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TS-bPASS से तेलंगाना में संपत्ति खरीदने की प्रक्रिया होगी आसान

तेलंगाना सरकार ने आम लोगों के मकान खरीदने के ख्वाब को पूरा करने के लिए TS-bPASS शुरू किया है. इसके तहत कोई भी व्यक्ति 75 वर्ग गज तक अपनी संपत्ति को पंजीकृत करने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकता है. साथ ही कोई भी 600 वर्ग गज तक संपत्ति के लिए स्व-प्रमाणन मोड पर तुरंत अनुमति प्राप्त कर सकता है. इतना ही नहीं यह लोगों को नौकरशाही, भ्रष्ट मशीनरी और धोखाधड़ी करने वाले बिल्डरों से संरक्षण प्रदान करेगा.

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Published : Nov 20, 2020, 8:00 PM IST

डिजाइन फोटो
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हैदराबाद : हमारे देश के अधिकांश लोगों का सपना है कि वे अपने लिए एक मकान खरीद सकें. इनमें वे सामान्य भारतीय भी शामिल हैं, जिनके पास सीमित वित्तीय संसाधन हैं. यहां हर कोई मकान खरीदने का अपना ख्वाब पूरा करना चाहता हैं. अपने इस ख्वाब को पूरा करने के लिए कई बार एक मध्यम वर्गीय शख्स को नौकरशाही, भ्रष्ट मशीनरी और धोखाधड़ी करने वाले बिल्डरों द्वारा लंबे समय से नुकसान उठाना पड़ रहा है, लेकिन अब इन बाधाओं को दूर करने के लिए, तेलंगाना सरकार ने निर्धारित समयसीमा के भीतर आवश्यक अनुमति प्राप्त करने के लिए एक सरलीकृत और एकीकृत मंच तेलंगाना राज्य निर्माण अनुमति अनुमोदन और स्व प्रमाणन प्रणाली (TS-bPASS) पेश किया है.

TS-bPASS के अनुसार, कोई भी व्यक्ति 75 वर्ग गज तक अपनी संपत्ति को पंजीकृत करने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकता है. साथ ही कोई भी 600 वर्ग गज तक संपत्ति के लिए स्व-प्रमाणन मोड पर तुरंत अनुमति प्राप्त कर सकता है.

आवेदन को सभी संबंधित विभागों को भेज दिया जाएगा, जिससे 10 दिनों के भीतर मंजूरी मिल सके.

रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए 10 मीटर से अधिक ऊंचाई वाली इमारतों में एकल खिड़की और ऊंची इमारतों के लिए पांच साल का परमिट दिया जाएगा. जो लोग TS-bPASS का दुरुपयोग करके नियमों का उल्लंघन कर अतिक्रमण करेंगे, उन्हें बिना किसी नोटिस के उक्त निर्माणों को ध्वस्त करने जैसे सख्त दंड का सामना करना पडे़गा.

यह न केवल नागरिकों को जिम्मेदार बनाता है, बल्कि अधिकारियों की जवाबदेही भी तय करता है.

राष्ट्रीय शहरी आवास और आवास नीति 2007 ने शहरी गरीबों पर विशेष जोर देता हुए सभी के लिए किफायती आवास के लक्ष्य को साकार करने के लिए विभिन्न प्रकार की सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा देने की मांग की थी.

वहीं, वर्ल्ड बैंक की बिजनेस रिपोर्ट 2018 ने 185 देशों में से 182 में भारत को रखा. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में औसतन एक व्यवसाय को शुरू करने में 196 दिन लगते हैं. व्यवसाय के लिए परमिट जारी करने में सिंगापुर सबसे आगे है.

रिश्वत के खतरे को रोकने के लिए, दिल्ली नागरिक निकाय ने एक वेब पोर्टल शुरू किया, जिसके माध्यम से नागरिक निर्माण परमिट के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इसी तरह के कदम उठाते हुए तमिलनाडु ने अलग-अलग भवन निर्माण स्वीकृति के लिए एकल खिड़की निकासी प्रणाली बनाई.

पढ़ें- जानिए, क्या है यूपी वक्फ बोर्ड घोटाला, सीबीआई करेगी जांच

जैसा कि कई राज्यों ने मंजूरी और अनुमोदन के लिए ई-पोर्टल लॉन्च किया है, कंस्ट्रक्शन परमिट (डीलिंग में आसानी) की रैंकिंग में भारत की रैंक 52वें से 27वें स्थान पर पहुंच गई है.

ऐसे समय में जब प्रॉपर्टी के पंजीकरण में आसानी की देश की रैंकिंग एक निम्न स्तर 154 थी, तेलंगाना सरकार ने एक एकीकृत भूमि प्रबंधन रिकॉर्ड प्रणाली की शुरुआत की है. इस प्रतिष्ठित परियोजना ने कई प्रारंभिक बाधाओं को दूर किया है और राज्य में भूमि लेन-देन को लेकर सुधार के रास्ते पर है.

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, आंध्र प्रदेश में अभी भी खरीद बंद है, जहां निर्माण परमिट के लिए आवेदन ऑनलाइन जमा किए जा सकते हैं.

आदर्श रूप से, नगर नियोजन अधिकारियों को आवेदन जमा करने के 10 दिनों के भीतर फील्ड निरीक्षण करने की आवश्यकता होती है, लेकिन परमिट के बदले रिश्वत मानदंड बन गया है.

सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या तेलंगाना सरकार इस तरह की प्रणालीगत गड़बड़ियों से बचते हुए TS-bPASS को सफलतापूर्वक लागू कर सकती है.

हैदराबाद : हमारे देश के अधिकांश लोगों का सपना है कि वे अपने लिए एक मकान खरीद सकें. इनमें वे सामान्य भारतीय भी शामिल हैं, जिनके पास सीमित वित्तीय संसाधन हैं. यहां हर कोई मकान खरीदने का अपना ख्वाब पूरा करना चाहता हैं. अपने इस ख्वाब को पूरा करने के लिए कई बार एक मध्यम वर्गीय शख्स को नौकरशाही, भ्रष्ट मशीनरी और धोखाधड़ी करने वाले बिल्डरों द्वारा लंबे समय से नुकसान उठाना पड़ रहा है, लेकिन अब इन बाधाओं को दूर करने के लिए, तेलंगाना सरकार ने निर्धारित समयसीमा के भीतर आवश्यक अनुमति प्राप्त करने के लिए एक सरलीकृत और एकीकृत मंच तेलंगाना राज्य निर्माण अनुमति अनुमोदन और स्व प्रमाणन प्रणाली (TS-bPASS) पेश किया है.

TS-bPASS के अनुसार, कोई भी व्यक्ति 75 वर्ग गज तक अपनी संपत्ति को पंजीकृत करने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकता है. साथ ही कोई भी 600 वर्ग गज तक संपत्ति के लिए स्व-प्रमाणन मोड पर तुरंत अनुमति प्राप्त कर सकता है.

आवेदन को सभी संबंधित विभागों को भेज दिया जाएगा, जिससे 10 दिनों के भीतर मंजूरी मिल सके.

रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए 10 मीटर से अधिक ऊंचाई वाली इमारतों में एकल खिड़की और ऊंची इमारतों के लिए पांच साल का परमिट दिया जाएगा. जो लोग TS-bPASS का दुरुपयोग करके नियमों का उल्लंघन कर अतिक्रमण करेंगे, उन्हें बिना किसी नोटिस के उक्त निर्माणों को ध्वस्त करने जैसे सख्त दंड का सामना करना पडे़गा.

यह न केवल नागरिकों को जिम्मेदार बनाता है, बल्कि अधिकारियों की जवाबदेही भी तय करता है.

राष्ट्रीय शहरी आवास और आवास नीति 2007 ने शहरी गरीबों पर विशेष जोर देता हुए सभी के लिए किफायती आवास के लक्ष्य को साकार करने के लिए विभिन्न प्रकार की सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा देने की मांग की थी.

वहीं, वर्ल्ड बैंक की बिजनेस रिपोर्ट 2018 ने 185 देशों में से 182 में भारत को रखा. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में औसतन एक व्यवसाय को शुरू करने में 196 दिन लगते हैं. व्यवसाय के लिए परमिट जारी करने में सिंगापुर सबसे आगे है.

रिश्वत के खतरे को रोकने के लिए, दिल्ली नागरिक निकाय ने एक वेब पोर्टल शुरू किया, जिसके माध्यम से नागरिक निर्माण परमिट के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इसी तरह के कदम उठाते हुए तमिलनाडु ने अलग-अलग भवन निर्माण स्वीकृति के लिए एकल खिड़की निकासी प्रणाली बनाई.

पढ़ें- जानिए, क्या है यूपी वक्फ बोर्ड घोटाला, सीबीआई करेगी जांच

जैसा कि कई राज्यों ने मंजूरी और अनुमोदन के लिए ई-पोर्टल लॉन्च किया है, कंस्ट्रक्शन परमिट (डीलिंग में आसानी) की रैंकिंग में भारत की रैंक 52वें से 27वें स्थान पर पहुंच गई है.

ऐसे समय में जब प्रॉपर्टी के पंजीकरण में आसानी की देश की रैंकिंग एक निम्न स्तर 154 थी, तेलंगाना सरकार ने एक एकीकृत भूमि प्रबंधन रिकॉर्ड प्रणाली की शुरुआत की है. इस प्रतिष्ठित परियोजना ने कई प्रारंभिक बाधाओं को दूर किया है और राज्य में भूमि लेन-देन को लेकर सुधार के रास्ते पर है.

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, आंध्र प्रदेश में अभी भी खरीद बंद है, जहां निर्माण परमिट के लिए आवेदन ऑनलाइन जमा किए जा सकते हैं.

आदर्श रूप से, नगर नियोजन अधिकारियों को आवेदन जमा करने के 10 दिनों के भीतर फील्ड निरीक्षण करने की आवश्यकता होती है, लेकिन परमिट के बदले रिश्वत मानदंड बन गया है.

सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या तेलंगाना सरकार इस तरह की प्रणालीगत गड़बड़ियों से बचते हुए TS-bPASS को सफलतापूर्वक लागू कर सकती है.

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