नई दिल्ली : इजराइल ने आपातकालीन खरीद के तहत उन्नत हेरोन ड्रोन (Advanced Heron Drone) भारत को सौंपे हैं. शीर्ष सरकारी सूत्रों ने बताया कि उन्नत हेरोन ड्रोन देश में आ चुके हैं और पूर्वी लद्दाख सेक्टर में निगरानी कार्यों के लिए तैनात किए जा रहे हैं.
ये ड्रोन अभी चालू हैं और मौजूदा सूची में उपलब्ध ड्रोने से कहीं अधिक उन्नत हैं. सूत्रों ने कहा कि जैमिंग क्षमता उनके पिछले संस्करणों की तुलना में ये काफी बेहतर है. इन ड्रोनों का अधिग्रहण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा रक्षा बलों को दी गई आपातकालीन वित्तीय शक्तियों के तहत किया गया है.
जिसके तहत वे उपकरण और सिस्टम खरीद सकते हैं. उन्होंने कहा कि चीन के साथ चल रहे सीमा संघर्ष के बीच उनकी युद्धक क्षमताओं को उन्नत करने के लिए 500 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. सूत्रों के अनुसार अन्य छोटे या मिनी ड्रोन भारतीय फर्मों से प्राप्त किए जा रहे हैं. भारतीय रक्षा बल हथियार प्रणालियों को हासिल करने के लिए ये पहल कर रहे हैं जो चीन के साथ चल रहे संघर्ष में उनकी मदद कर सकते हैं.
पिछली बार 2019 में पाकिस्तान में आतंकवादी शिविरों के खिलाफ बालाकोट हवाई हमले के ठीक बाद रक्षा बलों को ऐसी सुविधा दी गई थी. उसी सुविधा का उपयोग करते हुए भारतीय नौसेना ने दो शिकारी ड्रोन पट्टे पर लिए हैं जो अमेरिकी फर्म जनरल एटॉमिक्स से लिए गए हैं.
भारतीय वायु सेना ने लगभग 70 किलोमीटर की स्ट्राइक रेंज के साथ हैमर एयर टू ग्राउंड स्टैंडऑफ मिसाइलों के साथ बड़ी संख्या में टैंक-रोधी निर्देशित मिसाइलों, लंबी दूरी की सटीक-निर्देशित तोपखाने के गोले हासिल करने के लिए समान शक्तियों का प्रयोग किया है.
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आपातकालीन खरीद पूंजी अधिग्रहण मार्ग के तहत शक्तियां इस साल 31 अगस्त को समाप्त हो गईं. सशस्त्र बलों के पास अंतिम चरण में कुछ और परियोजनाएं हैं और यदि उन्हें विस्तार मिलता है तो वे अपनी लड़ाकू क्षमताओं में सुधार के लिए उस उपकरण को खरीदने के लिए आगे बढ़ सकते हैं.
(ANI)