भोपाल। बीजेपी नेताओं का समय समय पर संघ की शरण में जाना कोई हैरत की बात नहीं है, लेकिन इन दिनों शिवराज सरकार में अचानक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ केशव बलिराम हेडगेवार के विचारों और उनकी स्मृतियों को सहेजने की कवायद शुरु हुई हो गई है. अचानक ऐसा कुछ होना अब सवाल खड़ा रह है कि क्या संघम शरणम गच्छामि के पीछे कोई खास सियासी वजह है.
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"Memories of RSS founder Dr KB Hedgewar's contribution to country's freedom movement in MP's Balaghat district to be made everlasting by state govt," CM Shivraj Singh Chouhan announced at I'Day function in Bhopal. @NewIndianXpress @TheMornStandard @santwana99 pic.twitter.com/N9PXemicfh
— Anuraag Singh (@anuraag_niebpl) August 15, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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डॉक्टर पढ़ेंगे हेडगेवार का जीवन दर्शन: शिवराज सरकार ने हाल ही में एमबीबीएस के छात्रों को आरएसएस के संस्थापक डॉ केशव बलिराम हेडगेवार का जीवन दर्शन और विचार पढ़ाए जाने का फैसला किया है. एमबीबीएस के छात्रों के फाउंडेशन कोर्स में जिन विचारकों का जीवन सिलेबस में शामिल किये गए उनमें सबसे पहला नाम डॉ केशव बलिराम हेडगेवार का है. इनसे अलावा जनसंघ के संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय और डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर की जीवनी को भी इसमें शामिल किया गया है. मध्यप्रदेश से पहले कर्नाटक में भी दसवीं के पाठ्यक्रम में संघ के संस्थापक डॉक्टर हेडगेवार का भाषण शामिल किया गया था. इसपर काफी विवाद भी हुआ था.
चुनाव से पहले क्यों याद आए हेडगेवार: एमपी में 2023 में विधानसभा चुनाव होना है. इसमें बहुत थोड़ा लगभग डेढ साल का वक्त बाकी है. इस लिहाज से समय रहते सीएम शिवराज ने आरएसएस के संस्थापक डॉ हेडगेवार की स्मृतियों को सहेजने का एलान कर दिया है. 15 अगस्त को प्रदेश वासियों को संबोधित करते हुए सीएम शिवराज ने ये एलान किया कि डॉ हेडगेवार की स्मृतियों को मध्यप्रदेश में सहेजा जाएगा. आपको बता दें कि बालाघाट जिले में रामपायली जगह है जहां डॉ हेडगेवार आज़ादी के पहले काफी समय तक रहे थे. इस जगह को उनके स्मृति स्थल के तौर पर विकसित किया जाएगा. सरकार इस काम को चुनावी साल लगने से पहले अंजाम देने की कोशिश में है. सरकार की इस तेजी को देखते हुए यह सवाल खड़ा होता है कि करीब अठारह साल एमपी की सत्ता में रहे सीएम शिवराज को संघ संस्थापक की स्मृतियों को सहेजने का ख्याल अब जाकर क्यों आया.शिवराज यूं तो संघ की गुडबुक में रहे हैं, लेकिन क्या इन प्रयासों के साथ उनकी तैयारी संघ का सपूत बन जाने की तो नहीं है.
कांग्रेस का तंज संकट में संघ को याद करते हैं शिवराज: कांग्रेस प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा कहते हैं कि सीएम शिवराज को संकट बढ़ते ही संघ की याद आती है. अब जब उन्हें कुर्सी बचानी है तो संघ का स्मरण करना ही पड़ेगा. यही वजह है कि चुनाव से पहले उन्हें डॉक्टर हेडगेवार याद आ रहे हैं. मोहन भागवत भी याद आएंगे वे कहते हैं कि असल में बीजेपी का संकट मोचक तो संघ ही है. सलूजा के बयान पर पटलवार करते हुए बीजेपी प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी कहते हैं कि कांग्रेस की जानकारी और बुध्दि दोनों कम हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक पूज्य हेडगेवार हमारे पूज्यनीय हैं. राष्ट्र निर्माण में उनका अतुलनीय योगदान है. अब ये अवसर है कि आने वाली पीढ़ियां उन्हें जानें. इस काम के लिए हमें कांग्रेस के सर्टिफिकेट की कोई जरुरत नहीं है. चुनावी साल में डॉ हेडगेवार की याद आने बीजेपी प्रवक्ता कहते हैं कि बीजेपी के लिए कोई चुनावी साल नहीं होता. हम हर दिन और पूरे वर्ष जनता की सेवा में जुटे रहते हैं. यही वजह है कि बीजेपी हमेशा चुनावी मोड में रहती है. डॉ हेडगेवार की यादें संजोने को लेकर राजनीति शुरू हो चुकी है. इस मामले में सरकार के प्रयास और आदिवासी अंचल के लोगों की हेडगेवार से जुड़ी भावनाएं और संघ का आशीर्वाद शिव'राज'को कितना फायदा पहुंचाता है यह चुनाव नतीजों के रूप में ही सामने आएगा.