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रात में पानी चोरी करने की बेबसी, बूंद-बूंद के लिए मारामारी की नौबत

चाईबासा में शहर की एक बड़ी आबादी पेयजल की समस्या से परेशान हैं. आलम ये है कि यहां की एक बड़ी आबादी मात्र एक हैंडपंप के भरोसे जिंदगी बसर कर रहे हैं. पानी के लिए ऐसा त्राहिमाम है कि लोगों को रात के अंधेरे में दूसरे मोहल्ले से पानी की चोरी करनी पड़ रही है. क्या है पूरा माजरा, पढ़िए इस रिपोर्ट में.

People are troubled by problem of drinking water in Chaibasa
पेयजल की समस्या
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Published : Apr 16, 2021, 1:32 PM IST

Updated : Apr 16, 2021, 7:30 PM IST

चाईबासा: लगातार बढ़ रही गर्मी के साथ जिला के विभिन्न क्षेत्रों में जल संकट गहराने लगा है. इस बार पानी का संकट भयावह लग रहा है. पानी को लेकर हर तरफ हाहाकार मचना शुरू हो गया है. गर्मी शुरू होते ही चाईबासा शहर की जलापूर्ति 3-4 दिन में एक बार हो रही है, वहीं चापाकल में भी पानी रुक-रुककर आ रहा है.

देखें पूरी खबर

इसे भी पढ़ें- कस्तूरबा गांधी विद्यालय में पानी की किल्लत, छात्राएं परेशान

करनी पड़ती है पानी की चोरी

अहले सुबह से ही लोग अपने बर्तन नल के सामने लाकर रख देते हैं कि कब नल से पानी आएगा और उनकी बारी आने पर वो पानी भरकर घर ले जाएंगे. कई बार लोगों को बैरंग ही अपने घर लौटना पड़ता है. क्योंकि नल से पानी आएगा या नहीं यह कोई नहीं जानता. स्थानीय निवासी बताते हैं कि कभी-कभी हफ्तों इस नल से पानी नहीं आता है. लोग हैंडपंप का पानी को पीने को मजबूर हैं. जब हैंडपंप भी काम नहीं करता तो दूर-दूर से पानी लाना पड़ता है.
आसपास के लोग बताते हैं कि इतना ही नहीं जब सभी सो जाते हैं तो दूसरे वार्ड में लगे चापाकल से कई बार तो उन्हें पानी चोरी करके भी लाना पड़ता है. क्योंकि जिस जगह पर दूसरा हैंडपंप है, वहां के लोग पानी भरने नहीं देते, लड़ाई-झगड़ा करते हैं. जिस वजह से पानी की जरूरत पड़ने पर रात को अंधेरे का इंतजार करने के बाद लोग दूसरे मोहल्ले से पानी चुराकर लाना पड़ता है.

एक हैंडपंप के भरोसे बड़ी आबादी

चाईबासा शहर के वार्ड 5 और 6 के लोग पानी की समस्या से इन दिनों जूझ रहे हैं. एक ओर सरकार हर नल जल और हर घर नल की बात तो करती है. मगर तस्वीर कुछ और ही सच्चाई बयां कर रही है. चाईबासा शहर कोल्हान प्रमंडल का मुख्यालय के बीच मोहल्लों में रहने वाली घनी आबादी जो पानी के लिए त्राहिमाम कर रही है. एकमात्र हैंडपंप के सहारे एक घनी आबादी अपना जीवन बसर कर रही है. पेयजल विभाग ने पाइप लाइन तो बिछाई है, उसमें से पानी की बूंद कभी-कभी ही गिरती है.

लोगों को पानी के लिए कई किलोमीटर का सफर भी तय करना पड़ता है. पानी रोजमर्रा की जिंदगी में क्या अहमियत रखता है यह बताने की जरूरत नहीं है. बिन पानी सब कुछ सून है. मगर बात करें चाईबासा शहर के गाड़ीखाना कि तो यहां पर लोग पानी के लिए त्राहिमाम कर रहे हैं. क्योंकि यहां पर सप्लाई नल तो है मगर पानी उसमें कभी-कभी ही आता है. एक हैंडपंप के सहारे एक बड़ी आबादी को अपना गुजर-बसर करना पड़ रहा है.

इसे भी पढ़ें- कोल्हान DIG ने पैदल घूम कर मास्क पहनने के लिए किया जागरूक, कोरोना के रोकथाम के लिए बताया जरूरी


जल्द जलापूर्ति का मिला भरोसा

वार्ड पार्षद विप्लव कुमार सिंह बताते हैं कि हमारे वार्ड के लोग लगभग सप्लाई पानी पर ही निर्भर करते हैं. वार्ड में पिछले दो दिनों से पानी की सप्लाई नहीं हुई है. इस संबंध में पेजयल विभाग के अभियंता से बात हुई है. उन्होंने बताया कि पाइप में बालू चढ़ जाने के कारण पानी की सप्लाई नहीं हो सकी है. उम्मीद है कि समस्या का समाधान होने के बाद पानी की सप्लाई कर दी जाएगी. हमारे कुछ स्लम क्षेत्र हैं जंहा पानी पहुंचाने में दिक्कत हो रही है.

सरकार ने स्टैंड पोस्ट पर रोक लगा दी है. हमने पानी का कनेक्शन के लिए बोर्ड की बैठक में पारित भी करवा दिया था. कुछ लोगों के विवाद की वजह से उसे भी स्थागित कर दिया गया. वार्ड में दो हैंडपंप हैं, जिसमें असमाजिक तत्वों ने पत्थर डाल दिया, जिससे वह पूरी तरह से खराब हो चुका है. इधर सरकार ने निर्णय लिया गया है कि जहां चापाकल खराब होगा या पानी की किल्लत होगी वहां नया चापाकल दिया जाएगा. फिलहाल ऐसा कुछ भी होता नजर नहीं आ रहा है.

चाईबासा: लगातार बढ़ रही गर्मी के साथ जिला के विभिन्न क्षेत्रों में जल संकट गहराने लगा है. इस बार पानी का संकट भयावह लग रहा है. पानी को लेकर हर तरफ हाहाकार मचना शुरू हो गया है. गर्मी शुरू होते ही चाईबासा शहर की जलापूर्ति 3-4 दिन में एक बार हो रही है, वहीं चापाकल में भी पानी रुक-रुककर आ रहा है.

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करनी पड़ती है पानी की चोरी

अहले सुबह से ही लोग अपने बर्तन नल के सामने लाकर रख देते हैं कि कब नल से पानी आएगा और उनकी बारी आने पर वो पानी भरकर घर ले जाएंगे. कई बार लोगों को बैरंग ही अपने घर लौटना पड़ता है. क्योंकि नल से पानी आएगा या नहीं यह कोई नहीं जानता. स्थानीय निवासी बताते हैं कि कभी-कभी हफ्तों इस नल से पानी नहीं आता है. लोग हैंडपंप का पानी को पीने को मजबूर हैं. जब हैंडपंप भी काम नहीं करता तो दूर-दूर से पानी लाना पड़ता है.
आसपास के लोग बताते हैं कि इतना ही नहीं जब सभी सो जाते हैं तो दूसरे वार्ड में लगे चापाकल से कई बार तो उन्हें पानी चोरी करके भी लाना पड़ता है. क्योंकि जिस जगह पर दूसरा हैंडपंप है, वहां के लोग पानी भरने नहीं देते, लड़ाई-झगड़ा करते हैं. जिस वजह से पानी की जरूरत पड़ने पर रात को अंधेरे का इंतजार करने के बाद लोग दूसरे मोहल्ले से पानी चुराकर लाना पड़ता है.

एक हैंडपंप के भरोसे बड़ी आबादी

चाईबासा शहर के वार्ड 5 और 6 के लोग पानी की समस्या से इन दिनों जूझ रहे हैं. एक ओर सरकार हर नल जल और हर घर नल की बात तो करती है. मगर तस्वीर कुछ और ही सच्चाई बयां कर रही है. चाईबासा शहर कोल्हान प्रमंडल का मुख्यालय के बीच मोहल्लों में रहने वाली घनी आबादी जो पानी के लिए त्राहिमाम कर रही है. एकमात्र हैंडपंप के सहारे एक घनी आबादी अपना जीवन बसर कर रही है. पेयजल विभाग ने पाइप लाइन तो बिछाई है, उसमें से पानी की बूंद कभी-कभी ही गिरती है.

लोगों को पानी के लिए कई किलोमीटर का सफर भी तय करना पड़ता है. पानी रोजमर्रा की जिंदगी में क्या अहमियत रखता है यह बताने की जरूरत नहीं है. बिन पानी सब कुछ सून है. मगर बात करें चाईबासा शहर के गाड़ीखाना कि तो यहां पर लोग पानी के लिए त्राहिमाम कर रहे हैं. क्योंकि यहां पर सप्लाई नल तो है मगर पानी उसमें कभी-कभी ही आता है. एक हैंडपंप के सहारे एक बड़ी आबादी को अपना गुजर-बसर करना पड़ रहा है.

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जल्द जलापूर्ति का मिला भरोसा

वार्ड पार्षद विप्लव कुमार सिंह बताते हैं कि हमारे वार्ड के लोग लगभग सप्लाई पानी पर ही निर्भर करते हैं. वार्ड में पिछले दो दिनों से पानी की सप्लाई नहीं हुई है. इस संबंध में पेजयल विभाग के अभियंता से बात हुई है. उन्होंने बताया कि पाइप में बालू चढ़ जाने के कारण पानी की सप्लाई नहीं हो सकी है. उम्मीद है कि समस्या का समाधान होने के बाद पानी की सप्लाई कर दी जाएगी. हमारे कुछ स्लम क्षेत्र हैं जंहा पानी पहुंचाने में दिक्कत हो रही है.

सरकार ने स्टैंड पोस्ट पर रोक लगा दी है. हमने पानी का कनेक्शन के लिए बोर्ड की बैठक में पारित भी करवा दिया था. कुछ लोगों के विवाद की वजह से उसे भी स्थागित कर दिया गया. वार्ड में दो हैंडपंप हैं, जिसमें असमाजिक तत्वों ने पत्थर डाल दिया, जिससे वह पूरी तरह से खराब हो चुका है. इधर सरकार ने निर्णय लिया गया है कि जहां चापाकल खराब होगा या पानी की किल्लत होगी वहां नया चापाकल दिया जाएगा. फिलहाल ऐसा कुछ भी होता नजर नहीं आ रहा है.

Last Updated : Apr 16, 2021, 7:30 PM IST
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