जबलपुर। हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए महिलाओं ने अनूठा प्रयास किया है. जबलपुर के गड़ा इलाके में गोंड राजाओं ने पचमठा मंदिरों की स्थापना की थी. यहीं पर सैकड़ों साल पुराना एक हनुमान मंदिर है. हनुमान मंदिर पर लोगों की बड़ी आस्था है. इसलिए यहां हनुमान जयंती का कार्यक्रम बड़े जोश से मनाया जाता है. पचमठा हनुमान जी को हनुमान जयंती के मौके पर 1 टन वजनी मोतीचूर के लड्डू का प्रसाद चढ़ाया जाता है. पिछले साल यह परंपरा शुरू हुई. कुछ युवाओं ने इस परंपरा को शुरू किया था.
महिलाओं ने लगातार 1 सप्ताह की मेहनत : इस साल हनुमान जी को 1 टन का लड्डू बनाने का बीड़ा महिलाओं ने उठाया. महिलाओं ने 1 सप्ताह तक लगातार मेहनत करके ये 1 टन वजन का मोतीचूर का लड्डू बनाया है. इस लड्डू को बनाने के लिए विशेष मिठाई बनाने वालों को भी बुलाया जाता है. क्योंकि इतने बड़े लड्डू को आकार देने के लिए विशेष कलाकारी की जरूरत होती है. लड्डू को नीचे से एक मोटी पॉलीथिन का सहारा देना पड़ता है. इसके बाद धीरे-धीरे करके 4 फीट के व्यास वाला लड्डू तैयार किया जाता है. लड्डू को बनाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि मोतीचूर का स्वाद और उसकी गुणवत्ता 5 दिन तक बनी रहे.
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प्रसादी के रूप में होगा वितरण : एक सप्ताह की मेहनत के बाद जब यह लड्डू तैयार हुआ तो इसका विधिवत पूजन हुआ. इसमें शहर के कई साधु-संतों को भी बुलाकर मंत्रोच्चार के साथ भगवान को भोग लगाया गया. यह लड्डू 6 अप्रैल तक हनुमान जयंती तक मंदिर में लोगों के दर्शन के लिए रखा गया है. इसके बाद यहां भंडारा होगा, जिसमें इसे आमजनों को इसका प्रसाद वितरित किया जाएगा. भक्तों का कहना है कि ऐसे धार्मिक आयोजन सामाजिक समरसता और समाज में आनंद का माहौल पैदा करते हैं.