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भारत-मालदीव विवाद पर माले के पूर्व वीपी ने जताई चिंता, बोले- 'मुइज्जू खेल रहे हारने वाला जुआ'

India-Maldives Matter, Maldives Former Vice-President, भारत और मालदीव विवाद को लेकर मालदीव के पूर्व उपराष्ट्रपति अहमद अदीब ने चिंता व्यक्त की है. उन्होंने इस मुद्दे पर उन्होंने ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता चंद्रकला चौधरी से विशेष बातचीत की. इस दौरान उन्होंने दोनों देशों के बीच बेहतर संबंधों को बनाने पर जोर दिया.

India-Maldives dispute
भारत-मालदीव विवाद
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 10, 2024, 6:53 PM IST

Updated : Jan 10, 2024, 8:16 PM IST

मालदीव मामले में मालदीव के पूर्व उपराष्ट्रपति अहमद अदीब से बातचीत

नई दिल्ली: भारत और मालदीव के बीच राजनयिक विवाद पर चिंता व्यक्त करते हुए मालदीव के पूर्व उपराष्ट्रपति अहमद अदीब ने बुधवार को कहा कि उनका देश पहले से ही कर्ज में डूबा हुआ है और चीनी प्रभाव का शिकार होकर श्रीलंका की तरह ही आगे बढ़ रहा है. इस महत्वपूर्ण मोड़ पर चीन के साथ संबंध बढ़ाना और माले के सबसे पुराने पारंपरिक सहयोगियों के साथ संबंधों में तनाव डालना, माले सरकार की ओर से पूर्ण मूर्खता के अलावा कुछ नहीं होगा.

ईटीवी भारत के साथ एक विशेष साक्षात्कार में, अदीब ने कहा कि राष्ट्रपति मुइज्जू को पूर्व राष्ट्रपति यामीन से पार्टी विरासत में मिली है, जिन्होंने भारत-बाहर अभियान चलाया था. उन्होंने आगे कहा कि 'मुइज़ू उन चरमपंथी तत्वों को राजनीति खेलने के लिए खुश कर रहा है, जो मालदीव के लिए बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, क्योंकि वर्तमान में, माले को भारत से समर्थन की आवश्यकता है.'

उन्होंने आगे कहा कि 'कोविड के बाद, चीनी बाज़ार अभी भी नहीं बढ़ा है और चीन से पर्यटकों की आमद अब भी सीमित है. फिलहाल उनकी नीति बदलने और पार्टी के लोगों को खुश करने की कोशिश से काम नहीं चलने वाला है.' अदीब ने कहा कि मुइज्जू एक बड़ा जुआ खेल रहे हैं और यह एक हारने वाला जुआ है. उन्होंने कहा कि 'भारत जैसे पहले से ही स्थापित विश्वसनीय साझेदार पर भरोसा करना अधिक सुरक्षित है.'

उन्होंने कहा कि 'नियम के रूप में, उन्हें (मुइज़ू) पहले भारत का दौरा करना चाहिए था और फिर उन्हें विदेश नीति को संतुलित करते हुए अन्य देशों का दौरा करना चाहिए था. हमें अपने पड़ोस से शुरुआत करनी चाहिए और अपने पड़ोसियों के साथ रहना चाहिए और बहुत अच्छे संबंध बनाए रखने चाहिए.' यह ऐसे समय में आया है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मालदीव के वरिष्ठ मंत्रियों द्वारा की गई अपमानजनक टिप्पणियों को लेकर माले और भारत के बीच राजनयिक खींचतान के बीच मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू चीन की राजकीय यात्रा पर हैं.

मालदीव के कुछ राजनेताओं द्वारा भारत के खिलाफ की जा रही नफरत भरी टिप्पणियों पर टिप्पणी करते हुए अदीब ने कहा कि मालदीव को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसा दोबारा कभी न हो. अहमद अदीब ने कहा कि 'सिर्फ मंत्रियों को निलंबित करना ही काफी नहीं है. उन्हें पद से हटाया जाना चाहिए साथ ही माले सरकार से माफी भी मांगनी चाहिए. मुइज्जू को पीएम मोदी तक अपनी बात पहुंचानी चाहिए.'

उन्होंने आगे कहा कि 'स्थिति बढ़ती जा रही है और यह एक पूर्ण राजनयिक संकट में बदल गई है. भारतीयों की तरफ से काफी प्रतिक्रिया आ रही है. इसलिए, हमें इसे जल्द से जल्द हल करना चाहिए. मालदीव सरकार को अधिक जिम्मेदार होना चाहिए और माले भारत छोड़कर सिर्फ एक पक्ष लेने का जोखिम नहीं उठा सकता. हम एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और ऐतिहासिक संदर्भ में भी मालदीव को इस वक्त काफी मदद की जरूरत है.'

उन्होंने आगे कहा कि 'पिछले पांच साल से भारत हमेशा वहीं रहा है. हमें भारत से विदेशी सहायता और बजट समर्थन की आवश्यकता है, क्योंकि हमें 1 बिलियन डॉलर का कर्ज चुकाना है जो 2026 में पूरा होगा. यहां तक कि राष्ट्रपति मुइज्जू को भी समय के साथ एहसास होगा कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. यही समय है जब मालदीव सरकार को स्थिति को शांत करना चाहिए.'

मालदीव मामले में मालदीव के पूर्व उपराष्ट्रपति अहमद अदीब से बातचीत

नई दिल्ली: भारत और मालदीव के बीच राजनयिक विवाद पर चिंता व्यक्त करते हुए मालदीव के पूर्व उपराष्ट्रपति अहमद अदीब ने बुधवार को कहा कि उनका देश पहले से ही कर्ज में डूबा हुआ है और चीनी प्रभाव का शिकार होकर श्रीलंका की तरह ही आगे बढ़ रहा है. इस महत्वपूर्ण मोड़ पर चीन के साथ संबंध बढ़ाना और माले के सबसे पुराने पारंपरिक सहयोगियों के साथ संबंधों में तनाव डालना, माले सरकार की ओर से पूर्ण मूर्खता के अलावा कुछ नहीं होगा.

ईटीवी भारत के साथ एक विशेष साक्षात्कार में, अदीब ने कहा कि राष्ट्रपति मुइज्जू को पूर्व राष्ट्रपति यामीन से पार्टी विरासत में मिली है, जिन्होंने भारत-बाहर अभियान चलाया था. उन्होंने आगे कहा कि 'मुइज़ू उन चरमपंथी तत्वों को राजनीति खेलने के लिए खुश कर रहा है, जो मालदीव के लिए बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, क्योंकि वर्तमान में, माले को भारत से समर्थन की आवश्यकता है.'

उन्होंने आगे कहा कि 'कोविड के बाद, चीनी बाज़ार अभी भी नहीं बढ़ा है और चीन से पर्यटकों की आमद अब भी सीमित है. फिलहाल उनकी नीति बदलने और पार्टी के लोगों को खुश करने की कोशिश से काम नहीं चलने वाला है.' अदीब ने कहा कि मुइज्जू एक बड़ा जुआ खेल रहे हैं और यह एक हारने वाला जुआ है. उन्होंने कहा कि 'भारत जैसे पहले से ही स्थापित विश्वसनीय साझेदार पर भरोसा करना अधिक सुरक्षित है.'

उन्होंने कहा कि 'नियम के रूप में, उन्हें (मुइज़ू) पहले भारत का दौरा करना चाहिए था और फिर उन्हें विदेश नीति को संतुलित करते हुए अन्य देशों का दौरा करना चाहिए था. हमें अपने पड़ोस से शुरुआत करनी चाहिए और अपने पड़ोसियों के साथ रहना चाहिए और बहुत अच्छे संबंध बनाए रखने चाहिए.' यह ऐसे समय में आया है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मालदीव के वरिष्ठ मंत्रियों द्वारा की गई अपमानजनक टिप्पणियों को लेकर माले और भारत के बीच राजनयिक खींचतान के बीच मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू चीन की राजकीय यात्रा पर हैं.

मालदीव के कुछ राजनेताओं द्वारा भारत के खिलाफ की जा रही नफरत भरी टिप्पणियों पर टिप्पणी करते हुए अदीब ने कहा कि मालदीव को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसा दोबारा कभी न हो. अहमद अदीब ने कहा कि 'सिर्फ मंत्रियों को निलंबित करना ही काफी नहीं है. उन्हें पद से हटाया जाना चाहिए साथ ही माले सरकार से माफी भी मांगनी चाहिए. मुइज्जू को पीएम मोदी तक अपनी बात पहुंचानी चाहिए.'

उन्होंने आगे कहा कि 'स्थिति बढ़ती जा रही है और यह एक पूर्ण राजनयिक संकट में बदल गई है. भारतीयों की तरफ से काफी प्रतिक्रिया आ रही है. इसलिए, हमें इसे जल्द से जल्द हल करना चाहिए. मालदीव सरकार को अधिक जिम्मेदार होना चाहिए और माले भारत छोड़कर सिर्फ एक पक्ष लेने का जोखिम नहीं उठा सकता. हम एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और ऐतिहासिक संदर्भ में भी मालदीव को इस वक्त काफी मदद की जरूरत है.'

उन्होंने आगे कहा कि 'पिछले पांच साल से भारत हमेशा वहीं रहा है. हमें भारत से विदेशी सहायता और बजट समर्थन की आवश्यकता है, क्योंकि हमें 1 बिलियन डॉलर का कर्ज चुकाना है जो 2026 में पूरा होगा. यहां तक कि राष्ट्रपति मुइज्जू को भी समय के साथ एहसास होगा कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. यही समय है जब मालदीव सरकार को स्थिति को शांत करना चाहिए.'

Last Updated : Jan 10, 2024, 8:16 PM IST
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