ETV Bharat / bharat

Cardio Kickboxing : मार्शल आर्ट, कार्डियो व एरोबिक्स का आदर्श कॉन्बिनेशन है कार्डियो किक-बॉक्सिंग

इंदौर की स्पोर्ट्स कोच तथा फिटनेस एक्सपर्ट राखी सिंह बताती हैं कि कार्डियो किकबॉक्सिंग (cardio kickboxing) के नियमित अभ्यास से शरीर का संतुलन बेहतर होता है, पॉश्चर सही होता है तथा मांसपेशियों में शक्ति तथा लचीलापन बढ़ता है. इसके अलावा यह शरीर को फुर्तीला बनाने में भी मदद करता है.

मार्शल आर्ट, कार्डियो व एरोबिक्स
Cardio Kickboxing
author img

By

Published : Jul 9, 2022, 7:29 PM IST

Updated : Jul 11, 2022, 11:57 AM IST

ईटीवी भारत डेस्क : पिछले कुछ सालों में कार्डियो किक-बॉक्सिंग को लेकर फिटनेस प्रेमियों में काफी रुझान देखा जा रहा है. आमतौर पर इस व्यायाम शैली के बारें में ज्यादा जानकारी ना रखने वाले लोगों को लगता है कि चूंकि इसके नाम में किक-बॉक्सिंग है इसलिए यह शैली सिर्फ बॉक्सिंग पर केंद्रित होगी, जो सही नहीं है. क्या है कार्डियो किक बॉक्सिंग और यह किस तरह से शरीर को फायदा पहुंचाती है, आइए जानते हैं.

कार्डियो किक-बॉक्सिंग : कार्डियो किकबॉक्सिंग व्यायाम शैली, आजकल फिटनेस प्रेमियों के बीच में काफी ट्रेंड में है. भले ही यह एक हाई इंटेंसिटी वर्कआउट है लेकिन इसे अपनाने वालों में सिर्फ युवा पीढ़ी के वे लोग शामिल नहीं है जो अपनी बॉडी बनाना चाहते हैं, बल्कि मध्यम आयु वर्ग में आने वाले महिला और पुरुष भी शामिल हैं. कार्डियो किक-बॉक्सिंग दरअसल बॉक्सिंग, एरोबिक्स और मार्शल आर्ट्स का एक बेहतरीन संयोजन है. इसमें कार्डियोवैस के साथ किक बॉक्सिंग वाला वर्कआउट किया जाता है. यह एक लड़ाकू श्रेणी वाला अभ्यास है जिसमें हाथों और पैरों दोनों का उपयोग किया जाता है. इंदौर की स्पोर्ट्स कोच तथा फिटनेस एक्सपर्ट राखी सिंह बताती हैं कि कार्डियो किकबॉक्सिंग के नियमित अभ्यास से शरीर का संतुलन बेहतर होता है, पॉश्चर सही होता है तथा मांसपेशियों में शक्ति तथा लचीलापन बढ़ता है. इसके अलावा यह शरीर को फुर्तीला बनाने में भी मदद करता है. वह बताती हैं कि विशेषकर वजन कम करने में यह काफी लाभकारी होता है.

ये भी पढ़ें : हार्मोन संबंधी समस्याओं में राहत दिला सकते हैं योग-आसन

लाभकारी है व्यायाम शैली : अमेरिकन काउंसिल ऑन एक्सरसाइज द्वारा कार्डियो किक-बॉक्सिंग को काफी लाभकारी व्यायामों की श्रेणी में रखा गया है. काउंसिल के अनुसार कि कार्डियो किक-बॉक्सिंग करने से 1 घंटे में लगभग 450 कैलोरी तक आसानी से बर्न हो जाती हैं. वही इससे कई प्रकार के न्यूरोवस्कुलर लाभ भी मिलते हैं. इसके अलावा इस व्यायाम शैली के फ़ायदों को लेकर किए गए कुछ शोधों में भी इस बात की पुष्टि की गयी है कि कार्डियो किकबॉक्सिंग का अभ्यास करने से ना सिर्फ ह्रदय की मांसपेशियां मजबूत होती है, शरीर की ऑक्सीजन के उपयोग की क्षमता बेहतर होती है, तनाव दूर होता है तथा नींद बेहतर होती है.

ऐसे करें किक-बॉक्सिंग : राखी सिंह बताती है कि ज्यादातर लोगों को पता नही होता है कि कार्डियो किकबॉक्सिंग और किकबॉक्सिंग भिन्न हैं. ऐसे में कई लोगों को लगता है कि कार्डियो किक-बॉक्सिंग के अभ्यास लिए भी पंचिंग बैग जरूरी होता है. लेकिन पंचिंग बैग इस व्यायाम शैली के लिए सिर्फ एक वैकल्पिक व्यवस्था है. ज्यादातर लोग कार्डियो किकबॉक्सिंग के लिए पंचिंग बैग का इस्तेमाल नहीं करते हैं.

वह बताती हैं कि कार्डियो किक-बॉक्सिंग की शुरुआत करने से पहले सही तरह से वार्मअप किया जाना बहुत जरूरी होता है. इसके लिए सामान्य वार्म अप के साथ डायनेमिक स्ट्रेचिंग और स्टेटिक स्ट्रेचिंग करना ज्यादा फायदेमंद होता है. इसके बाद जैब, क्रॉस, हुक, अपरकट, अंडरकट, हाई नी और फ्रंट किक जैसे अभ्यास कम से कम 10-10 के सेट में किए जाने चाहिए. हालांकि ऐसे लोग जो बिगनर्स हैं, प्रशिक्षक के निर्देश पर शुरुआत में कम सेटों में अभ्यास शुरू कर सकते हैं. कार्डियो किकबॉक्सिंग का अभ्यास 30 मिनट से लेकर 1 घंटे तक किया जा सकता है.

ये सावधानियां जरूरी

  • राखी सिंह बताती हैं कि व्यायाम चाहे किसी भी शैली में हो, बहुत जरूरी है कि उससे जुड़ी सावधानियों का विशेष ध्यान रखा जाए. कार्डियो किक-बॉक्सिंग के अभ्यास के दौरान भी कुछ सावधानियों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं
  • कार्डियो किक-बॉक्सिंग की शुरुआत करने से पहले वार्म अप अभ्यास जरूर करें.
  • व्यायाम की शुरुआत में कभी भी बहुत अधिक तीव्रता के साथ पंच नहीं करना चाहिए. किक-बॉक्सिंग की शुरुआत हमेशा हल्के पंच के साथ करनी चाहिए. बाद में धीरे-धीरे गति को बढ़ाया जा सकता है.
  • व्यायाम के दौरान शरीर के मुद्राओं तथा पॉश्चर का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
  • इस तरह के व्यायाम करने में शारीरिक ताकत बहुत ज्यादा लगती है इसलिए बहुत जरूरी है कि शरीर में पानी की कमी ना हो. इसके लिए अभ्यास के दौरान नियमित अंतराल पर 15-15 सेकंड का वाटर ब्रेक लेना चाहिए.
  • वर्कआउट के दौरान इस बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि जिस जगह पर व्यायाम किया जा रहा है वह खुली-खुली हो. यानी व्यायाम करने वाले स्थान के आसपास ज्यादा सामान ना हो जिससे चोट लगने का खतरा ना रहे.

प्रशिक्षक से सलाह जरूरी : राखी सिंह बताती हैं कि बहुत जरूरी है कि इस व्यायाम शैली के अभ्यास की शुरुआत करने से पहले एक बार किसी प्रशिक्षित प्रशिक्षक की सलाह अवश्य ले ली जाय. साथ ही अभ्यास करने वाले व्यक्ति को यदि पहले कोई चोट लगी हो या उसे किसी तरह की शारीरिक परेशानी हो , तो उस बारे में प्रशिक्षक को अवश्य सूचित करना चाहिए. क्योंकि कई बार कुछ विशेष परिस्थितियों या चोटों का सामना कर रहे लोगों को इस तरह के व्यायाम ना करने की सलाह भी दी जाती है. अन्यथा उनकी चोट या समस्या के ज्यादा बढ़ने का खतरा होता है.

ये भी पढ़ें : व्यायाम से पहले जरूरी है वॉर्मअप

ईटीवी भारत डेस्क : पिछले कुछ सालों में कार्डियो किक-बॉक्सिंग को लेकर फिटनेस प्रेमियों में काफी रुझान देखा जा रहा है. आमतौर पर इस व्यायाम शैली के बारें में ज्यादा जानकारी ना रखने वाले लोगों को लगता है कि चूंकि इसके नाम में किक-बॉक्सिंग है इसलिए यह शैली सिर्फ बॉक्सिंग पर केंद्रित होगी, जो सही नहीं है. क्या है कार्डियो किक बॉक्सिंग और यह किस तरह से शरीर को फायदा पहुंचाती है, आइए जानते हैं.

कार्डियो किक-बॉक्सिंग : कार्डियो किकबॉक्सिंग व्यायाम शैली, आजकल फिटनेस प्रेमियों के बीच में काफी ट्रेंड में है. भले ही यह एक हाई इंटेंसिटी वर्कआउट है लेकिन इसे अपनाने वालों में सिर्फ युवा पीढ़ी के वे लोग शामिल नहीं है जो अपनी बॉडी बनाना चाहते हैं, बल्कि मध्यम आयु वर्ग में आने वाले महिला और पुरुष भी शामिल हैं. कार्डियो किक-बॉक्सिंग दरअसल बॉक्सिंग, एरोबिक्स और मार्शल आर्ट्स का एक बेहतरीन संयोजन है. इसमें कार्डियोवैस के साथ किक बॉक्सिंग वाला वर्कआउट किया जाता है. यह एक लड़ाकू श्रेणी वाला अभ्यास है जिसमें हाथों और पैरों दोनों का उपयोग किया जाता है. इंदौर की स्पोर्ट्स कोच तथा फिटनेस एक्सपर्ट राखी सिंह बताती हैं कि कार्डियो किकबॉक्सिंग के नियमित अभ्यास से शरीर का संतुलन बेहतर होता है, पॉश्चर सही होता है तथा मांसपेशियों में शक्ति तथा लचीलापन बढ़ता है. इसके अलावा यह शरीर को फुर्तीला बनाने में भी मदद करता है. वह बताती हैं कि विशेषकर वजन कम करने में यह काफी लाभकारी होता है.

ये भी पढ़ें : हार्मोन संबंधी समस्याओं में राहत दिला सकते हैं योग-आसन

लाभकारी है व्यायाम शैली : अमेरिकन काउंसिल ऑन एक्सरसाइज द्वारा कार्डियो किक-बॉक्सिंग को काफी लाभकारी व्यायामों की श्रेणी में रखा गया है. काउंसिल के अनुसार कि कार्डियो किक-बॉक्सिंग करने से 1 घंटे में लगभग 450 कैलोरी तक आसानी से बर्न हो जाती हैं. वही इससे कई प्रकार के न्यूरोवस्कुलर लाभ भी मिलते हैं. इसके अलावा इस व्यायाम शैली के फ़ायदों को लेकर किए गए कुछ शोधों में भी इस बात की पुष्टि की गयी है कि कार्डियो किकबॉक्सिंग का अभ्यास करने से ना सिर्फ ह्रदय की मांसपेशियां मजबूत होती है, शरीर की ऑक्सीजन के उपयोग की क्षमता बेहतर होती है, तनाव दूर होता है तथा नींद बेहतर होती है.

ऐसे करें किक-बॉक्सिंग : राखी सिंह बताती है कि ज्यादातर लोगों को पता नही होता है कि कार्डियो किकबॉक्सिंग और किकबॉक्सिंग भिन्न हैं. ऐसे में कई लोगों को लगता है कि कार्डियो किक-बॉक्सिंग के अभ्यास लिए भी पंचिंग बैग जरूरी होता है. लेकिन पंचिंग बैग इस व्यायाम शैली के लिए सिर्फ एक वैकल्पिक व्यवस्था है. ज्यादातर लोग कार्डियो किकबॉक्सिंग के लिए पंचिंग बैग का इस्तेमाल नहीं करते हैं.

वह बताती हैं कि कार्डियो किक-बॉक्सिंग की शुरुआत करने से पहले सही तरह से वार्मअप किया जाना बहुत जरूरी होता है. इसके लिए सामान्य वार्म अप के साथ डायनेमिक स्ट्रेचिंग और स्टेटिक स्ट्रेचिंग करना ज्यादा फायदेमंद होता है. इसके बाद जैब, क्रॉस, हुक, अपरकट, अंडरकट, हाई नी और फ्रंट किक जैसे अभ्यास कम से कम 10-10 के सेट में किए जाने चाहिए. हालांकि ऐसे लोग जो बिगनर्स हैं, प्रशिक्षक के निर्देश पर शुरुआत में कम सेटों में अभ्यास शुरू कर सकते हैं. कार्डियो किकबॉक्सिंग का अभ्यास 30 मिनट से लेकर 1 घंटे तक किया जा सकता है.

ये सावधानियां जरूरी

  • राखी सिंह बताती हैं कि व्यायाम चाहे किसी भी शैली में हो, बहुत जरूरी है कि उससे जुड़ी सावधानियों का विशेष ध्यान रखा जाए. कार्डियो किक-बॉक्सिंग के अभ्यास के दौरान भी कुछ सावधानियों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं
  • कार्डियो किक-बॉक्सिंग की शुरुआत करने से पहले वार्म अप अभ्यास जरूर करें.
  • व्यायाम की शुरुआत में कभी भी बहुत अधिक तीव्रता के साथ पंच नहीं करना चाहिए. किक-बॉक्सिंग की शुरुआत हमेशा हल्के पंच के साथ करनी चाहिए. बाद में धीरे-धीरे गति को बढ़ाया जा सकता है.
  • व्यायाम के दौरान शरीर के मुद्राओं तथा पॉश्चर का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
  • इस तरह के व्यायाम करने में शारीरिक ताकत बहुत ज्यादा लगती है इसलिए बहुत जरूरी है कि शरीर में पानी की कमी ना हो. इसके लिए अभ्यास के दौरान नियमित अंतराल पर 15-15 सेकंड का वाटर ब्रेक लेना चाहिए.
  • वर्कआउट के दौरान इस बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि जिस जगह पर व्यायाम किया जा रहा है वह खुली-खुली हो. यानी व्यायाम करने वाले स्थान के आसपास ज्यादा सामान ना हो जिससे चोट लगने का खतरा ना रहे.

प्रशिक्षक से सलाह जरूरी : राखी सिंह बताती हैं कि बहुत जरूरी है कि इस व्यायाम शैली के अभ्यास की शुरुआत करने से पहले एक बार किसी प्रशिक्षित प्रशिक्षक की सलाह अवश्य ले ली जाय. साथ ही अभ्यास करने वाले व्यक्ति को यदि पहले कोई चोट लगी हो या उसे किसी तरह की शारीरिक परेशानी हो , तो उस बारे में प्रशिक्षक को अवश्य सूचित करना चाहिए. क्योंकि कई बार कुछ विशेष परिस्थितियों या चोटों का सामना कर रहे लोगों को इस तरह के व्यायाम ना करने की सलाह भी दी जाती है. अन्यथा उनकी चोट या समस्या के ज्यादा बढ़ने का खतरा होता है.

ये भी पढ़ें : व्यायाम से पहले जरूरी है वॉर्मअप

Last Updated : Jul 11, 2022, 11:57 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.