नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के बाद उत्तराखंड में भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अंदर घमासान मच गया है और यह मामला इतना ज्यादा बढ़ गया कि पार्टी ने राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हरक सिंह रावत (Harak Singh Rawat) को छह साल के लिए निलंबित कर दिया. वहीं, हरक सिंह रावत ने दावा किया कि वह यह सुनिश्चित करेंगे कि उत्तराखंड में कांग्रेस की ही जीत हो और भाजपा वहां से चुनाव हारे. हालांकि, हरक सिंह रावत कांग्रेस में जाएंगे कि नहीं, इस बात का स्पष्टीकरण उन्होंने नहीं दिया. लेकिन इन तमाम मुद्दों को लेकर यूपी के बाद उत्तराखंड भाजपा में भी आपसी कलह सतह पर आ गई है.
उत्तराखंड हो या उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी में एक के बाद एक हो रहे इस्तीफे की वजह से पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच लगातार बैठकों का दौर चल रहा है और इसी क्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 23 जनवरी से उत्तर प्रदेश के दौरे पर भी रहने वाले हैं. शाह छोटी-छोटी रैलियों और इंडोर रैली पर फोकस करेंगे. वहीं, दिल्ली में बीजेपी कोर ग्रुप की दूसरी बैठक जारी है जिसमें 231 सीटों पर चर्चा होनी है.
सूत्रों की मानें तो भाजपा ने अपने नेताओं से यह दो टूक कह दिया है कि पार्टी, एक परिवार में एक ही व्यक्ति को टिकट देगी और नेताओं को इससे कड़ाई से अमल में लाने की हिदायत भी दी गई है और नेताओं से आग्रह किया गया है कि वह अपने परिवार में एक से ज्यादा टिकट की मांग न करें. ये तमाम मुद्दे ऐसे हैं जो यूपी और उत्तराखंड में पार्टी में चल रहे इस्तीफे को ध्यान में रखते हुए, क्या डैमेज कंट्रोल की तरह से अपनाए जा रहे हैं?
इन तमाम बातों पर जब ईटीवी भारत ने उत्तराखंड से भाजपा नेता और राज्य के पूर्व प्रभारी श्याम जाजू से बातचीत की. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है और वह तीर्थाटन पर चलने वाला प्रदेश है और भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा से इस प्रदेश की बहुत अच्छी ट्यूनिंग है. उन्होंने कहा कि पार्टी से मिलती जुलती, विचारधारा वहां के लोग रखते हैं. श्याम जाजू ने कहा कि पिछले चुनाव में वह राज्य के प्रभारी थे और 70 में से 57 सीटों पर भाजपा ने विजय हासिल की थी और यह अपने आप में एक रिकॉर्ड था.
उन्होंने कहा कि जिस तरह से भाजपा सरकार ने वहां काम किया है उस आधार पर उनकी पार्टी दोबारा सत्ता में आएगी. उन्होंने कहा कि जहां तक हरक सिंह रावत का सवाल है, उनके लिए अब एक भी पार्टी ऐसी बची नहीं, जहां वह नहीं गए. भाजपा में भी वह कांग्रेस से आए थे, वह बसपा, सपा और कांग्रेस के नेता रहे. बीच में वह भाजपा में आए, इसीलिए नेताओं की जो क्रेडिबिलिटी होती है वह जनता तय करेगी. लेकिन जहां उनका मानना है कि उत्तराखंड में भाजपा की बहुत अच्छी स्थिति है और वहां बीजेपी निश्चित तौर पर दोबारा सरकार बनाएगी.
'मुख्यमंत्री कौन है इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता'
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में जहां तक विकास की बात है, प्रधानमंत्री का विशेष प्रेम उत्तराखंड को मिला है और इन पांच सालों में जो उत्तराखंड में काम हुआ है वह आज तक कोई सोच भी नहीं सकता था. उत्तराखंड की जनता राजनीतिक आकलन करने वाली जनता है. इस सवाल पर कि पांच साल में तीन मुख्यमंत्री बदले गए? उन्होंने कहा कि यह कुछ संवैधानिक संकट आए इसकी वजह से मुख्यमंत्री बदलना पड़ा, लेकिन मुख्यमंत्री कौन है इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता क्योंकि भाजपा कैडर की पार्टी है और हम विकास पर ही चुनाव लड़ते हैं.
इस सवाल पर कि क्या पुष्कर सिंह धामी के नाम पर चुनाव लड़ा जाएगा या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर? उन्होंने कहा कि जहां तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सवाल है, वह हमारे नेता हैं और जहां भी चुनाव होता है तो उनका नाम आता है लेकिन उत्तराखंड में जिस तरह का विकास हुआ है वह अतुलनीय है. सभी मुख्य सड़कों का निर्माण 12,000 करोड़ रुपये देकर केंद्र द्वारा करवाया गया और इससे वहां पर्यटन और टूरिस्ट की संख्या बढ़ी है, जिससे अर्थव्यवस्था पर फर्क पड़ा है.
उत्तर प्रदेश के सवाल पर कि एक के बाद एक मंत्रियों और विधायकों के इस्तीफे हो रहे हैं, क्या पार्टी संगठन पर नियंत्रण नहीं रख पा रही? भाजपा के वरिष्ठ नेता श्याम जाजू का कहना है कि पिछले चुनाव के आंकड़े यह बताते हैं कि हमें 303 सीटों में जीत हासिल हुई और इसमें 50-60 लोग ऐसे थे जो बाहर से आए थे. पार्टी ने उन्हें टिकट दिया था और यह चुनाव से पहले हर राजनीतिक पार्टी में होता है, जिस पार्टी की ज्यादा जीत की संभावना होती है, उस पार्टी में ज्यादा लोग जाते हैं और यही बात उत्तराखंड में भी पिछली बार हुई थी, 14 लोग दूसरी पार्टी से हमारी पार्टी में आए थे और जहां तक इस्तीफे की बात है, पांच साल तक सत्ता का सुख लेने के बाद चुनाव आने पर जो लोग पार्टी छोड़कर जा रहे हैं तो उनके बारे में हमें कुछ कहना नहीं, उनके बारे में जनता तय करेगी.
यह भी पढ़ें- हरीश रावत की दो टूक, 'हरक सिंह रावत कांग्रेस में एंट्री से पहले मांगें माफी'
इस सवाल पर कि क्या नेताओं में असंतोष बाहर से आने वाले नेताओं यानी इंपोर्ट पॉलिसी की वजह से नहीं हो रहा? भाजपा के वरिष्ठ नेता श्याम जाजू ने कहा कि लोकतांत्रिक देश में कोई भी डेमोक्रेटिक पार्टी अपने दरवाजे बंद नहीं कर सकती. आने वाले किसी भी व्यक्ति का स्वागत करना पड़ता है, हां यह देखना जरूरी होता है कि किसी का क्रिमिनल बैकग्राउंड न हो और यह एक हेल्थी डेमोक्रेसी का संकेत है कि सभी के लिए दरवाजे खुले होने चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि अब यहां सवाल यह है कि किस कारण वह नेता पार्टी में आता है और अपनी सत्ता पूरी होने के बाद यदि वह दूसरी जगह चला जाता है तो यह उस नेता की क्रेडिबिलिटी का सवाल है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी एक कैडर बेस्ड पार्टी है और उसे उन बातों का ध्यान रखना पड़ता है.
''एक परिवार एक टिकट' भाजपा की पुरानी नीति'
इस सवाल पर कि एक परिवार से एक ही व्यक्ति को टिकट दिया जाएगा यह भाजपा ने अपने नेताओं से कहा है, आखिर यह कहने की जरूरत क्यों पड़ी है? उन्होंने कहा कि यह हमारी पार्टी का पहले से ही संकेत रहा है और हमने शुरुआत से ध्यान रखा है कि एक ही व्यक्ति के परिवार के लोग पार्टी में केंद्रित न हों. इस बात का ध्यान शुरू से रखा जाता रहा है. यदि एक परिवार से दो व्यक्ति रहा भी है तो वह परिवार की वजह से नहीं, बल्कि अपने कार्यों की वजह से पार्टी में रहा है इसलिए यह पार्टी की पुरानी नीति है बल्कि यह बाहर से आए लोग हैं जिस तरह कांग्रेस एक परिवार से पार्टी चलाती है, इसलिए उन्हें इस तरह की आदत पड़ी हुई है.
अखिलेश यादव के उत्तर प्रदेश से भाजपा का सफाया करने के 'अन्न संकल्प' पर श्याम जाजू ने कहा कि जहां तक आज के उनके संकल्प और किसानों को उकसाने की बात है, अखिलेश यादव ने अपने कार्यकाल में एक रुपया भी किसानों का कर्ज माफी नहीं किया था, जबकि हमारी सरकार ने एक करोड़ 52 लाख रुपये भुगतान किसानों के गन्ना का किया. किसानों के लिए हमने एमएसपी को दोगुना कर दिया, इसलिए यह जनता देख रही है किसान देख रहे हैं और हमारा काम बढ़-चढ़कर बोल रहा है, इसलिए हमें चिंता नहीं है. उन्होंने यह भी दावा किया कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में तो हमारी सरकार बनेगी ही, साथ ही पंजाब में भाजपा गठबंधन की सरकार बनने की संभावना है.
यह भी पढ़ें- गोरखपुर शहर से भाजपा विधायक को अखिलेश यादव का खुला निमंत्रण, जानें क्या कहा
उत्तराखंड और पंजाब चुनाव में आम आदमी पार्टी के प्रभाव के संबंध में जाजू का कहना है कि जो पार्टी एक आदमी के इर्द-गिर्द ही चलती है, उनका भविष्य बहुत ज्यादा नहीं होता. यदि देखा जाए तो दिल्ली को छोड़कर आम आदमी पार्टी बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं छोड़ पाई है. उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में कांग्रेस पार्टी जीरो हो जाती है, उन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी के विरोधी लोगों का वोट आम आदमी पार्टी को मिलता है, इसलिए ऐसी पार्टी का परफॉर्मेंस उनके कार्य से नहीं जोड़ना चाहिए.
दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़ने पर भाजपा नेता श्याम जाजू ने कहा कि अरविंद केजरीवाल पिछली कोरोना लहर में भी दिल्ली को संभालने में पूरी तरह से विफल रहे थे. सभी ने देखा है कि किस तरह का वह स्टेटमेंट देते रहे थे और किस तरह उन्होंने संभाला था, लेकिन इस बार केंद्र सरकार ने शुरुआत से हस्तक्षेप करते हुए ध्यान रखा है, लेकिन जहां तक बात करोना की है, उसमें सभी को मिलजुल कर काम करना चाहिए और पिछले बार से सबक लेते हुए आम आदमी पार्टी को कार्य करना चाहिए. क्योंकि आज जनता भी सबक ले चुकी है और अलर्ट है.