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गुदड़ी में हुए नरसंहार के पीड़ितों को मिलेगा 5 से 10 लाख रुपये, जिला प्रशासन ने तेज की पहल

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Published : Feb 13, 2020, 8:51 PM IST

चाईबासा के गुदड़ी प्रखंड में हुए 7 आदिवासियों के नरसंहार मामले में अब पीड़ित महिलाओं को सहायता राशि मिलने लगी है. जिला प्रशासन ने पीड़ित तीन महिला समूह को बकरी और मुर्गी पालन योजना उपलब्ध करा दी है. इसके साथ ही नरसंहार की घटना से पीड़ित परिवार की महिलाओं को आर्थिक सहायता देने के लिए भी कार्रवाई शुरु कर दी गई है.

victims of massacre in Chaibasa will get 5 to 10 lakh rupees
गुदड़ी में हुए नरसंहार के पीड़ितों को मिलेगा सहायता राशि

चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिले की गुदड़ी प्रखंड के बुरूगुलीकेरा में घटी नरसंहार की घटना से पीड़ित महिलाओं को मुआवजा राशि देने की तैयारी शुरु कर दी गई है. जिला प्रशासन पीड़ितों को 5 से 10 लाख रुपये प्रति परिवार देने के लिए अपनी ओर से कार्रवाई में जुट गई है.

देखें पूरी खबर

गुदड़ी प्रखंड की बुरुगुलीकेरा गांव में हुए नरसंहार की घटना को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कई दिशा निर्देश दिए थे. इसी के आधार पर जिला प्रशासन ने अपनी ओर से पहल करते हुए पीड़ित तीन महिला समूह को बकरी और मुर्गी पालन योजना उपलब्ध करा दी है. इसके साथ ही नरसंहार की घटना से पीड़ित परिवार की महिलाओं को आर्थिक सहायता देने के लिए भी कार्रवाई की जा रही है.

इसे भी पढे़ं:- एक साल से पत्थलगड़ी का मास्टरमाइंड युसूफ पूर्ति है गायब, ये है उसका दास्तान-ए-जुर्म

जिला उपायुक्त अरवा राजकमल ने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार के जरिये प्रति परिवार के महिलाओं को 5 से 10 लाख रुपये दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवारों को मिलने वाला मुआवजा झारखंड सरकार के नियमों के अनुसार दिया जाएगा. पीड़ित महिलाओं को न्यूनतम 5 लाख रुपये और अधिकतम 10 लाख रुपये सहायता के रुप में मिल सकती है. उन्होंने बताया कि पीड़ित परिवारों से आवेदन भी प्राप्त हो चुका है, जिसपर विचार करते हुए तत्काल 50 हजार रुपये नगद दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि अगले बैठक में कमेटी विचार कर पीड़ित परिवारों को न्यूनतम 5 लाख सेअधिकतम 10 लाख रुपये देने के लिए सरकार से मांग की जाएगी.

जिला उपायुक्त अरवा राजकमल ने बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पीड़ित परिवारों की महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने को कहा था, साथ ही उन परिवारों को आर्थिक रूप से भी मदद देने की बात कही थी, इसी क्रम में पीड़ित परिवारों की इच्छुक महिलाओं को लेकर 3 महिला समूह बनाया गया है, जिन्हें स्वालंबन बनाने के लिए 3 मुर्गी शेड जिला के विशेष केंद्रीय निधि से दिया गया है. इसके लिए उन्हें1 लाख 66 हजार रुपये का भी सहयोग दिया जाएगा. जिला उपायुक्त ने कहा कि पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण पीड़ित महिलाओं को खेती करने में काफी कठिनाई हो सकती है, इसके मद्देनजर महिलाओं को स्वालंबन बनाने के उद्देश्य से पोल्ट्री फॉर्म और बकरी शेड के लिए सहयोग दिया जा रहा है.

चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिले की गुदड़ी प्रखंड के बुरूगुलीकेरा में घटी नरसंहार की घटना से पीड़ित महिलाओं को मुआवजा राशि देने की तैयारी शुरु कर दी गई है. जिला प्रशासन पीड़ितों को 5 से 10 लाख रुपये प्रति परिवार देने के लिए अपनी ओर से कार्रवाई में जुट गई है.

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गुदड़ी प्रखंड की बुरुगुलीकेरा गांव में हुए नरसंहार की घटना को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कई दिशा निर्देश दिए थे. इसी के आधार पर जिला प्रशासन ने अपनी ओर से पहल करते हुए पीड़ित तीन महिला समूह को बकरी और मुर्गी पालन योजना उपलब्ध करा दी है. इसके साथ ही नरसंहार की घटना से पीड़ित परिवार की महिलाओं को आर्थिक सहायता देने के लिए भी कार्रवाई की जा रही है.

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जिला उपायुक्त अरवा राजकमल ने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार के जरिये प्रति परिवार के महिलाओं को 5 से 10 लाख रुपये दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवारों को मिलने वाला मुआवजा झारखंड सरकार के नियमों के अनुसार दिया जाएगा. पीड़ित महिलाओं को न्यूनतम 5 लाख रुपये और अधिकतम 10 लाख रुपये सहायता के रुप में मिल सकती है. उन्होंने बताया कि पीड़ित परिवारों से आवेदन भी प्राप्त हो चुका है, जिसपर विचार करते हुए तत्काल 50 हजार रुपये नगद दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि अगले बैठक में कमेटी विचार कर पीड़ित परिवारों को न्यूनतम 5 लाख सेअधिकतम 10 लाख रुपये देने के लिए सरकार से मांग की जाएगी.

जिला उपायुक्त अरवा राजकमल ने बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पीड़ित परिवारों की महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने को कहा था, साथ ही उन परिवारों को आर्थिक रूप से भी मदद देने की बात कही थी, इसी क्रम में पीड़ित परिवारों की इच्छुक महिलाओं को लेकर 3 महिला समूह बनाया गया है, जिन्हें स्वालंबन बनाने के लिए 3 मुर्गी शेड जिला के विशेष केंद्रीय निधि से दिया गया है. इसके लिए उन्हें1 लाख 66 हजार रुपये का भी सहयोग दिया जाएगा. जिला उपायुक्त ने कहा कि पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण पीड़ित महिलाओं को खेती करने में काफी कठिनाई हो सकती है, इसके मद्देनजर महिलाओं को स्वालंबन बनाने के उद्देश्य से पोल्ट्री फॉर्म और बकरी शेड के लिए सहयोग दिया जा रहा है.

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