इंदौर। मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में मोहन यादव से पिछड़ने वाले कैलाश विजयवर्गीय पढ़ाई लिखाई में भी यादव से कहीं पीछे है. यह बात विजयवर्गीय ने खुद स्वीकार की है. दरअसल इंदौर में पार्टी की एक बैठक के दौरान विजयवर्गीय ने कहा "मुख्यमंत्री और मेरे बीच कई सारी कॉमन बातें हैं, मेरे उनके बीच कई सारी चीज एक जैसी हैं, लेकिन वह पढ़ाई लिखाई में मुझे कहीं आगे हैं."
मोहन यादव है सबसे शिक्षित, सीएम से पिछड़ गए कैलाश: इंदौर के भाजपा कार्यालय में कैलाश विजयवर्गीय अपने विधानसभा में किए गए संबोधन का जिक्र कर रहे थे, इस दौरान उन्होंने कहा कि "मुख्यमंत्री मोहन यादव भी स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता थे, मैं भी था. वह भी मजदूर के बेटे हैं, मैं भी मजदूर का बेटा हूं. उन्होंने भी विद्यार्थी परिषद में काम किया, मैंने भी लंबे समय तक विद्यार्थी परिषद में काम किया. मोहन यादव कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष थे, मैं भी अखाड़े में गया. मोहन यादव ने भी बनेटी घुमाई, मैंने भी घुमाई. लेकिन एक चीज में मैं सीएम यादव से पीछे गया और वह है पढ़ाई. मैं बीएससी एलएलबी हूं और मोहन यादव के पास बीए, एमए, बीएससी, एलएलबी, एमबीए और पीएचडी की डिग्रियां हैं. सीएम मोहन यादव ने इतनी सारी शिक्षा ग्रहण की है कि विधानसभा में उनसे ज्यादा शिक्षित फिलहाल कोई नहीं है. मैंने जब एमपी के सभी 230 विधायकों का एजुकेशनल क्वालीफिकेशन देखा तो कोई भी इतना ज्यादा शिक्षित नहीं है, जितने हमारे मुख्यमंत्री मोहन यादव हैं."
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मालवा के सीएम बने कैलाश विजयवर्गीय: 26 दिसंबर को इंदौर में एमपी के मुख्यमंत्री मोहन यादव का भव्य स्वागत होना है, इसी को लेकर भाजपा कार्यालय में व्यापक तैयारियां की जा रही हैं. विजयवर्गीय का कहना है कि जिस प्रकार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत हुआ था, उसी प्रकार से मुख्यमंत्री का स्वागत किया जाएगा. विजययवर्गी ने कहा ऐसा पहली बार हुआ है कि इंदौर जिले में सभी 9 सीटों पर भाजपा की जीत हुई है जो पहले कभी नहीं हुई, यही वजह है कि केंद्र सरकार ने हमें मालवा का ही मुख्यमंत्री दिया है. इसलिए हमारी जिम्मेदारी ज्यादा बढ़ जाती है. बता दें कि कैलाश विजयवर्गीय के मन में कहीं ना कहीं मुख्यमंत्री न बन पाने की कसक है, हालांकि वे अब पार्टी के हर निर्णय पर मोहन सहमति व्यक्त करने के अलावा कुछ कह पाने और कर पाने की स्थिति में नहीं है.