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Cheetah Project: चीतों की सुरक्षा मुद्दे पर प्रशासन गंभीर, कूनो से सटे तीनों राज्यों के गांवों में लगेंगी कार्यशाला

कूनो नेशनल पार्क में रह रहे चीतों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन के साथ ही वन विभाग के अधिकारी लगातार रणनीति बना रहे हैं. ये चीते कूनो से निकलकर गांवों की तरफ भाग रहे हैं. इसलिए तय किया गया है कि कूनो से सटे एमपी के साथ ही यूपी व राजस्थान के गांवों में जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाएगा. इसके साथ ही चीतों का परिवार बढ़ाने को लेकर भी अफसरों के बीच गहन मंथन हुआ.

cheetah project MP Forest officials meeting
चीतों की सुरक्षा के लिए कूनो से सटे तीनों राज्यों के गांवों में लगेंगी कार्यशाला
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Published : Jul 4, 2023, 3:12 PM IST

चीतों की सुरक्षा के लिए कूनो से सटे तीनों राज्यों के गांवों में लगेंगी कार्यशाला

ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में मंगलवार को नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी की बड़ी बैठक हुई. बैठक में दिल्ली और उत्तर प्रदेश के विशेषज्ञ, वन अधिकारी और वाइल्ड लाइफ के एक्सपर्ट शामिल हुए. साथ ही कूनो अभ्यारण से सटे झांसी और ललितपुर के अफसरों को भी बैठक में शामिल किया गया. बैठक एक निजी होटल में आयोजित की गई. इसमें चीतों की निगरानी और प्रबंधन को लेकर मंथन हुआ. वहीं चीतों की आबादी बढ़ाने पर भी चर्चा हुई.

यूपी व राजस्थान की सीमा में एंट्री संभव : इस बारे में ग्वालियर संभाग के कमिश्नर दीपक कुमार ने बताया है कि देश में चीता प्रोजेक्ट को एक साल पूरे होने जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह देखने में आ रहा है चीता कूनो अभ्यारण से निकलकर आसपास के एरिया में जा रहे हैं. इसको लेकर कूनो अभ्यारण्य के आसपास के सभी गांवों में लोगों को जागरूक किया जा रहा है. ग्रामीणों को बताया जा रहा है कि अगर चीता आसपास दिखाई दे तो क्या करना चाहिए और क्या नहीं. वहीं संभावना जताई जा रही है कि चीता उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सीमा में भी प्रवेश कर सकते हैं.

गांवों में लगेंगी कार्यशाला : ग्वालियर कमिश्नर ने बताया कि चीतों की सुरक्षा के लिए लोगों में जागरूकता लाना बहुत ही आवश्यक है. विशेषज्ञों और वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इस विषय पर मंथन हुआ है. कूनो अभ्यारण्य के आसपास के उत्तर प्रदेश और राजस्थान के गांव भी लगे हैं. वहां पर लोग इतने जागरूक नहीं हैं. इसलिए बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि कूनो अभ्यारण्य से सटे गांवों में कार्यशाला के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाएगा. उन्होंने बताया है कि चीता के परिवार की वृद्धि के लिए भी एक्सपर्ट ने अपनी अपनी राय दी है. जब कूनो अभ्यारण्य में चीतों की संख्या बढ़ेगी तो पर्यटन की दृष्टि से एक ये जगह बड़ा हब बन जाएगा.

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चीता को सीमा में सीमित रखना संभव नहीं : बैठक में शामिल होने आए उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड जोन के एसीसीएफ केके सिंह ने बताया कि चीता एक ऐसा जानवर है, जो खुले में हमेशा आजाद रहता है. ऐसा हम बिल्कुल नहीं सोच सकते कि चीता को जहां हम रखते हैं, वहीं सीमित रहे. वह कहीं भी जा सकता है. इसलिए कूनो अभ्यारण्य के आसपास सटे अन्य राज्य जैसे उत्तर प्रदेश, राजस्थान के गांवों में भी अवेयरनेस की काफी आवश्यकता है. अभी तक चीता द्वारा कहीं भी ह्यूमन किलिंग की घटना सामने नहीं आई है. लेकिन जब आपके पास हैं तो सावधानी रखें. उससे दूरी बनाकर रखें.

चीतों की सुरक्षा के लिए कूनो से सटे तीनों राज्यों के गांवों में लगेंगी कार्यशाला

ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में मंगलवार को नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी की बड़ी बैठक हुई. बैठक में दिल्ली और उत्तर प्रदेश के विशेषज्ञ, वन अधिकारी और वाइल्ड लाइफ के एक्सपर्ट शामिल हुए. साथ ही कूनो अभ्यारण से सटे झांसी और ललितपुर के अफसरों को भी बैठक में शामिल किया गया. बैठक एक निजी होटल में आयोजित की गई. इसमें चीतों की निगरानी और प्रबंधन को लेकर मंथन हुआ. वहीं चीतों की आबादी बढ़ाने पर भी चर्चा हुई.

यूपी व राजस्थान की सीमा में एंट्री संभव : इस बारे में ग्वालियर संभाग के कमिश्नर दीपक कुमार ने बताया है कि देश में चीता प्रोजेक्ट को एक साल पूरे होने जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह देखने में आ रहा है चीता कूनो अभ्यारण से निकलकर आसपास के एरिया में जा रहे हैं. इसको लेकर कूनो अभ्यारण्य के आसपास के सभी गांवों में लोगों को जागरूक किया जा रहा है. ग्रामीणों को बताया जा रहा है कि अगर चीता आसपास दिखाई दे तो क्या करना चाहिए और क्या नहीं. वहीं संभावना जताई जा रही है कि चीता उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सीमा में भी प्रवेश कर सकते हैं.

गांवों में लगेंगी कार्यशाला : ग्वालियर कमिश्नर ने बताया कि चीतों की सुरक्षा के लिए लोगों में जागरूकता लाना बहुत ही आवश्यक है. विशेषज्ञों और वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इस विषय पर मंथन हुआ है. कूनो अभ्यारण्य के आसपास के उत्तर प्रदेश और राजस्थान के गांव भी लगे हैं. वहां पर लोग इतने जागरूक नहीं हैं. इसलिए बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि कूनो अभ्यारण्य से सटे गांवों में कार्यशाला के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाएगा. उन्होंने बताया है कि चीता के परिवार की वृद्धि के लिए भी एक्सपर्ट ने अपनी अपनी राय दी है. जब कूनो अभ्यारण्य में चीतों की संख्या बढ़ेगी तो पर्यटन की दृष्टि से एक ये जगह बड़ा हब बन जाएगा.

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चीता को सीमा में सीमित रखना संभव नहीं : बैठक में शामिल होने आए उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड जोन के एसीसीएफ केके सिंह ने बताया कि चीता एक ऐसा जानवर है, जो खुले में हमेशा आजाद रहता है. ऐसा हम बिल्कुल नहीं सोच सकते कि चीता को जहां हम रखते हैं, वहीं सीमित रहे. वह कहीं भी जा सकता है. इसलिए कूनो अभ्यारण्य के आसपास सटे अन्य राज्य जैसे उत्तर प्रदेश, राजस्थान के गांवों में भी अवेयरनेस की काफी आवश्यकता है. अभी तक चीता द्वारा कहीं भी ह्यूमन किलिंग की घटना सामने नहीं आई है. लेकिन जब आपके पास हैं तो सावधानी रखें. उससे दूरी बनाकर रखें.

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