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दिल्ली दुष्कर्म-हत्या केस : अनुसूचित जाति आयोग ने लिया स्वतः संज्ञान, पीड़ित परिवार से मिले - राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने नई दिल्ली में 9 साल की बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या की घटना का स्वतः संज्ञान लिया है. जिसके बाद मामले में अत्याचार निवारण (POA) अधिनियम और POCSO अधिनियम लागू किया गया है.

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Published : Aug 4, 2021, 4:46 PM IST

Updated : Aug 4, 2021, 6:38 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) के प्रवक्ता ने कहा कि एनसीएससी के अध्यक्ष विजय सांपला के निर्देश पर उपाध्यक्ष अरुण हलदर, आयोग सदस्य डॉ अंजू बाला, सुभाष रामनाथ पारधी, निदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की अध्यक्षता में आयोग की एक टीम मौके पर गई.

आयोग ने कहा कि उनकी टीम ने मृत बच्चे के माता-पिता से मुलाकात की है. मृतक परिवार के एक सदस्य ने बताया कि श्मशान घाट के एक पुजारी ने उन्हें उसके शव का अंतिम संस्कार करने के लिए मजबूर किया और उसकी मां ने यह भी आरोप लगाया कि उसे संदेह है कि उसकी बेटी की हत्या से पहले उसके साथ बलात्कार किया गया था.

एनसीएससी के अध्यक्ष विजय सांपला

मृतक लड़की के परिवार ने मांग की है कि दोषियों को जल्द से जल्द सजा दी जाए. एनसीएससी के प्रवक्ता ने कहा कि उपाध्यक्ष ने परिवार को आश्वासन दिया कि दोषियों को जल्द से जल्द दंडित किया जाएगा. आयोग की सिफारिश पर मामले में अत्याचार निवारण (पीओए) अधिनियम और पोक्सो अधिनियम लागू किया गया है.

एनएससीएस ने कहा कि डीएम को एससी/एसटी पीओए नियम 2016 (संशोधित) के प्रावधानों के अनुसार मुआवजा जारी करने की सलाह दी गई है. माता-पिता के साथ बैठक के बाद आयोग की टीम ने डीएम, डीसीपी (दक्षिण पश्चिम दिल्ली) से मुलाकात की.

यह भी पढ़ें-कांग्रेस शासित राज्यों में बलात्कार के मामलों पर नहीं बोलते राहुल गांधी : संबित पात्रा

साथ ही जिला प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सचिव, एससी/एसटी विभाग, दिल्ली सरकार के साथ भी एक बैठक की गई. सचिव ने आश्वासन दिया कि पीड़ित परिवार को नियमानुसार तत्काल मुआवजा प्रदान किया जाएगा.

नई दिल्ली : राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) के प्रवक्ता ने कहा कि एनसीएससी के अध्यक्ष विजय सांपला के निर्देश पर उपाध्यक्ष अरुण हलदर, आयोग सदस्य डॉ अंजू बाला, सुभाष रामनाथ पारधी, निदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की अध्यक्षता में आयोग की एक टीम मौके पर गई.

आयोग ने कहा कि उनकी टीम ने मृत बच्चे के माता-पिता से मुलाकात की है. मृतक परिवार के एक सदस्य ने बताया कि श्मशान घाट के एक पुजारी ने उन्हें उसके शव का अंतिम संस्कार करने के लिए मजबूर किया और उसकी मां ने यह भी आरोप लगाया कि उसे संदेह है कि उसकी बेटी की हत्या से पहले उसके साथ बलात्कार किया गया था.

एनसीएससी के अध्यक्ष विजय सांपला

मृतक लड़की के परिवार ने मांग की है कि दोषियों को जल्द से जल्द सजा दी जाए. एनसीएससी के प्रवक्ता ने कहा कि उपाध्यक्ष ने परिवार को आश्वासन दिया कि दोषियों को जल्द से जल्द दंडित किया जाएगा. आयोग की सिफारिश पर मामले में अत्याचार निवारण (पीओए) अधिनियम और पोक्सो अधिनियम लागू किया गया है.

एनएससीएस ने कहा कि डीएम को एससी/एसटी पीओए नियम 2016 (संशोधित) के प्रावधानों के अनुसार मुआवजा जारी करने की सलाह दी गई है. माता-पिता के साथ बैठक के बाद आयोग की टीम ने डीएम, डीसीपी (दक्षिण पश्चिम दिल्ली) से मुलाकात की.

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साथ ही जिला प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सचिव, एससी/एसटी विभाग, दिल्ली सरकार के साथ भी एक बैठक की गई. सचिव ने आश्वासन दिया कि पीड़ित परिवार को नियमानुसार तत्काल मुआवजा प्रदान किया जाएगा.

Last Updated : Aug 4, 2021, 6:38 PM IST
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