गुवाहाटी : विवाद असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का पीछा नहीं छोड़ रहे हैं. हिमंत बिस्वा सरमा के ऊपर आरोप है कि उन्होंने मणिपुर में चुनाव जीतने के लिए उग्रवादियों की मदद ली. एक पत्र में यह दावा किया गया है कि चुनाव से पहले असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भाजपा के दिग्गज नेता राम माधव के साथ मिलकर उग्रवादियों के साथ एक गुप्त बैठक की थी. इस बैठक में भाजपा और उग्रवादियों के बीच एक समझौता हुआ था.
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. @IndiaToday expose’ on BJP CM Himanta Biswa Sarma & its Former National General Secretary Ram Madhav is truly disturbing and depicts an unpardonable compromise with National Security, if assertions are proved.
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But the more important QUESTION👇
▪️Did BJP take assistance of… pic.twitter.com/xwEABXiwDk
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— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) June 13, 2023
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जिसमें यह बात यह हुई थी उग्रवादी संगठव भाजपा को चुनाव जीतने में मदद करेंगे. मणिपुर में एक उग्रवादी समूह के नेता के 2019 में लिखे एक पत्र के माध्यम से यह बात सामने आयी है. पत्र यूनाइटेड कुकी लिबरेशन फ्रंट के अध्यक्ष एसएस हाओकिप ने लिखा है. अब यह पत्र कोर्ट में पेश किये गये उनके हलफनामा का हिस्सा है. माना जा रहा है कि यह पत्र केंद्रीय गृह मंत्री को 2019 में लिखा गया था.
उग्रवादी समूह के नेता ने पत्र में कहा है कि एन बीरेन सिंह 2017 में कुकी उग्रवादियों की मदद से मणिपुर के भाजपा मुख्यमंत्री बने. मणिपुर में कुकी उग्रवादी समूह के नेता ने 2019 में गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र में इस घटना के बारे में सूचित किया था. विस्फोटक पत्र यूनाइटेड कुकी लिबरेशन फ्रंट के अध्यक्ष एसएस हाओकिप द्वारा अदालत में दायर एक हलफनामे से जुड़ा है. बता दें कि एसएस हाओकिप को एनआईए ने 2018 में गिरफ्तार किया था.
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पत्र में यह दावा किया गया है कि मैंने मणिपुर में भाजपा सरकार बनाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. हमारे समर्थन के बिना भाजपा के लिए मणिपुर में सरकार बनाना असंभव था. हाल के लोकसभा चुनावों में भी, भाजपा ने हमारे क्षेत्र में 80-90 प्रतिशत वोट हासिल किए हैं.