारण ईंधन और खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़े हैं और वृद्धि की गति नरम पड़ी है. रिपोर्ट के अनुसार जापान समेत एशिया के लिये 2023 की आर्थिक वृद्धि अनुमान को 0.9 प्रतिशत जबकि भारत के मामले में 0.8 प्रतिशत कम किया गया है. यह कमजोर घरेलू मांग को बताता है क्योंकि तेल के ऊंचे दाम से निजी खपत और निवेश पर प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका है.
मुद्राकोष ने अपनी रिपार्ट में वैश्विक वृद्धि दर 2022 और 2023 में 3.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. यह जनवरी में जताये गये अनुमान से क्रमश: 0.8 प्रतिशत और 0.2 प्रतिशत कम है. वृद्धि दर अनुमान में कमी युद्ध का रूस और यूक्रेन के साथ दुनिया के अन्य देशों पर पड़ने वाले प्रभाव को बताता है. रिपोर्ट में चीन की आर्थिक वृद्धि दर 2022 में 4.4 प्रतिशत और 2023 में 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है. चीन की वृद्धि दर 2021 में 8.1 प्रतिशत रही.
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अमेरिका की वृद्धि दर 2022 में 3.7 प्रतिशत और 2023 में 2.3 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी है. वर्ष 2021 में अमेरिकी की आर्थिक वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत थी. रिपोर्ट के अनुसार रूस और यूक्रेन दोनों के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 2022 में बड़ी गिरावट की आशंका है. सबसे बड़ी गिरावट यूक्रेन में होगी. इसका कारण यूक्रेन पर हमला और बुनियादी ढांचा को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचना और लोगों का सुरक्षित स्थानों की ओर जाना है.
(पीटीआई-भाषा)