सरायकेला: आदित्यपुर थाना क्षेत्र में दुकानदार से रंगदारी मांगने के आरोप में नाबालिगों को थाना प्रभारी राजन कुमार ने पकड़ने के बाद पैदल बाजार में परेड कराया. घुमाने के बाद थाना प्रभारी थाने ले गए. इसी बात को लेकर अब मामला तूल पकड़ने लगा है. लोगों का आरोप है कि पुलिस नाबालिगों के साथ गलत व्यवहार नहीं कर सकती है. नाबालिग आरोपियों का चेहरा ढका हुआ होता है. जबकि पुलिस ने उन्हें बाजार में सबके सामने उनका चेहरा दिखाते हुए परेड करवाया, जो कानूनन अपराध है.
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थाना प्रभारी ने क्या कहा: आदित्यपुर थाना प्रभारी ने आरोपी नाबालिग हैं और इनके विरुद्ध पूर्व में कोई मामला दर्ज नहीं है. लिहाजा एसपी और एसडीपीओ से प्राप्त निर्देश के बाद इनके ऊपर केस नहीं किया जाएगा. कहा कि दिंडली बाजार स्थित दुकानदार प्रेम कुमार से इन नाबालिगों ने रंगदारी मांग थी. जहां दुकानदार द्वारा पिस्तौल दिखाने की बात भी कहीं गई थी. कहा कि पुलिस ने आरोपियों के पास से हथियार बरामद नहीं किया है.
मामला आने के बाद कार्रवाई: नाबालिग आरोपियों को पकड़कर बाजार में परेड कराए जाने संबंधित मामले को लेकर जब सरायकेला एसपी आनंद प्रकाश से बात की गई तो उन्होंने कहा कि फिलहाल मामला उनके संज्ञान में नहीं है. एसपी ने कहा कि अगर ऐसा कोई मामला संज्ञान में आता है, तो दोषी थाना प्रभारी पर निश्चित तौर से कार्रवाई की जाएगी. गौरतलब है कि नाबालिग आरोपियों को थाने में हिरासत में रखने के बजाय बालमित्र थाना में रखकर उनके साथ मधुर व्यवहार किए जाने का नियम है. यहां तक की नाबालिग से पूछताछ भी पुलिस को बिना वर्दी के करना है. लेकिन आदित्यपुर पुलिस ने संभवत इन सभी नियमों को दरकिनार किया है.
जेजे एक्ट का उल्लंघन जघन्य अपराध: सरायकेला डालसा सचिव क्रांति प्रसाद ने इस संबंध में दूरभाष पर बताया है कि जस्टिस जूविनाइल एक्ट का उल्लंघन करने वाले सरकारी पदाधिकारियों पर इन मामलों में कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.उन्होंने कहा की संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आने वाले नाबालिग को भी पुलिस बाजार में परेड नहीं करा सकती. यह नियम के पूर्णत: विरुद्ध है. वहीं इस गंभीर मुद्दे पर वरिष्ठ अधिवक्ता सुधीर कुमार 'पप्पू' ने बताया है कि पुलिस माइनर के साथ ऐसा व्यवहार नहीं कर सकती, यदि ऐसा कोई मामला सामने आता है तो इसकी जांच कर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. क्योंकि कानून से खिलवाड़ करने का हक किसी को नहीं है.