भोपाल : जमात ए मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) के चार आतंकवादी सहित उनके एक मददगार की जुडिशल रिमांड जिला न्यायालय भोपाल ने 24 अप्रैल तक बढ़ा दी है. इनकी गिरफ्तारी मार्च में एसटीएफ ने की थी (jmb Terrorist arrested in bhopal), लेकिन यह केस अब एनआईए को शिफ्ट होना है. जिसके लिए टीम भोपाल आने वाली है. वह तय करेगी कि इन पांचों को भोपाल सेंट्रल जेल में रखा जाएगा या इन्हें अपने साथ दिल्ली ले जाना है.
भोपाल में पकड़े गए थे आतंकी: भोपाल एसटीएफ ने अशोका गार्डन क्षेत्र से इनको गिरफ्तार किया था. वहीं जांच में इनके तार कोलकाता से जुड़े होने की खबर सामने आई थी. जिसके बाद कोलकाता के हावड़ा से इनकी फंडिंग करने वाले पांचवें आतंकवादी को भी पकड़ा गया था. साथ ही निशातपुरा थाना क्षेत्र और विदिशा के नटेरन से मददगार अब्दुल करीम की गिरफ्तारी हुई थी. जिनकी जमानत अर्जी जिला न्यायालय में पेश की गई थी, लेकिन कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया था. यह सभी भोपाल सेंट्रल जेल में हैं.
एनआईए को सौंपा मामला: आतंकियों के आधार कार्ड, परिचय पत्र आदि यूपी के सहारनपुर से बने होने के चलते यह मामला एनआईए को सौंपे जाने का आदेश हो चुका है. जानकारी के अनुसार एक-दो दिन में एनआईए की टीम इस केस को हैंडओवर ले सकती हैं. पुलिस रिमांड के समय विभिन्न एजेंसियों ने भी पकड़े गए आतंकियों से पूछताछ की थी. जिसमें पता चला था कि चारों आतंकी करीब 50 से ज्यादा लोगों के संपर्क में थे. संदिग्ध आतंकी मध्यप्रदेश में अपना नेटवर्क फैलाने में लगे थे.
भोपाल में स्लीपर सेल तैयार कर रहे थे आतंकी: साल 2014 में भारत के पश्चिम बंगाल के वर्धमान में बम ब्लास्ट किया था, जिसमें 2 लोग मारे गए थे. साल 2018 में बोधगया में भी बम ब्लास्ट किया गया था. ऐसी घटनाओं में जेएमबी का नाम आने के बाद भारत सरकार ने साल 2019 में इसे 5 साल के लिए प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया था. एटीएस के मुताबिक प्रतिबंध के बाद आतंकी संगठन देश के विभिन्न क्षेत्रों में स्लीपर सेल तैयार करने के प्रयास कर रहा है, जिससे भविष्य में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया जा सके.
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