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सीएए हिंसा मामला : रासुका पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार - रासुका पर रोक

राष्ट्रीय सुरक्षा कानून ( रासुका ) को लागू करने से रोकने के लिए सरकार को निर्देश देने और दिल्ली के उप राज्यपाल की अधिसूचना को रद्द करने के लिए दायर की गई याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ( फाइल फोटो )
सुप्रीम कोर्ट ( फाइल फोटो )
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Published : Jan 24, 2020, 6:32 PM IST

Updated : Feb 18, 2020, 6:37 AM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज अधिवक्ता एम एल शर्मा द्वारा दायर उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा कानून ( रासुका ) को लागू करने से रोकने के लिए सरकार को निर्देश देने और दिल्ली के उप राज्यपाल की अधिसूचना को रद्द करने की मांग की गई थी.

दरअसल, उपराज्यपाल अनिल बैजल ने एक अधिसूचना जारी कर राष्ट्रीय राजधानी की पुलिस को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत लोगों को बिना सुनवाई 12 महीने तक हिरासत में रखने के लिए अधिकृत किया था.

याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक कानून व्यवस्था की समस्या न हो तब तक वह रासुका के इस्तेमाल पर रोक लगाने का आदेश नहीं दे सकती है, लेकिन अगर कोई रासुका का दुरुपयोग करता है तो कोर्ट दखल कर सकता है.

सुनवाई के दौरान न्यायधीश अरुण मिश्रा ने कहा कि यह कानून और व्यवस्था का मुद्दा है. हम इसमें कैसे हस्तक्षेप कर सकते हैं? लेकिन अगर अधिकरियों द्वारा व्यक्तिगत मामलों पर NSA का दुरुपयोग किया जाता है, और ऐसे मामलों को हमारे संज्ञान में लाया जाता है. तो हम निश्चित रूप से इसमें दखल देंगे.

पढ़ें- आरटीआई से हुआ खुलासा : 503 सांसदों ने नहीं दिया संपत्ति का विवरण

बता दें कि याचिकाकर्ता एम एल शर्मा ने दावा किया था कि यह आदेश सीएए, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर दबाव बनाने के लिए लागू किया गया है.

उन्होंने पुलिस को रासुका लगाने के लिए अधिकृत करने के लिए जारी अधिसूचना को अंसवैधानिक और संविधान के अनुच्छेद 19(1) (भाषण देने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) और अनुच्छेद-21 (जीवन का अधिकार) का उल्लंघन बताया.

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज अधिवक्ता एम एल शर्मा द्वारा दायर उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा कानून ( रासुका ) को लागू करने से रोकने के लिए सरकार को निर्देश देने और दिल्ली के उप राज्यपाल की अधिसूचना को रद्द करने की मांग की गई थी.

दरअसल, उपराज्यपाल अनिल बैजल ने एक अधिसूचना जारी कर राष्ट्रीय राजधानी की पुलिस को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत लोगों को बिना सुनवाई 12 महीने तक हिरासत में रखने के लिए अधिकृत किया था.

याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक कानून व्यवस्था की समस्या न हो तब तक वह रासुका के इस्तेमाल पर रोक लगाने का आदेश नहीं दे सकती है, लेकिन अगर कोई रासुका का दुरुपयोग करता है तो कोर्ट दखल कर सकता है.

सुनवाई के दौरान न्यायधीश अरुण मिश्रा ने कहा कि यह कानून और व्यवस्था का मुद्दा है. हम इसमें कैसे हस्तक्षेप कर सकते हैं? लेकिन अगर अधिकरियों द्वारा व्यक्तिगत मामलों पर NSA का दुरुपयोग किया जाता है, और ऐसे मामलों को हमारे संज्ञान में लाया जाता है. तो हम निश्चित रूप से इसमें दखल देंगे.

पढ़ें- आरटीआई से हुआ खुलासा : 503 सांसदों ने नहीं दिया संपत्ति का विवरण

बता दें कि याचिकाकर्ता एम एल शर्मा ने दावा किया था कि यह आदेश सीएए, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर दबाव बनाने के लिए लागू किया गया है.

उन्होंने पुलिस को रासुका लगाने के लिए अधिकृत करने के लिए जारी अधिसूचना को अंसवैधानिक और संविधान के अनुच्छेद 19(1) (भाषण देने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) और अनुच्छेद-21 (जीवन का अधिकार) का उल्लंघन बताया.

Intro:The Supreme Court today dismissed a petition filed by Advocate ML Sharma seeking directions to restrain government from invoking National Security's Act and quashing notification of Delhi's LG allowing the Delhi police to use NSA to detain without trial for 12 months.


Body:The Supreme court said that they can not pass a general order restraining the use of NSA when there is no law and order problem but will intervene if there is any misuse of NSA. I

"These are law and order issues. How can we interfere?We can not pass a general direction, a blanket order restraining the government from invoking NSA but we can definitely do something if individual cases of misuse of NSA by authorities is brought to our attention," said Justice Arun Mishra.




Conclusion:The court gave him the liberty to approach the court citing specific cases involving misuse of NSA.
Last Updated : Feb 18, 2020, 6:37 AM IST
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