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निजी स्कूलों की तर्ज पर गुणवत्ता युक्त शिक्षा देने के लिए शिक्षकों का कार्यशाला, 2052 शिक्षक होंगे शामिल

चाईबासा में सरकारी विद्यालयों में गुणवत्ता युक्त शिक्षा की पहल पश्चिम सिंहभूम जिला शिक्षा पदाधिकारी ने शुरू की है. इस बाबत 6 फरवरी को सदर प्रखंड में शिक्षकों की कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. इस कार्यशाला में पश्चिम सिंहभूम जिले के 2052 स्कूलों के शिक्षक शिक्षिकाएं शामिल होंगे.

निजी स्कूलों की तर्ज पर गुणवत्ता युक्त शिक्षा देने के लिए शिक्षकों की कार्यशाला कल, 2052 शिक्षक होंगे शामिल
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Published : Feb 5, 2020, 9:56 PM IST

चाईबासाः राज्य में नई सरकार आते ही गुणवत्ता युक्त शिक्षा को जोर देने का सिलसिला शुरू हो गया है. राज्य की सरकारी विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को गुणवत्ता युक्त शिक्षा मिले इसकी पहल पश्चिम सिंहभूम जिला शिक्षा पदाधिकारी नीरजा कुमारी ने शुरू की है.

देखें पूरी खबर

गुरुवार से कार्यशाला

पश्चिम सिंहभूम जिला शिक्षा पदाधिकारी नीरजा कुजुर ने कहा कि निजी स्कूलों की तुलना में सरकारी विद्यालयों की शिक्षा को फिसड्डी माना जाता रहा है. लेकिन यह प्रयास है कि सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी ऐसी शिक्षा पाएं की न केवल अपनी शिक्षा पर गुमान कर सकें, बल्कि निजी स्कूलों के छात्र-छात्राओं को प्रतिस्पर्धा के दौर में टक्कर दे सकें. सरकारी स्कूलों के बच्चों को पूरी तरह से हर चुनौतियों का सामना करने के लिए पश्चिम सिंहभूम जिला शिक्षा पदाधिकारी यह मुहिम 6 फरवरी को शुरू होगी. जिसके तहत गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करने की दिशा में पहल करते हुए सदर प्रखंड के असुरा गांव स्थित विद्यालय परिसर में शिक्षकों की कार्यशाला का भी आयोजन किया जा रहा है. इस कार्यशाला में पश्चिम सिंहभूम जिले के 2052 स्कूलों के शिक्षक शिक्षिकाएं शामिल होंगे.

जिला शिक्षा पदाधिकारी की इस पहल से बच्चों गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा ले सकेंगे वही बच्चों को तैयार करने वाले शिक्षकों को भी सम्मानित किया जाएगा. इसके साथ ही इस प्रयास से छात्रों के साथ-साथ शिक्षकों को भी लाभान्वित करेगा और झारखंड के सरकारी विद्यालय भी निजी विद्यालयों के साथ खड़े होने में किसी स्तर पर पीछे नहीं रहेगा.

चाईबासाः राज्य में नई सरकार आते ही गुणवत्ता युक्त शिक्षा को जोर देने का सिलसिला शुरू हो गया है. राज्य की सरकारी विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को गुणवत्ता युक्त शिक्षा मिले इसकी पहल पश्चिम सिंहभूम जिला शिक्षा पदाधिकारी नीरजा कुमारी ने शुरू की है.

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गुरुवार से कार्यशाला

पश्चिम सिंहभूम जिला शिक्षा पदाधिकारी नीरजा कुजुर ने कहा कि निजी स्कूलों की तुलना में सरकारी विद्यालयों की शिक्षा को फिसड्डी माना जाता रहा है. लेकिन यह प्रयास है कि सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी ऐसी शिक्षा पाएं की न केवल अपनी शिक्षा पर गुमान कर सकें, बल्कि निजी स्कूलों के छात्र-छात्राओं को प्रतिस्पर्धा के दौर में टक्कर दे सकें. सरकारी स्कूलों के बच्चों को पूरी तरह से हर चुनौतियों का सामना करने के लिए पश्चिम सिंहभूम जिला शिक्षा पदाधिकारी यह मुहिम 6 फरवरी को शुरू होगी. जिसके तहत गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करने की दिशा में पहल करते हुए सदर प्रखंड के असुरा गांव स्थित विद्यालय परिसर में शिक्षकों की कार्यशाला का भी आयोजन किया जा रहा है. इस कार्यशाला में पश्चिम सिंहभूम जिले के 2052 स्कूलों के शिक्षक शिक्षिकाएं शामिल होंगे.

जिला शिक्षा पदाधिकारी की इस पहल से बच्चों गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा ले सकेंगे वही बच्चों को तैयार करने वाले शिक्षकों को भी सम्मानित किया जाएगा. इसके साथ ही इस प्रयास से छात्रों के साथ-साथ शिक्षकों को भी लाभान्वित करेगा और झारखंड के सरकारी विद्यालय भी निजी विद्यालयों के साथ खड़े होने में किसी स्तर पर पीछे नहीं रहेगा.

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