ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर हैरान और परेशान नजर आ रहे हैं. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि वह अपनी ही विधानसभा की जर्जर सड़कों को नहीं बनवा पा रहे हैं. यही कारण है कि ऊर्जा मंत्री ने जूते-चप्पल त्याग दिए हैं. उन्होंने जनता से वादा किया है, कि जब तक विधानसभा क्षेत्र सड़के नहीं बन जाती तब तक वह नंगे पैर चलेंगे. (energy minister gave up shoes and slippers) भाजपा के मंत्री द्वारा शिवराज सिंह चौहान की सरकार के विरुद्ध मौन विरोध को लेकर सियासत गरमा गई है. कांग्रेस का कहना है कि ऊर्जा मंत्री को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि उनकी ही बातों को प्रशासन का कोई भी अधिकारी नहीं सुन रहा है तो फिर आम जनता के कैसे काम होंगे.
शुरू हो गई सियासतः दरअसल उर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर अपनी विधानसभा में सड़क नहीं बनने से नाराज हो गए हैं. उन्होंने जूते-चप्पल पहने छोड़ दिए. उन्होंने शहर की सड़कें न बन पाने के कारण शहर की जनता से माफी मांगी है. साथ ही उन्होंने कहा है कि जब तक सड़के नहीं बन जाती तब तक वह जूते-चप्पल नहीं पहनेंगे. ऊर्जा मंत्री ने अपनी विधानसभा में जर्जर सड़कों का जायजा लिया. सियासी गलियारे में चर्चा यह भी है कि अपनी नाकामी को छिपाने के लिए ऊर्जा मंत्री इस तरह का प्रदर्शन करने में लगे हुए हैं. (angry over not being able to built roads in area) (gwalior pradyuman singh protest)
अमृत योजना के तहत खोदी गईं सड़केंः शहर की सभी सड़कें बुरी तरह से खुदी पड़ी है. विभिन्न गलियों में अमृत योजना के तहत पेयजल लाइन को डालने के लिए खोदा गया था. इसके बाद मरम्मत कार्य ना होने से आमजन को निकलने में काफी परेशानी हो रही है. उर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने कई बार अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं, लेकिन अधिकारी उनकी बातों को मानने के लिए तैयार नहीं है. यही कारण है कि तोमर ने नंगे पैर चलकर अपनी नाराजगी जाहिर की है. (gwalior roads dug under amrut scheme) (energy minister gave up shoes and slippers)
कांग्रेस भी कूदी मैदान मेंः अब इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस भी मैदान में आ गई है. कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है कि क्या आप इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि जिस विधानसभा में एक मंत्री की अधिकारी नहीं सुन रहे हैं तो आम लोगों के क्या हालात होंगे. ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने अपनी ही विधानसभा में काम नहीं कर पा रहे है. इतना ही नहीं उनकी अधिकारी भी उनकी नहीं सुन रहे हैं. ऐसे में ऊर्जा मंत्री को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए या फिर सरकार के विरोध में प्रदर्शन करना चाहिए. (gwalior congress also jumped in the fray) (gwalior pradyuman singh protest)