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बुरुगुलिकेरा नरसंहार में PLFI का हाथ नहीं, कमांडर शनिचर सुरीन ने जारी की प्रेस विज्ञप्ति - पत्थलगड़ी समर्थकों ने माओवादियों के साथ मिलकर किया था नरसंहार

पश्चिमी सिंहभूम जिले के चर्चित बुरुगुलिकेरा नरसंहार में एक नया  मोड़ आ गया है. प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीएलएफआई ने यह दावा किया कि माओवादियों के साथ पत्थलगड़ी समर्थकों ने इस नरसंहार को अंजाम दिया है, इसमें पीएलएफआई का कोई हाथ नहीं है. इसकी जानकारी बुधवार को पीएलएफआई के रिजनल कमांडर शनिचर सुरीन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी है.

PLFI not involved in Burugulikera massacre in chaibasa
बुरुगुलिकेरा नरसंहार
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Published : Feb 5, 2020, 4:50 PM IST

चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिले के गुदड़ी थाना अंतर्गत चर्चित बुरुगुलिकेरा गांव में हुए नरसंहार के मामले में पीएलएफआई ने अपना हाथ होने से इंकार किया है. इसकी जानकारी बुधवार को पीएलएफआई के रिजनल कमांडर शनिचर सुरीन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी है.

प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीएलएफआई के रिजनल कमांडर शनिचर सुरीन ने कहा कि बुरुगुलीकेरा नरसंहार में मारे गए लोगों का पीएलएफआई से कोई संबंध नहीं है. पीएलएफआई कमांडर ने जारी विज्ञप्ति में संगठन को बदनाम करने के लिए कई तरह के आवाज उठाने की बात बताई है. इसके अलावा घटना के बारे कहा गया है कि पत्थलगड़ी समर्थकों ने माओवादियों से मिलकर घटना को अंजाम दिया है. पत्थलगड़ी को माओवादी ही चला रहे हैं, ऐसा बताया पीलएफआई कमांडर ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा है.

इसे भी पढ़ें- नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : हैदराबादी युवा ने बनाया नॉन-प्लास्टिक वी-कार्ड

पीएलएफआई कमांडर के जारी विज्ञप्ति में कई बातों को बताया गया है. नरसंहार के बाद विवादित पत्थलगड़ी समर्थकों का दावा था कि पीएलएफआई मारे गए पत्थलगड़ी विरोधी लोगों का विरोध करते थे. उनके आधार कार्ड और राशन कार्ड को लेकर पत्थलगड़ी समर्थक जला दिया था. ऐसे में जनता दो गुट में बंट गई है, जब पत्थलगड़ी का विरोध करने वालों को बैठक बुलाई गई तो बैठक में माओवादी के लोग पत्थलगड़ी के ड्रेस में शामिल थे और पत्थलगड़ी का विरोध करने वालों को माओवादियों ने कुछ पत्थलगड़ी समर्थकों के साथ मिलकर जंगल में पत्थलगड़ी विरोधी लोगों को सिर कलम कर दिया. लेकिन ऐसा महौल बनाया गया कि पीएलएफआई ने पत्थलगड़ी विरोधी लोगों को मारा है.

चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिले के गुदड़ी थाना अंतर्गत चर्चित बुरुगुलिकेरा गांव में हुए नरसंहार के मामले में पीएलएफआई ने अपना हाथ होने से इंकार किया है. इसकी जानकारी बुधवार को पीएलएफआई के रिजनल कमांडर शनिचर सुरीन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी है.

प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीएलएफआई के रिजनल कमांडर शनिचर सुरीन ने कहा कि बुरुगुलीकेरा नरसंहार में मारे गए लोगों का पीएलएफआई से कोई संबंध नहीं है. पीएलएफआई कमांडर ने जारी विज्ञप्ति में संगठन को बदनाम करने के लिए कई तरह के आवाज उठाने की बात बताई है. इसके अलावा घटना के बारे कहा गया है कि पत्थलगड़ी समर्थकों ने माओवादियों से मिलकर घटना को अंजाम दिया है. पत्थलगड़ी को माओवादी ही चला रहे हैं, ऐसा बताया पीलएफआई कमांडर ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा है.

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पीएलएफआई कमांडर के जारी विज्ञप्ति में कई बातों को बताया गया है. नरसंहार के बाद विवादित पत्थलगड़ी समर्थकों का दावा था कि पीएलएफआई मारे गए पत्थलगड़ी विरोधी लोगों का विरोध करते थे. उनके आधार कार्ड और राशन कार्ड को लेकर पत्थलगड़ी समर्थक जला दिया था. ऐसे में जनता दो गुट में बंट गई है, जब पत्थलगड़ी का विरोध करने वालों को बैठक बुलाई गई तो बैठक में माओवादी के लोग पत्थलगड़ी के ड्रेस में शामिल थे और पत्थलगड़ी का विरोध करने वालों को माओवादियों ने कुछ पत्थलगड़ी समर्थकों के साथ मिलकर जंगल में पत्थलगड़ी विरोधी लोगों को सिर कलम कर दिया. लेकिन ऐसा महौल बनाया गया कि पीएलएफआई ने पत्थलगड़ी विरोधी लोगों को मारा है.

Intro:चाईबासा। जिले के चर्चित गुदड़ी थानान्तर्गत बुरुगुलिकेरा गांव में हुए नरसंहार के मामले में पीएलएफआई ने अपने हाथ होने से इंकार किया है। इसकी जानकारी पीएलएफआई के रिजनल कमांडर शनिचर सुरीन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी है।

Body:पीएलएफआई रीजनल कमांडर ने कहा कि बुरुगुलीकेरा नरसंहार में मारे गए लोगों का पीएलएफआई से कोई संबंध नही है। विज्ञप्ति में संगठन को बदनाम करने के लिए कई तरह के आवाज उठाने की बात बतायी है। इसके अलावे घटना के बारे कहा गया है कि पत्थलगड़ियो ने माओवादियों से मिलकर घटना को अंजाम दिया है. जिसमे पत्थलगड़ी को माओवादी के द्वारा ही चलाया जा रहा बताया गया है। वही मारे गए लोग पत्थलगडी का विरोध किया करते थे। उनके द्वारा आधार कार्ड राशन कार्ड को लेकर पत्थलगडी लोग जला दिया जाता था। जनता दो गुट में बंट गई है । जो पत्थलगडी का विरोध करने वालों को बैठक बुलाया गया तो बैठक में माओवादी के लोग पत्थलगडी के ड्रेस में शामिल थे और पत्थलगडी का विरोध करने वालों को पत्थलगडी और माओवादी ने मिलकर जंगल मे सिर कलम कर दिया। क्योंकि माओवादियों के द्वारा पत्थलगड़ी क्षेत्र में चलाया जा रहा है। Conclusion:
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