चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिले के गुदड़ी थाना अंतर्गत चर्चित बुरुगुलिकेरा गांव में हुए नरसंहार के मामले में पीएलएफआई ने अपना हाथ होने से इंकार किया है. इसकी जानकारी बुधवार को पीएलएफआई के रिजनल कमांडर शनिचर सुरीन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी है.
प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीएलएफआई के रिजनल कमांडर शनिचर सुरीन ने कहा कि बुरुगुलीकेरा नरसंहार में मारे गए लोगों का पीएलएफआई से कोई संबंध नहीं है. पीएलएफआई कमांडर ने जारी विज्ञप्ति में संगठन को बदनाम करने के लिए कई तरह के आवाज उठाने की बात बताई है. इसके अलावा घटना के बारे कहा गया है कि पत्थलगड़ी समर्थकों ने माओवादियों से मिलकर घटना को अंजाम दिया है. पत्थलगड़ी को माओवादी ही चला रहे हैं, ऐसा बताया पीलएफआई कमांडर ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा है.
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पीएलएफआई कमांडर के जारी विज्ञप्ति में कई बातों को बताया गया है. नरसंहार के बाद विवादित पत्थलगड़ी समर्थकों का दावा था कि पीएलएफआई मारे गए पत्थलगड़ी विरोधी लोगों का विरोध करते थे. उनके आधार कार्ड और राशन कार्ड को लेकर पत्थलगड़ी समर्थक जला दिया था. ऐसे में जनता दो गुट में बंट गई है, जब पत्थलगड़ी का विरोध करने वालों को बैठक बुलाई गई तो बैठक में माओवादी के लोग पत्थलगड़ी के ड्रेस में शामिल थे और पत्थलगड़ी का विरोध करने वालों को माओवादियों ने कुछ पत्थलगड़ी समर्थकों के साथ मिलकर जंगल में पत्थलगड़ी विरोधी लोगों को सिर कलम कर दिया. लेकिन ऐसा महौल बनाया गया कि पीएलएफआई ने पत्थलगड़ी विरोधी लोगों को मारा है.