नई दिल्ली : कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता, राहुल गांधी के साथ की जा रही ईडी की पूछताछ के विरोध में सड़क पर उतर चुके हैं. वे केंद्र सरकार पर ईडी के बेजा इस्तेमाल का आरोप लगा रहे हैं. नेशनल हेराल्ड एसोसिएटेड जनरल लिमिटेड केस में कई साल पहले से कार्रवाई चल रही है और यह कोई नया मामला नहीं है. केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद से ही इस मामले से संबंधित फाइलों को ईडी ने दोबारा खोला है.
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को कई बार समन दिए जा चुके थे. अंततः इस बार कांग्रेस नेता राहुल गांधी को प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश होना पड़ा. सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय ने राहुल गांधी से पूरे दिन बिठाकर पूछताछ की और ये पूछताछ लगभग 10 घंटे तक चली. वहीं प्रवर्तन निदेशालय के बाहर कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगा रहा.
देश की राजधानी दिल्ली ही नहीं, बल्कि कांग्रेस के कार्यकर्ता इसके विरोध में जगह-जगह चक्का जाम और केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. मंगलवार को भी राहुल गांधी ईडी की पूछताछ और कार्रवाई के लिए प्रवर्तन निदेशालय पहुंचे थे.
राहुल गांधी से प्रवर्तन निदेशालय ने पहले दिन लगभग 10 घंटे तक पूछताछ की थी और इसी क्रम में राहुल गांधी मंगलवार को भी दफ्तर पहुंचे. सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी से नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग संबंधी मामले में जो सवाल किए गए उनमें ज्यादातर शेयर पैटर्न से संबंधित सवाल थे.
सूत्रों की माने तो ईडी ने राहुल गांधी से यह भी सवाल किए कि उन्होंने एसोसिएट जनरल के शेयर किस दाम पर खरीदे. ₹10 या फिर ₹100. सूत्रों के मुताबिक एजीएल के शेयर के बारे में भी राहुल गांधी से पूछताछ की गई और साथ ही यह भी सवाल किए गए कि उन्होंने यह शेयर किस माध्यम से खरीदा और जब इन शेयर की पेमेंट की गई तो राहुल गांधी ने किस अकाउंट नंबर से यह पेमेंट की है.
यह मामला धीरे-धीरे अब तूल पकड़ता जा रहा है. सत्ताधारी पार्टी बीजेपी इस मामले को हाथ से जाने नहीं देना चाहती है. वहीं कांग्रेस के नेताओं का आरोप है कि मोदी सरकार सरकारी एजेंसियों के माध्यम से दमनकारी नीति अपना रही है. यदि देखा जाए तो कहीं ना कहीं निशाने पर आने वाले राज्यों के चुनाव के साथ-साथ 2024 के लोकसभा चुनाव भी हैं.
कहा जाए तो एनडीए गठबंधन 2024 के चुनाव की तैयारी की शुरुआत कर चुका है. खासतौर पर बीजेपी ने तो 2024 के चुनाव के लिए अंदरूनी तौर पर इंटरनल सर्वे और किन-किन जगहों पर बूथ लेवल पर पार्टी की स्थिति कमजोर है और कहां पार्टी के नेताओं को ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है, इन तमाम कार्यों पर मेहनत भी शुरू कर दी है.
पार्टी का एक धड़ा इन मुद्दों को सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों के माध्यम से जन जन तक पहुंचाने का भी काम कर रहा है. लेकिन पार्टी इस बात को लेकर भी फूंक-फूंक कर कदम रख रही है कि नेगेटिव कैंपेन को लेकर वह बहुत ज्यादा आगे नहीं बढ़ेगी, क्योंकि इसका खामियाजा बंगाल सहित, कई राज्यों के परिणाम में उन्हें भुगतना पड़ा है.
एक तरफ जहां बीजेपी आरोप लगा रही है कि भ्रष्टाचार कांग्रेस के मूल में है और सोनिया और राहुल गांधी पहले से बेल पर हैं, वहीं कांग्रेस के नेताओं ने बीजेपी और मोदी सरकार पर चौतरफा हमला बोल दिया है. अलग-अलग कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों सहित कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेता मोदी सरकार पर बदले की कार्रवाई का आरोप लगा रहे हैं. कांग्रेस की गठबंधन की पार्टियां भी उनके साथ खड़ी नजर आ रही हैं.
इस मुद्दे पर ईटीवी भारत में जब भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल से बात की तो उन्होंने कहा कि, जिस तरह का उद्दंडता पूर्ण व्यवहार राहुल गांधी और उनके कांग्रेसी नेता कर रहे हैं उसे देखकर ऐसा लगता है कि कांग्रेस का प्रजातांत्रिक मूल्यों में बिल्कुल भी विश्वास नहीं है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उनके तमाम नेताओं का एक ही उद्देश्य है कि किसी तरह भ्रष्टाचारी राहुल गांधी और सोनिया गांधी को ईडी की कार्रवाई से बचाया जाए.
अग्रवाल ने कहा कि नेशनल हेराल्ड में दो हजार करोड़ का घोटाला हुआ है और वह यंग इंडियाज के माध्यम से गांधी परिवार के अकाउंट में ट्रांसफर हुआ है और जिस तरह से गांधी परिवार की संलिप्तता, नजर आ रही है. उसको लेकर ही सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट दोनों ने निर्देश दिया है कि इसकी जांच होनी चाहिए. ऐसे में यह बात देश के सामने आनी चाहिए कि क्या गांधी परिवार कानून से ऊपर हैं, या उसके अंतर्गत आता है.
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने यह भी आरोप लगाया कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि नेशनल हेराल्ड जिसकी स्थापना देश सेवा के उद्देश्य से, 1930 में हुई थी, लेकिन 2010 में गांधी परिवार की एक निजी कंपनी को सारे शेयर उसके ट्रांसफर क्यों कर दिए गए. इसकी पूर्ण रूप से जांच होनी चाहिए और गांधी परिवार को इस में सहयोग करना चाहिए. डोटैक्स merchandise के नाम से हवाला ट्रांजैक्शन के माध्यम से पैसे ट्रांसफर हुए हैं इसकी भी जांच होनी चाहिए. तभी दूध का दूध और पानी का पानी हो पाएगा और भ्रष्टाचार में पूरी तरह से संलिप्त राहुल गांधी पर कठोर से कठोर कार्रवाई होनी चाहिए ऐसा बीजेपी का मत है.
बहरहाल भारतीय जनता पार्टी ने इस बार निशाने पर सीधे तौर पर गांधी परिवार को लिया है जिससे पूरी कांग्रेस में बौखलाहट है और यह मामला फिलहाल दूर तलक जाने की संभावना नजर आ रही है जो आने वाले दिनों में सभी चुनाव में चाहे वह राज्य हो या 2024 का आम चुनाव एक बड़ा मुद्दा बन सकता है.
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