भोपाल। चमत्कार को नमस्कार तो खूब हुआ, लेकिन एमपी में अपने अनोखे दरबार के लिए मशहूर हुए बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री के चमत्कारों को मिली चुनौती के साथ नया बवाल खड़ा हो गया है. नागपुर की एक संस्था से हुए विवाद के बाद बागेश्वर धाम ने संस्था के लोगों के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया है. उनके चमत्कार को मिली चुनौती के बाद बागेश्वर धाम ने कहा कि 'हाथी चले बाजार, कुत्ते भौंके हजार'. धीरेन्द्र शास्त्री ने अभद्र टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्हें चुनौती देने वाले लोग उनके नागपुर में रहने के दौरान कहां थे. क्या उनके बाप मर गए था या उन्होंने हाथों में चूड़ियां पहनी हुई थी. असल में ये पूरा मामला नागपुर की एक संस्था अंध श्रध्दा निर्मुलन समिति के उस दावे से जुड़ा हुआ है, जिसमें उन्होंने बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री के चमत्कारों को लेकर उन्हें चुनौती दी थी.
चमत्कार पर चुनौती का सवाल: असल में पूरा मामला नागपुर में हुई धीरेन्द्र शास्त्री की कथा के दौरान बढ़ा है. नागपुर की संस्था अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक श्याम मानव का आरोप है कि धीरेंद्र शास्त्री ने नागपुर में चल रही राम कथा के दौरान जो दिव्य दरबार लगाया, उसमें चमत्कारी दावे किए तो नागपुर की ही एक संस्था अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति ने धीरेन्द्र शास्त्री को ये चुनौती दी कि वो जो दावे कर रहे हैं, उन्हें सिद्ध भी करके दिखाएं. मामले ने तूल यहीं से पकड़ा. समिति ने एक तरफ दावे सिद्ध करने पर 30 लाख देने की बात कही, लेकिन साथ में ये चेतावनी भी दे डाली कि अगर शास्त्री अपने चमत्कार साबित नहीं कर पाए तो उनके खिलाफ द ड्रग एण्ड मैजिक रेमिडी कानून के अंतर्गत मामला दर्ज करवाया जाएगा. संस्था का दावा है कि उनके पास इसका वीडियो है. संस्था के मुताबिक राम कथा करना गलत नहीं है, लेकिन उसके लिए अंधविश्वास फैलाना गलत है. अब संस्था का आरोप ये है कि धीरेन्द्र शास्त्री कथा जल्दी खत्म कर सात दिन के भीतर ही नागपुर छोड़कर चले गए. अब संस्था अड़ी है कि धीरेन्द्र शास्त्री पर मामला दर्ज होना चाहिए.
धीरेन्द्र शास्त्री ने कहे आपत्तिजनक शब्द: इस मामले में संस्था के खिलाफ धीरेन्द्र शास्त्री ने भी आपत्तिजनक शब्द कहे हैं. पहले तो धीरेन्द्र शास्त्री ने कहावत के जरिए चुनौती देने वाली संस्था पर अभद्र टिप्पणी की और कहा कि 'हाथी चले बाजार कुत्ता भौंके हजार'. फिर ये भी कहा कि हम तो बरसों से कह रहे हैं कि ना हम साधू हैं ना चमत्कारी. इतने पर ही नहीं रुके शास्त्री. अक्सर अपने बेबाक बयान और विवादित बोलों की वजह से सुर्खियों में रहने वाले बागेश्वर धाम वाले धीरेन्द्र शास्त्री ने यहां तक कह दिया कि उन्हें चुनौती देने वाला तब कहां गए थे जब कथा चल रही थी और धीरेन्द्र शास्त्री नागपुर में ही थे. शास्त्री ने आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि क्या उनके बाप मर गए थे या उन्होंने चूड़ियां पहन ली थी.
बयानों से उठाते रहे हैं बवाल बागेश्वर धाम: बागेश्वर धाम से मशहूर धीरेन्द्र शास्त्री के बेबाक बोल और विवाद से जुड़ा ये पहला मामला नहीं है. उनके चर्चा में आने की पहली वजह ही उनकी ओर से दिया गया एक विवादित बयान था. पहली बार धीरेन्द्र शास्त्री उस वक्त सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने पिछले साल एक कथा के दौरान हिंदूओं से बुलडोजर खरीदने की अपील कर डाली थी और कहा था कि पत्थर फेंकने वालों के खिलाफ एकजुट हो जाएं हिंदू और उनके घरों पर बुलडोजर चलवाएं. धीरेन्द्र शास्त्री के वायरल हुए इस वीडियो में ये कहते हुए भी दिखाई दिए थे कि वे खुद भी बुलडोजर खरीदने वाले हैं. करोड़ों लोगों की आस्था के प्रतीक साई बाबा को धीरेन्द्र शास्त्री चांद मियां बता चुके हैं. ये विवादित टिप्पणी कर चुके हैं कि 33 करोड़ देवी देवताओं के होते हुए चांद मियां को क्यों पूजा जा रहा है. पठान फिल्म ना देखने की भी सौगंध धीरेन्द्र शास्त्री दिला चुके हैं. एक सभा में अधूत शब्द का इस्तेमाल भी कर चुके हैं. उस समय भी काफी बवाल हुआ था. ये पूरा वाकया ये है कि एक दरबार के दौरान उन्होंने एक व्यक्ति को चरण स्पर्श करने से रोका था और कहा था कि हमें छूना मत हम अछूत व्यक्ति हैं. इसके बाद सोशल मीडिया पर बाकायदा अरेस्ट धीरेन्द्र शास्त्री ट्रेंड करने लगा था.