ETV Bharat / bharat

Cheetah in India: 20 नहीं 50 चीतों से सफल होगा 'प्रोजेक्ट चीता', नये मेहमानों के लिए तैयार हो रहा 'फ्यूचर' प्लान

author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 21, 2023, 9:04 PM IST

Updated : Sep 21, 2023, 9:50 PM IST

Project Cheetah भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'प्रोजेक्ट चीता' की सफलता अभी थोड़ा दूर है. दरअसल देश में चीतों को दोबारा पुनर्स्थापित करने के लिए कम से कम 50 चीतों की जरूरत है. जबकि भारत सरकार नामीबिया और साउथ अफ्रीका से अब तक महज 20 चीते ही लाई है. जिसमें से 6 चीते विभिन्न वजहों से मारे जा चुके हैं. 'प्रोजेक्ट चीता' को लेकर क्या है मौजूदा स्थिति और भविष्य के लिए प्रोजेक्ट की सफलता के लिए क्या है प्लान ? जानिए ईटीवी भारत की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में...

project cheetah
प्रोजेक्ट चीता
भारत में चीतों की पुनर्स्थापना के लिए 50 से 60 चीतों की जरूरत.

देहरादून (उत्तराखंड): मध्य प्रदेश का कूनो राष्ट्रीय पार्क भारत सरकार के महत्वाकांक्षी 'प्रोजेक्ट चीता' की शुरुआत का गवाह बना है. कई महीनों के होमवर्क के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर 17 सितंबर 2022 को नामीबिया से आठ चीते लाये गए, जिन्हें कूनो राष्ट्रीय पार्क छोड़ा गया. इसके बाद दक्षिण अफ्रीका से भी 12 चीते भारत लाए गए. कुल मिलाकर कूनो नेशनल पार्क में चीतों की अधिकतम क्षमता यानी 20 चीतों को पहुंचा दिया गया. लेकिन यह प्रोजेक्ट तब विवादों में आ गया जब एक के बाद एक 6 चीतों की मौत हो गई. यही नहीं, इस दौरान 3 शावक भी यहां विभिन्न कारणों से मारे गए. इस तरह कुनों में कुल 9 चीते महज 6 महीना में ही दम तोड़ गए.

इस तरह नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 20 चीतों में से 6 की मौत होने के कारण 'प्रोजेक्ट चीता' सुर्खियों में आ गया. हालांकि, इसके बाद आनन-फानन में विभिन्न वैज्ञानिकों के साथ ही चिकित्सकों और नामीबिया से आई टीम ने चीतों की मौत को लेकर जांच शुरू कर दी. कूनो नेशनल पार्क में छोड़े गए चीतों को दोबारा वापस बाड़ों में लाकर उनका स्वास्थ्य परीक्षण शुरू कर दिया गया. अच्छी बात यह है कि बाकी सभी 14 चीते और एक शावक पूरी तरह से स्वस्थ बताए गए हैं.

अन्य सभी चीते स्वस्थ: भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून के वरिष्ठ वैज्ञानिक और 'प्रोजेक्ट चीता' से जुड़े कमर कुरैशी बताते हैं कि कूनो नेशनल पार्क में मौजूद सभी चीतों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है और सभी पूरी तरह से स्वस्थ हैं. किसी में भी किसी तरह का कोई संक्रमण मौजूद नहीं है. कमर कुरैशी कहते हैं कि चीतों की मौत का कारण अलग-अलग रहा. नए वातावरण में आने की वजह से भी उनकी मौत हुई है. जबकि एहतियात के तौर पर बाड़ों में लाए गए चीतों को जल्द ही पार्क में खुले में छोड़ दिया जाएगा.
ये भी पढ़ेंः MP Cheetah Project: चीता प्रोजेक्ट को एक साल पूरा, कभी खुशियों की खबर तो कभी मौत की, अब नन्हें शावक पर टिका भारत में चीतों का भविष्य

मध्य प्रदेश में ही रहेंगे नए मेहमान: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए अभी सरकार की तरफ से कई प्रयास किए जाने बाकी हैं. यानी भारत सरकार के 'प्रोजेक्ट चीता' की सफलता अभी दूर है. दरअसल 'प्रोजेक्ट चीता' को पूरी तरह से सफल बनाने के लिए भारत में 50 से ज्यादा चीतों की पापुलेशन जरूरी है. लिहाजा जल्द ही कुछ और चीते भारत लाने के प्रयास भी शुरू कर दिए गए हैं. खास बात यह है कि 'प्रोजेक्ट चीता' के तहत अब तक जिन नेशनल पार्क को चिन्हित किया गया है, वह सभी मध्य प्रदेश के ही हैं.

गांधी सागर नेशनल पार्क में लाए जाएंगे चीते: फिलहाल कूनो नेशनल पार्क में 20 चीते लाए गए थे. अब इसके बाद गांधी सागर नेशनल पार्क में नए लाए जाने वाले चीतों के लिए फेंसिंग तैयार हो रही है. यहां तकरीबन 80 स्क्वायर किलोमीटर क्षेत्र में फेंसिंग जल्द बनाकर तैयार हो जाएगी. इसके साथ ही विशेषज्ञों ने मध्य प्रदेश के ही नौरादेही राष्ट्रीय उद्यान को भी चीतों की मौजूदगी के लिए सटीक पाया है.
ये भी पढ़ेंः चीतों की मौत से घबराई सरकार, चुनाव से पहले गांधी सागर में शिफ्ट होंगे चीते

कब और कैसे मरे भारत लाए गए चीते?

  1. 27 मार्च 2023 को मादा चीता साशा की मौत किडनी फेलियर होने के कारण बताई गई.
  2. 23 अप्रैल 2023 को उदय नाम के चीते की मौत हो गई जिसकी वजह संक्रमण बताया गया.
  3. 9 मई 2023 को दक्षा की मौत हुई. इस मादा चीता की मौत के लिए गठबंधन के दौरान आपसी संघर्ष को बताया गया.
  4. 23 मई 2023 को मादा चीता ज्वाला के तीन शावक मृत पाए गए. उनकी मौत के पीछे डिहाईड्रेशन और मादा चीता द्वारा शावकों के सही से ख्याल नहीं रखना बताया गया.
  5. 11 जुलाई 2023 को तेजस की मौत हुई, जिसके लिए संभवत ट्रॉमेटिक शॉक को वजह माना गया, लेकिन इसकी स्पष्ट जानकारी नहीं आ पाई.
  6. इसके बाद 14 जुलाई 2023 को सूरज नाम का चीता मृत अवस्था में मिला, जिसकी मौत के पीछे इंफेक्शन वजह मानी गई.
  7. 2 अगस्त 2023 को एक मादा चीता धात्री का भी मृत शरीर मिला और इसकी मौत के पीछे भी संक्रमण को ही वजह माना गया.

ये भी पढ़ेंः MP Cheetahs Project: कूनो में बड़े बाड़े में छोड़े गए दो नर चीते, सगे भाई है चीता गौरव और शौर्य, अब खुले जंगलों में करेंगे शिकार
पुनर्स्थापना के लिए 50 चीतों की जरूरत: कूनो नेशनल पार्क में इन नए मेहमानों की मौत भले ही तमाम वैज्ञानिक और विशेषज्ञों के लिए बड़ी चिंता का विषय हो, लेकिन वरिष्ठ वैज्ञानिक और प्रोजेक्ट से जुड़े प्रोफेसर कमर कुरैशी कहते हैं कि कूनो नेशनल पार्क में चीतों को लाना एक सफल प्रयोग है. जल्द ही कुछ और चीते भी देश में लाए जाएंगे. चीतों के भारत में पुनर्स्थापना के लिए 50 से 60 चीतों की जरूरत होगी. उन्होंने कहा कि अभी कूनो नेशनल पार्क में 14 चीते हैं और सामान्य तौर पर यहां क्षमता भी इतने ही चीतों की है.

भारत में चीतों की पुनर्स्थापना के लिए 50 से 60 चीतों की जरूरत.

देहरादून (उत्तराखंड): मध्य प्रदेश का कूनो राष्ट्रीय पार्क भारत सरकार के महत्वाकांक्षी 'प्रोजेक्ट चीता' की शुरुआत का गवाह बना है. कई महीनों के होमवर्क के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर 17 सितंबर 2022 को नामीबिया से आठ चीते लाये गए, जिन्हें कूनो राष्ट्रीय पार्क छोड़ा गया. इसके बाद दक्षिण अफ्रीका से भी 12 चीते भारत लाए गए. कुल मिलाकर कूनो नेशनल पार्क में चीतों की अधिकतम क्षमता यानी 20 चीतों को पहुंचा दिया गया. लेकिन यह प्रोजेक्ट तब विवादों में आ गया जब एक के बाद एक 6 चीतों की मौत हो गई. यही नहीं, इस दौरान 3 शावक भी यहां विभिन्न कारणों से मारे गए. इस तरह कुनों में कुल 9 चीते महज 6 महीना में ही दम तोड़ गए.

इस तरह नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 20 चीतों में से 6 की मौत होने के कारण 'प्रोजेक्ट चीता' सुर्खियों में आ गया. हालांकि, इसके बाद आनन-फानन में विभिन्न वैज्ञानिकों के साथ ही चिकित्सकों और नामीबिया से आई टीम ने चीतों की मौत को लेकर जांच शुरू कर दी. कूनो नेशनल पार्क में छोड़े गए चीतों को दोबारा वापस बाड़ों में लाकर उनका स्वास्थ्य परीक्षण शुरू कर दिया गया. अच्छी बात यह है कि बाकी सभी 14 चीते और एक शावक पूरी तरह से स्वस्थ बताए गए हैं.

अन्य सभी चीते स्वस्थ: भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून के वरिष्ठ वैज्ञानिक और 'प्रोजेक्ट चीता' से जुड़े कमर कुरैशी बताते हैं कि कूनो नेशनल पार्क में मौजूद सभी चीतों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है और सभी पूरी तरह से स्वस्थ हैं. किसी में भी किसी तरह का कोई संक्रमण मौजूद नहीं है. कमर कुरैशी कहते हैं कि चीतों की मौत का कारण अलग-अलग रहा. नए वातावरण में आने की वजह से भी उनकी मौत हुई है. जबकि एहतियात के तौर पर बाड़ों में लाए गए चीतों को जल्द ही पार्क में खुले में छोड़ दिया जाएगा.
ये भी पढ़ेंः MP Cheetah Project: चीता प्रोजेक्ट को एक साल पूरा, कभी खुशियों की खबर तो कभी मौत की, अब नन्हें शावक पर टिका भारत में चीतों का भविष्य

मध्य प्रदेश में ही रहेंगे नए मेहमान: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए अभी सरकार की तरफ से कई प्रयास किए जाने बाकी हैं. यानी भारत सरकार के 'प्रोजेक्ट चीता' की सफलता अभी दूर है. दरअसल 'प्रोजेक्ट चीता' को पूरी तरह से सफल बनाने के लिए भारत में 50 से ज्यादा चीतों की पापुलेशन जरूरी है. लिहाजा जल्द ही कुछ और चीते भारत लाने के प्रयास भी शुरू कर दिए गए हैं. खास बात यह है कि 'प्रोजेक्ट चीता' के तहत अब तक जिन नेशनल पार्क को चिन्हित किया गया है, वह सभी मध्य प्रदेश के ही हैं.

गांधी सागर नेशनल पार्क में लाए जाएंगे चीते: फिलहाल कूनो नेशनल पार्क में 20 चीते लाए गए थे. अब इसके बाद गांधी सागर नेशनल पार्क में नए लाए जाने वाले चीतों के लिए फेंसिंग तैयार हो रही है. यहां तकरीबन 80 स्क्वायर किलोमीटर क्षेत्र में फेंसिंग जल्द बनाकर तैयार हो जाएगी. इसके साथ ही विशेषज्ञों ने मध्य प्रदेश के ही नौरादेही राष्ट्रीय उद्यान को भी चीतों की मौजूदगी के लिए सटीक पाया है.
ये भी पढ़ेंः चीतों की मौत से घबराई सरकार, चुनाव से पहले गांधी सागर में शिफ्ट होंगे चीते

कब और कैसे मरे भारत लाए गए चीते?

  1. 27 मार्च 2023 को मादा चीता साशा की मौत किडनी फेलियर होने के कारण बताई गई.
  2. 23 अप्रैल 2023 को उदय नाम के चीते की मौत हो गई जिसकी वजह संक्रमण बताया गया.
  3. 9 मई 2023 को दक्षा की मौत हुई. इस मादा चीता की मौत के लिए गठबंधन के दौरान आपसी संघर्ष को बताया गया.
  4. 23 मई 2023 को मादा चीता ज्वाला के तीन शावक मृत पाए गए. उनकी मौत के पीछे डिहाईड्रेशन और मादा चीता द्वारा शावकों के सही से ख्याल नहीं रखना बताया गया.
  5. 11 जुलाई 2023 को तेजस की मौत हुई, जिसके लिए संभवत ट्रॉमेटिक शॉक को वजह माना गया, लेकिन इसकी स्पष्ट जानकारी नहीं आ पाई.
  6. इसके बाद 14 जुलाई 2023 को सूरज नाम का चीता मृत अवस्था में मिला, जिसकी मौत के पीछे इंफेक्शन वजह मानी गई.
  7. 2 अगस्त 2023 को एक मादा चीता धात्री का भी मृत शरीर मिला और इसकी मौत के पीछे भी संक्रमण को ही वजह माना गया.

ये भी पढ़ेंः MP Cheetahs Project: कूनो में बड़े बाड़े में छोड़े गए दो नर चीते, सगे भाई है चीता गौरव और शौर्य, अब खुले जंगलों में करेंगे शिकार
पुनर्स्थापना के लिए 50 चीतों की जरूरत: कूनो नेशनल पार्क में इन नए मेहमानों की मौत भले ही तमाम वैज्ञानिक और विशेषज्ञों के लिए बड़ी चिंता का विषय हो, लेकिन वरिष्ठ वैज्ञानिक और प्रोजेक्ट से जुड़े प्रोफेसर कमर कुरैशी कहते हैं कि कूनो नेशनल पार्क में चीतों को लाना एक सफल प्रयोग है. जल्द ही कुछ और चीते भी देश में लाए जाएंगे. चीतों के भारत में पुनर्स्थापना के लिए 50 से 60 चीतों की जरूरत होगी. उन्होंने कहा कि अभी कूनो नेशनल पार्क में 14 चीते हैं और सामान्य तौर पर यहां क्षमता भी इतने ही चीतों की है.

Last Updated : Sep 21, 2023, 9:50 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.